प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात हाईकोर्ट के 61 साल पूरे होने के मौके पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए डायमंड जुबली समारोह को संबोधित किया। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी के अलावा गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जज भी मौजूद रहे। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात हाईकोर्ट के सम्मान में एक स्मारक डाक टिकट जारी किया।
Prime Minister Narendra Modi releases a commemorative postage stamp on Diamond Jubilee of High Court of Gujarat, through video conferencing. pic.twitter.com/ueiyFrIt8x
— ANI (@ANI) February 6, 2021
इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस एमआर शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘हमारे सबसे लोकप्रिय, प्यारे, जीवंत और दूरदर्शी नेता’ बताया। उन्होंने कहा, “मुझे गुजरात हाईकोर्ट के 60 साल पूरे होने पर, स्मारक डाक टिकट के विमोचन के इस महत्वपूर्ण समारोह में भाग लेने पर गर्व और खुशी महसूस हो रही है और वह भी हमारे सबसे लोकप्रिय, प्यारे, जीवंत और दूरदर्शी नेता, माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा।” जस्टिस शाह ने अपने भाषण में गुजरात उच्च न्यायालय को अपनी ‘कर्मभूमि’ कहा और शक्तियों के पृथक्करण की संवैधानिक अवधारणा के महत्व के बारे में बात की।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम में शामिल हुए पीएम मोदी ने कहा कि गुजरात हाईकोर्ट ने सत्य और न्याय के लिए जिस कर्तव्य और निष्ठा से काम किया है, अपने संवैधानिक कर्तव्यों के लिए जो तत्परता दिखाई है उसने भारतीय न्याय व्यवस्था और भारत के लोकतंत्र दोनों को ही मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि हमारे संविधान में कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका को दी गई जिम्मेदारी, हमारे संविधान के लिए प्राणवायु की तरह है। हमारी न्यायपालिका ने संविधान की प्राणवायु की सुरक्षा का दायित्व पूरी दृढ़ता से निभाया है।
This notion of law, which has been a significant part of Indian values is every citizen’s right. Hence, it is the responsibility of Judiciary and Government to establish a world class judicial system: PM Modi
— ANI (@ANI) February 6, 2021
प्रधानमंत्री ने कहा कि न्यायपालिका के प्रति भरोसे ने सामान्य नागरिक के मन में एक आत्मविश्वास जगाया है। सच्चाई के लिए खड़े होने की उसे ताकत दी है। प्राचीन ग्रंथों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय समाज में रूल ऑफ लॉ, सदियों से सभ्यता और सामाजिक ताने-बाने का आधार रहा है। हमारे प्राचीन ग्रंथों में कहा गया है- ‘न्यायमूलं सुराज्यं स्यात्’ यानी, सुराज्य की जड़ ही न्याय में है।
भारतीय समाज में रूल ऑफ लॉ, सदियों से सभ्यता और सामाजिक ताने-बाने का आधार रहा है।
— BJP (@BJP4India) February 6, 2021
हमारे प्राचीन ग्रंथों में कहा गया है- न्यायमूलं सुराज्यं स्यात्।
यानी, सुराज्य की जड़ ही न्याय में है।
– पीएम @narendramodi
It makes us proud that our Supreme Court has heard the most number of cases through video conferencing in the world. Our High Courts and District Courts have also carried out a large number of e-proceedings during COVID: PM Modi pic.twitter.com/eO6exZbw16
— ANI (@ANI) February 6, 2021
पीएम मोदी ने कहा कि हमें अपनी अदालतों पर बहुत गर्व है, खासकर सुप्रीम कोर्ट पर है। सर्वोच्च न्यायालय ने पूरी दुनिया में सबसे अधिक मामलों की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की है। इसके अलावा हाईकोर्ट और डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने भी कोरोना काल में अच्छा कार्य किया है।
Our judiciary has always interpreted Constitution positively & creatively to strengthen it further. Be it safeguarding the rights of people of the country or when any situation arose where national interest needed to be prioritized, judiciary has always performed its duty:PM Modi pic.twitter.com/WMqs3QTKxe
— ANI (@ANI) February 6, 2021
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गुजरात हाईकोर्ट ने जिस सत्य निष्ठा से काम किया उससे भारतीय न्याय व्यवस्थाय और लोकतंत्र दोनों को ही मजबूती मिली है। पीएम मोदी ने कहा कि देश में सरकार और न्यायपालिका दोनों का ही ये कर्तव्य है कि कि हम दुनिया की सर्वोत्तम न्याय व्यवस्था कायम करें। उन्होंने कहा कि हमारी न्याय व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए जहाँ हर व्यक्ति को न्याय की गारंटी हो और अंतिम व्यक्ति को न्याय मिले।
बता दें कि गुजरात हाई कोर्ट की स्थापना 1 मई 1960 में हुई थी। उस वक्त गुजरात बंबई राज्य से अलग होकर एक नया राज्य बना था। गुजरात हाईकोर्ट पहले नारौल में था, उसके बाद इसे अहमदाबाद के इनकम टैक्स सर्किल में शिफ्ट किया गया था। अब साल 1998 से गुजरात हाईकोर्ट अहमदाबाद के सोला कैंपस से चल रहा है।