सोमवार (अप्रैल 27, 2020) को ‘द सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज’ ने तीन वरिष्ठ आईआरएस अधिकारियों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दायर की। तीनों अधिकारियों के ख़िलाफ़ नियमों के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है और उन्हें दी गई जिम्मेदारियों को वापस ले लिया गया है। बता दें कि इन्होने ‘FORCE’ नामक एक डॉक्यूमेंट सार्वजनिक कर दिया था, जिसने 25 अप्रैल को मीडिया में जारी किया गया। इस डॉक्यूमेंट को तैयार करने में इन तीनों का अहम रोल है।
इनमें से एक अधिकारी का नाम प्रशांत भूषण है, जो आईआरएस के जनरल सेक्रेटरी हैं और उनकी पत्नी बेगूसराय से कॉन्ग्रेस विधायक हैं। आईआरएस के जॉइंट सेक्रेटरी प्रकाश दूबे के ख़िलाफ़ भी चार्जशीट दायर की गई है। इन दोनों के अलावा एक संजय बहादुर के ख़िलाफ़ भी जाँच शुरू की गई है, जो 1989 बैच के आईआरएस अधिकारी हैं। उन्हें नार्थ ईस्ट रीजन में प्रिंसिपल डायरेक्टर, इन्वेस्टीगेशन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
इन तीनों अधिकारियों के पास 3 दशक से भी अधिक का अनुभव है लेकिन उन्होंने 50 जूनियर अधिकारियों को बरगला कर ये रिपोर्ट तैयार करवाई। उन्होंने अपने पद का दुरूपयोग किया और नियमों के ख़िलाफ़ जाते हुए काम किया। नियमों के मुताबिक, जूनियर अधिकारियों द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट को पहले सरकार के पास भेजा जाना चाहिए था, जिस पर सरकार विचार करती। बजाय इसके तीनों वरिष्ठ अधिकारियों ने इसे सार्वजनिक कर जनता के बीच डर का माहौल बनाने की कोशिश की।
Prashant Bhushan (IRS, 1988 batch), who is the General Secretary of IRS Association, is chargesheeted for putting the IRS Officers’ #FORCE Report in public domain without any authority & creating panic in the country!
— The Lazy Lawyer (@BBTheorist) April 27, 2020
By the way, his wife is Congress MLA from Begusarai, Bihar.😊
जब देश कोरोना संक्रमण आपदा से जूझ रहा है, ऐसे में पब्लिक के मन में भय का माहौल बनाने वाले इन अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई होगी। बता दें कि इस डॉक्यूमेंट में टैक्स सिफारिशें की गई थीं। इसे आईआरएस एसोसिएशन के ट्विटर हैंडल से डाला गया था। यह ट्वीट आने से कुछ देर पहले ‘द प्रिंट’ ने इस सम्बन्ध में अधिकारियों के बयान के साथ ख़बर पब्लिश की थी, जिसे आईआरएस एसोसिएशन ने रीट्वीट किया था। इसके कुछ देर बाद पूरा डॉक्यूमेंट ही डाल दिया गया।
‘द प्रिंट’ इससे पहले भी वित्तीय मामलों में ऐसे कारनामे कर चुका है। ‘दी प्रिंट’ ने अपनी एक खबर में बताया था कि वित्त मंत्री ने मुंबई के उद्योगपतियों का अपमान किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दी प्रिंट की यह खबर ट्वीट करते हुए पूछा था कि क्या यह कोई मजाक है? उन्होंने कहा था कि अगर यह मजाक न होकर गंभीर है तो फिर यह बदनाम करने के लिए और दुर्भावनापूर्ण है।