Sunday, April 28, 2024
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7.6% रही GDP, विदेशियों ने कहा था 6%… कोर इंडस्ट्री भी 14 महीने में सबसे तेज: 5 आँकड़ों से जानिए भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार को

भारत की अर्थव्यवस्था लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है। नवम्बर माह में सामने आए आँकड़े इसकी पुष्टि कर रहे हैं। जीडीपी वृद्धि दर 7.6% रही है और इसने विदेशी अनुमानों को पीछे छोड़ दिया है।

भारत की अर्थव्यवस्था लगातार तेजी से बढ़ रही है, इसका प्रमाण फिर से एक बार नए आँकड़ों ने दिया है। अर्थव्यवस्था की पूरी बढ़त से लेकर देश के उद्योग धंधे तेजी से बढ़ रहे हैं तो सरकार की कमाई भी तेजी से बढ़ रही है। भारत, दुनिया में आई अस्थिरता के बाद भी आर्थिक मोर्चे पर बढ़िया प्रदर्शन कर रहा है और इस समय विश्व की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। भारत पर यूक्रेन-रूस और इजरायल-हमास के बीच चल रहे युद्ध का भी उतना असर नहीं पड़ा है।

देश की अर्थव्यस्था की बढ़ने की रफ़्तार चालू वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितम्बर) में 7.6% रही है। GST का संग्रह एक बार फिर ₹1.6 लाख करोड़ पार कर गया है। अर्थव्यवस्था की रीढ़ समझी जाने वाली इंडस्ट्री जैसे कि सीमेंट, बिजली, कच्चा तेल और गैस आदि में भी बढ़त दिखाई पड़ी है। दिसम्बर माह में आए आँकड़ों से अब पूरी तस्वीर साफ़ हो गई है। भारत की अर्थव्यवस्था कैसे आगे बढ़ रही है, इसको समझने के लिए हाल ही में सामने आए इन पाँच आँकड़ों को समझना होगा।

जीडीपी वृद्धि दर: अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा सूचकांक

जीडीपी वृद्धि दर किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की बढ़त को मापने का सबसे मूल साधन है। भारतीय अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में 7.6% की वृद्धि प्राप्त की है। यह अनुमानों से कहीं अधिक है। इसे पहले वैश्विक संस्थानों ने अनुमान लगाया था कि भारत की आर्थिक तरक्की की गति 6% से लेकर 7% के बीच में रहेगी। हालाँकि, इसने इन अनुमानों को पीछे छोड़ दिया है।

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 7.8% रही थी। इस प्रकार पहले छः महीनों में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 7.7% रही है, जो कि किसी भी बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था से कहीं अधिक है। नए आँकड़ों के अनुमानों से अधिक आने के कारण अब पूरे वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अनुमानों में भी वृद्धि हो गई है।

अभी देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नाग्रेश्वरन ने कहा है कि उन्हें आशा है कि भारत 6.5% की दर से इस वर्ष बढ़े। उन्होंने इसमें वृद्धि की भी संभावनाएँ जताई हैं। जहाँ भारत की अर्थव्यस्था अनुमानों को पीछे छोड़ रही हैं, वहीं चीन की तरक्की की रफ़्तार धीमी पड़ रही है। चीन की अर्थव्यवस्था वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही (जुलाई-सितम्बर) में मात्र 4.9% की धीमी रफ्तार से बढ़ी है।

GST के आँकड़े – अर्थव्यवस्था में वृद्धि से सरकार की कमाई भी बढ़ी

वित्त मंत्रालय हर माह की एक तारीख को पिछले माह में इकट्ठा किए गए वस्तु एवं सेवा कर के आँकड़े जारी करता है। इन आँकड़ों में बढ़त का मतलब होता है कि देश में उद्योग-धंधे तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। नवम्बर 2023 में देश का GST संग्रह ₹1.67 लाख करोड़ रहा है। यह बीते नवम्बर 2022 के मुकाबले 11.9% अधिक है, नवम्बर 2022 में यह ₹1.45 लाख करोड़ था। वित्त वर्ष 2023-24 में यह छठी बार है, जब GST संग्रह ₹1.6 लाख करोड़ के पार हुआ है। बढ़ा हुआ GST संग्रह यह दिखाता है कि देश में कारोबार तेजी से बढ़ रहा है।

पर्चेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI)

पर्चेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स दिखाता है कि देश के उद्योग धंधों का रुख कैसा रहा है। यह उद्योग धंधों को मिलने वाले ऑर्डर, उनमें लगने वाली लागत और अन्य मानकों के स्तर पर तैयार होता है। इससे जुड़े प्रश्नों को देश की 400 बड़ी कम्पनियों के पर्चेसिंग मैनेजर्स को भेजा जाता है।

इसके पश्चात आए आँकड़ों को एकत्र करके सूचकांक तैयार होता है। इस सूचकांक में यदि किसी देश की अर्थव्यवस्था 50 से ऊपर का प्रदर्शन करती है तो यह अच्छा संकेत होती है। 50 से नीचे मंदी मानी जाती है। नवम्बर 2023 में भारत का PMI 56.0 रहा है। यह पिछले महीने 55.5 रहा था। इसका अर्थ है कि देश में उद्योग धंधे तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

आठ कोर इंडस्ट्री का सूचकांक

केंद्र सरकार हर माह देश की आठ कोर इंडस्ट्री का सूचकांक भी जारी करती है। यह इंडस्ट्री सीमेंट, स्टील, बिजली, उर्वरक, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद और कोयला हैं। इनमें अक्टूबर माह में 12.1% की वृद्धि हुई है। यह बीते 14 माह में सबसे तेज बढ़ोतरी है। इसमें बिजली क्षेत्र में 20.3% की वृद्धि, सीमेंट में 17.1% और कोयले में 18.4% की वृद्धि हुई है। प्राकृतिक गैस में भी 9.9% और इस्पात में 11% वृद्धि दर्ज की गई है। सीमेंट और बिजली क्षेत्र में बढ़ोतरी इस बात का संकेत है कि देश में निर्माण की गतिविधि में तेजी आई है।

वाहन बिक्री भी दिखाती है बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था

नवम्बर 2023 में कारों की बिक्री ने देश में नया रिकॉर्ड बनाया है। नवम्बर माह में देश में 3.91 लाख कारों की ब्रिक्री हुई है। इसके पीछे अर्थव्यवस्था की मजबूती और त्योहारी सीजन की माँग थी। नवम्बर 2022 में 3.36 लाख कारों की बिक्री हुई थी। इस प्रकार इस नवम्बर में कारों की बिक्री में 16% का उछाल आया है। देश की सबसे बड़ी कम्पनी मारुति सुजुकी ने 1.68 लाख जबकि हुंडई मोटर्स ने 55,128 गाड़ियों की बिक्री की है। टाटा मोटर्स ने 48,337 और महिंद्रा ने 43,708 गाड़ियों की बिक्री की है।

दुपहियों वाहनों की बिक्री में भी उछाल देखने को मिला है। देश की सबसे बड़ी दुपहिया निर्माता हीरो मोटो कोर्प ने 4.7 लाख जबकि दूसरे सबसे बड़े निर्माता होंडा ने 4.2 लाख दुपहिया वाहन बेचे हैं। TVS मोटर्स ने भी 2.87 लाख जबकि बजाज ने 2.18 लाख वाहनों की बिक्री की है। दुपहिया वाहनों की बिक्री में बढ़त दिखाती है कि देश में ग्रामीण बाजारों में भी रौनक आई है।

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