Sunday, November 17, 2024
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घर पर ग्रेनेड अटैक, माँ जख्मी; फिर भी 8 साल की हिमप्रिया ने नहीं मानी हार: मिलिए उससे जिसने 3 घंटे तक आतंकी को रोके रखा

आर्मी कैंप पर हमले के दौरान हिमप्रिया ने करीब तीन घंटे तक आतंकी को उलझाए रखा जिससे सेना को सटीक कार्रवाई के लिए वक्त मिला।

हाल ही में 73वें गणतंत्र दिवस के मौके पर देश के 29 बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (PMRBP) से सम्मानित किया गया। इनमें से किसी ने अपनी चालाकी और बहादुरी से आतंकी हमले में अपने परिवार को बचाया तो किसी ने मगरमच्छ से लड़कर अपने भाई की जान बचाई। कोई सिंगिंग चैंपियन है तो कोई खेल में अपना जलवा बिखेर रहा है। हर एक बच्चे की कहानी जानदार है, जिसे जानकर आपको भी इन कर्णधारों पर नाज होगा।

इन्हीं बच्चों में से एक है आंध्र प्रदेश की 12 साल की गुरुगु हिमप्रिया (Gurugu Himapriya)। उसने 2018 में जम्मू-कश्मीर में एक आतंकवादी हमले के दौरान अपनी माँ और दो छोटी बहनों को बचाया था। उस समय हिमप्रिया की उम्र 8 साल थी। उन्हें इस बहादुरी के लिए पुरस्कार दिया गया है।

हिमप्रिया अपने पिता हवलदार गुरुगु सत्यनारायण, माता पद्मावती और बहनों ऋषिता और अवंतिका के साथ जम्मू-कश्मीर के सुंजवान में सेना के आवासीय क्वार्टर में रह रही थीं। इस बीच 10 फरवरी 2018 को जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने आर्मी कैंप पर हमला कर दिया। जब हमला हुआ था सत्यनारायण उधमपुर में ड्यूटी पर तैनात थे।

हिमप्रिया ने ही सेना को किया था अलर्ट

एक आतंकवादी को क्वार्टर में घुसते देख पद्मावती ने खुद को अपनी तीन बेटियों के साथ बेडरूम में बंद कर लिया। आतंकी ने दरवाजे को तोड़ने की हर कोशिश की। लेकिन हिमप्रिया ने माँ के साथ मिलकर किसी तरह दरवाजे को टूटने से बचाए रखा। आखिर में आतंकी ने ग्रेनेड से हमला कर दिया जिससे पद्मावती बुरी तरह घायल हो गईं। हिमप्रिया को भी चोटें लगी। लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी। माँ को होश में लाने का प्रयास करती रही। ग्रेनेड धमाके के बाद आतंकी घर के भीतर घुस चुका था। उसने सबको बंधक बना लिया। हिमप्रिया ने आतंकवादी को तीन-चार घंटे तक अपनी बातों में उलझाए रखा

आतंकी से हिमप्रिया अपनी माँ को अस्पताल ले जाने की जिद करती रही। इसने सेना को कार्यवाही करने के लिए समय दिया और आतंकी मार गिराया गया। आतंकियों की कोशिश थी कि वे सैन्य परिवारों को निशाना बनाएँ। लेकिन इस चाल को हिमप्रिया की वीरता ने नाकाम कर दिया था।

29 बच्चे हुए सम्मानित

इस साल, बाल शक्ति पुरस्कार की तमाम श्रेणियों के तहत देश भर से 29 बच्चों को पीएमआरबीपी-2022 के लिए चुना गया है। इन PMRBP पुरस्कार विजेताओं को ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के जरिए साल 2022 और 2021 के डिजिटल प्रमाण-पत्र प्रदान किए जाएँगे। इन बच्चों में कुमारी गौरी माहेश्वरी, सईद फतीन अहमद, रिमोना ईवेट परेरा, दौलस लेम्बा मायूम, देवी प्रसाद, धृतिश्मान चक्रवर्ती, गुरुगु हिमप्रिया, शिवांगी काले, धीरज कुमार, विशालिनी, जुई अभिजीत केसकर, शिवम रावत, बनिता दास, पुहाबी चक्रवर्ती, अश्वथा बीजू, तनिश सेठी, अवि शर्मा, आकर्ष कौशल, मेधांश कुमार गुप्ता, अभिनव कुमार चौधरी, पल साक्षी,जिया राय, तेलुकुंटा विराट चंद्र, श्रिया लोहिया, अन्वी विजय झांझरुकिया, चंद्रय सिंह चौधरी, स्वयं पाटिल, तरुणी गौड़ और आरुषी कोतवाल का नाम शामिल है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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