अयोध्या राम मंदिर के लिए बलिदान हुए कोठारी बंधुओं की स्मृति में एक संस्था ‘राम शरद कोठारी स्मृति संघ’ के नाम से चलती है। इसके अध्यक्ष कोठारी बंधुओं के मित्र रहे राजेश अग्रवाल हैं। यह संस्था प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के दौरान अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं के लिए चाय-नाश्ते का प्रबंध करेगी।
यह संस्था कोलकाता से संचालित होती है। कोलकाता में अयोध्या से आए पीले चावल को घर-घर पहुँचाने का काम भी संस्था कर रही है। कोठारी बंधुओं के बलिदान के बाद उनकी बहन पूर्णिमा ने उनके दोस्त राजेश अग्रवाल के साथ मिलकर इस संस्था की शुरुआत की थी।
राजेश अग्रवाल ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया है कि अयोध्या में रामजन्मभूमि मंदिर से ही कुछ ही दूरी पर संस्था का कैंप होगा। करीब 60 स्वयंसेवक इसमें सेवा देंगे। इस कैंप में 15 जनवरी से लेकर 25 जनवरी तक करीब 25000 लोगों को निशुल्क चाय-नाश्ता कराया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि 22 जनवरी 2024 को प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के दौरान कोठारी बंधुओं की बहन पूर्णिमा भी मौजूद रहेंगी।
#WATCH | Kolkata: Ram Sharad Smriti Sangh, established in the memory of Kothari brothers who were shot in 1990 during the Ram Temple movement in Ayodhya, will provide refreshments for 25,000 people in Ayodhya on January 22.
— ANI (@ANI) January 12, 2024
To ensure that more and more people from Kolkata join… pic.twitter.com/fQtj1N9ggg
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से बताया गया था कि प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का न्योता बलिदानी कारसेवकों के परिजनों को भी दिया जाएगा। इसी कड़ी में पूर्णिमा को कोलकाता के उनके आवास पर जाकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचारक प्रमुख अद्वैत चरण दत्त के नेतृत्व में निमंत्रण दिया गया था।
एएनआई से बातचीत में पूर्णिमा ने कहा है कि भाइयों के बलिदान के बाद वह 33 साल से इस दिन की प्रतीक्षा कर रहीं थी। उन्होंने कहा, “33 सालों में यह हमारे जीवन की पहली बड़ी खुशी है। उम्मीद नहीं थी कि अपने जीते जी यह सब देख पाऊँगी। अब इतनी खुश हूँ कि अगर कहूँ कि सातवें आसमान पर हूँ तो वह भी कम है।”
#WATCH | Ayodhya, Uttar Pradesh: Sister of Kothari Brothers who were shot in 1990 during the Ram Temple movement, Purnima Kothari says, "They (Ram and Sharad Kothari) must be seeing that their sacrifice is getting justice… The temple will stay for thousands of years, so will… pic.twitter.com/dXGjolRLNt
— ANI (@ANI) January 12, 2024
गौरतलब है कि 22 साल के रामकुमार कोठारी और 20 साल के शरद कोठारी 2 नवंबर 1990 को अयोध्या में बलिदान हुए थे। तब उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के आदेश पर कारसेवकों पर फायरिंग की गई थी। पत्रकार हेमंत शर्मा ने अपनी किताब ‘युद्ध में अयोध्या’ में लिखा है कि कोठारी बंधु उस जत्थे में शामिल थे जो विनय कटियार के नेतृत्व में दिगंबर अखाड़े की तरफ से हनुमानगढ़ी की ओर बढ़ रहा था। जब सुरक्षा बलों ने फायरिंग शुरू की तो दोनों पीछे हटकर एक घर में जा छिपे। सीआरपीएफ के एक इंस्पेक्टर ने शरद को घर से बाहर निकाल सड़क पर बिठाया और सिर को गोली से उड़ा दिया। छोटे भाई के साथ ऐसा होते देख रामकुमार भी कूद पड़े। इंस्पेक्टर की गोली रामकुमार के गले को भी पार कर गई। दोनों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।