राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू यादव को झारखंड हाईकोर्ट से ज़मानत मिल गई है। हाईकोर्ट ने चारा घोटाले के देवघर कोषागार मामले में लालू यादव को राहत प्रदान की है। लालू यादव को यह ज़मानत 50-50 हज़ार रुपए के मुचलके पर दी गई। साथ ही कोर्ट ने उन्हें अपना पासपोर्ट जमा कराने का भी आदेश भी दिया है। इस पर उनके वकील ने जानकारी दी कि लालू यादव का पासपोर्ट पहले ही एक्सपायर हो चुका है। फ़िलहाल, लालू यादव चारा घोटाला मामले में रांची की एक जेल में बंद हैं।
Jharkhand High Court grants bail to RJD leader Lalu Prasad Yadav in the fodder scam case relating to Deoghar treasury. (File pic) pic.twitter.com/wWYloD6bew
— ANI (@ANI) July 12, 2019
दरअसल, चारा घोटाले से जुड़े देवघर कोषागार मामले में सज़ा की आधी अवधि गुज़र जाने को आधार बनाकर लालू यादव की ओर से 13 जून 2019 को ज़मानत याचिका दायर की गई थी। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उन्हें 50-50 हज़ार रुपए के मुचलके पर ज़मानत दे दी। लेकिन फ़िलहाल, लालू यादव जेल में ही रहेंगे क्योंकि इसी चारा घोटाला में उन्हें दुमका और चाईबासा कोषागार मामले में ज़मानत नहीं मिली है। हालाँकि, लालू यादव के वकील ने कहा है कि वो इन दोनों मामलों में भी ज़मानत याचिका दायर करेंगे।
ख़बर के अनुसार, देवघर कोषागार से अवैध निकासी के मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की ज़मानत याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इससे पहले 5 जुलाई को हुई पिछली सुनवाई में डिफेंस की तरफ़ से दायर याचिका पर CBI ने सवाल उठाए थे। इन सवालों के जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट ने 12 जुलाई का समय तय किया था, जिसमें उन्हें ज़मानत मिली है।
लालू यादव के अधिवक्ता के अनुसार, लालू प्रसाद यादव 25 महीने से अधिक समय जेल में गुज़ार चुके हैं, इसी आधार पर ज़मानत याचिका दायर की गई थी। बता दें कि चारा घोटाले से जुड़े देवघर कोषागार से लगभग 89 लाख 27 हज़ार रुपए की अवैध निकासी के मामले में 23 सितंबर 2017 को लालू यादव को दोषी ठहराया गया था। इस मामले में CBI की स्पेशल कोर्ट ने उन्हें साढ़े तीन साल की सज़ा सुनाई थी।
सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, सज़ा की आधी अवधि जेल में काटने पर सजायाफ्ता क़ैदी को ज़मानत दी जा सकती है। इसे ही आधार बनाकर ज़मानत याचिका दायर की गई थी। जानकारी के अनुसार, लालू यादव को कोर्ट द्वारा दुमका केस में पाँच साल और चाईबासा मामले में सात साल की सज़ा सुनाई गई है।