Sunday, September 1, 2024
Homeविविध विषयअन्य'लाल कृष्ण आडवाणी का आना जरूरी, सब चाहते हैं वे आएँ': रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा...

‘लाल कृष्ण आडवाणी का आना जरूरी, सब चाहते हैं वे आएँ’: रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के साक्षी बनेंगे ‘रामरथी’, 22 जनवरी को अयोध्या में होंगे

आलोक कुमार के अनुसार आडवाणी के परिवार को आश्वस्त किया गया है कि इस दौरान उन्हें सभी जरूरी मेडिकल सुविधाएँ मुहैया कराई जाएँगी। विहिप नेता ने कहा है कि लालकृष्ण आडवाणी का इस कार्यक्रम में आना महत्वपूर्ण है। सब उनकी उपस्थिति चाहते थे। इसके लिए जो भी आवश्यकता होगी वो सारी व्यवस्थाएँ की जाएँगी।

22 जनवरी 2024 को अयोध्या के भव्य राम मंदिर में भगवान रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होगी। बीजेपी के वयोवृद्ध नेता लाल कृष्ण आडवाणी भी इस अवसर के साक्षी बनेंगे। विश्व हिंदू परिषद (VHP) के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने दी है।

आडवाणी 96 वर्ष के हैं। ऐसे में शुरुआत में उम्र के कारण उनके इस समारोह में शामिल होने को लेकर संशय था। उल्लेखनीय है कि आडवाणी ने अपनी रथ यात्रा के जरिए राम मंदिर आंदोलन को घर-घर पहुँचा दिया था।

आलोक कुमार के अनुसार आडवाणी के परिवार को आश्वस्त किया गया है कि इस दौरान उन्हें सभी जरूरी मेडिकल सुविधाएँ मुहैया कराई जाएँगी। विहिप नेता ने कहा है कि लालकृष्ण आडवाणी का इस कार्यक्रम में आना महत्वपूर्ण है। सब उनकी उपस्थिति चाहते थे। इसके लिए जो भी आवश्यकता होगी वो सारी व्यवस्थाएँ की जाएँगी।

19 दिसंबर 2023 को विहिप और संघ के नेताओं ने आडवाणी को उनके घर पहुँचकर न्योता दिया था। आलोक कुमार ने बताया है कि इस दौरान भी इस बात पर चर्चा हुई थी कि यदि आडवाणी अयोध्या आते हैं तो क्या-क्या व्यवस्था करने की आवश्यकता होगी। वीएचपी नेता कहा है, “हमको प्रसन्नता है कि 96 वर्ष की आयु में और अपने स्वास्थ्य के ठीक न होने के बावजूद उन्होंने आना स्वीकार किया है।”

वहीं लाल कृष्ण आडवाणी ने इस अवसर पर उ​पस्थिति को सौभाग्य का योग बताया है। उन्होंने कहा है, ” यह बड़ा सौभाग्य का योग है कि ऐसे भव्य प्रसंग पर प्रत्यक्ष उपस्थिति का अवसर मिला है। श्रीराम का मंदिर यह केवल एक पूजा की दृष्टि से अपने आराध्य का मंदिर, केवल ऐसा प्रसंग नहीं है। इस देश की पवित्रता और इस देश की मर्यादा की स्थापना पक्की होने का यह प्रसंग है।”

उन्होंने कहा, “हम प्रत्यक्ष वहाँ उपस्थित रहेंगे, उस प्रसंग को देखेंगे, उसमें सहयोगी बनेंगे। यह कहीं किसी जन्म में पुण्य हुआ होगा उसी का फल हमको मिल रहा है। ये तो माँग के भी न मिलने वाला अवसर है, वो मिला है। जरूर उसमें रहूँगा।” गौरतलब है कि प्राण-प्रतिष्ठा से एक हफ्ते पहले 16 जनवरी से अयोध्या में अनुष्ठान शुरू हो जाएँगे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जनता की समस्याएँ सुन रहे थे गिरिराज सिंह, AAP पार्षद शहज़ादुम्मा सैफी ने कर दिया हमला: दाढ़ी-टोपी का नाम ले बोले केंद्रीय मंत्री –...

शहजादुम्मा मूल रूप से बेगूसराय के लखमिनिया का रहने वाला है। वह आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता है जो वर्तमान में लखमिनिया से वार्ड पार्षद भी है।

चुनाव आयोग ने मानी बिश्नोई समाज की माँग, आगे बढ़ाई मतदान और काउंटिंग की तारीखें: जानिए क्यों राजस्थान में हर वर्ष जमा होते हैं...

बिश्नोई समाज के लोग हर वर्ष गुरु जम्भेश्वर को याद करते हुए आसोज अमावस्या मनाते है। राजस्थान के बीकानेर में वार्षिक उत्सव में भाग लेते हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -