Friday, April 26, 2024
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माँग में सिंदूर, साइकिल की सवारी: कौन हैं मतिल्दा कुल्लू, Forbes ने ताकतवर महिलाओं की सूची में क्यों दी जगह

“शुरुआती सफर संघर्ष भरा रहा है क्‍योंक‍ि बीमार होने पर यहाँ के लोग अस्‍पताल नहीं जाते थे। जब मैं उनसे अस्‍पताल से इलाज कराने के लिए कहती थी तो वो मेरा मजाक उड़ाते थे।"

फोर्ब्स (Forbes) की सबसे ताकतवर भारतीय महिलाओं की सूची में ओडिशा की एक आशा कार्यकर्ता ने भी जगह बनाई है। फोर्ब्स इंडिया डब्ल्यू-पॉवर 2021 सूची में अमेजन प्राइम की हेड अपर्णा पुरोहित और सेल्सफोर्स इंडिया की सीईओ अरुंधति भट्टाचार्य जैसी शख्सियतों के साथ ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले की 45 वर्षीय आदिवासी आशा कार्यकर्ता मतिल्दा कुल्लू का नाम भी शामिल है। कुल्लू ने फोर्ब्स इंडिया महिला सशक्तिकरण की सूची में देश में तीसरा स्थान बनाया है।

मतिल्‍दा बड़ागाव तहसील के गर्गडबहल गाँव में काम कर रही हैं। इनका अब तक का सफर काफी संघर्ष और दिक्‍कतों भरा रहा है। कभी लोग इनकी सलाह और इनकी बातों का मजाक उड़ाते थे। वहीं, अब इन्‍हें सम्‍मान देते हैं।

जानिए कौन हैं मतिल्दा कुल्लू

मतिल्दा कुल्लू ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले की बारागाँव तहसील की निवासी हैं। सुंदरगढ़ जिले के गर्गडबहल गाँव में 15 साल पहले मतिल्दा बतौर आशा कार्यकर्ता नियुक्त हुईं थी। उसके बाद से आज तक वह लगातार लोगों को जागरुक कर रही हैं। मतिल्दा के प्रयासों का ही असर है कि बारागाँव तहसील के लोग अब बीमारियों के इलाज के लिए अस्पताल जाने लगे हैं। दरअसल पिछड़ेपन के कारण पहले लोग बीमारी को काले जादू का असर मानते थे और तांत्रिक-ओझा के पास जाते थे। इस पर मतिल्दा ने लोगों को जागरुक करना शुरू किया और धीरे-धीरे उनके प्रयासों का फल मिला। अब लोगों में जागरुकता आ चुकी है और लोग काले जादू के चंगुल से मुक्त हो गए हैं। 

ग्रामीणों को सेहतमंद रखना इनका लक्ष्‍य

मतिल्‍दा के दिन की शुरुआत सुबह 5 बजे से होती है। मवेश‍ियों की देखभाल और घर का चूल्‍हा-चौका सँभालने के बाद गाँव के लोगों को सेहतमंद रखने के लिए घर से निकल पड़ती हैं। मतिल्‍दा साइकिल से गाँव के कोने-कोने में पहुँचती हैं। गाँव में घर-घर पर जाकर नवजात और किशोर-किशोरियों को वैक्‍सीन लगाना, महिलाओं की प्रसव से पहले और बाद की जाँच कराना इनके काम का हिस्‍सा है। इसके अलावा बच्‍चे के जन्‍म की तैयारी, हर जरूरी सावधानी की जानकारी देना, एचआईवी और दूसरे संक्रमण से गाँव वालों को दूर रखने की सलाह देना भी इनका काम है। यह जिम्‍मेदारी म‍त‍िल्‍दा पूरी शिद्दत से निभा रही हैं। 

कोरोना महामारी के दौरान भी मतिल्दा ने बेहतरीन काम किया और इलाके में टीकाकरण के काम में जमकर मेहनत की। कोरोना महामारी के दौरान भी मतिल्दा रोजाना 50-60 घरों में जाकर लोगों के टेस्ट करती थीं। 4500 रुपए कमाने वाली मतिल्दा कुल्लू ने अपना जीवन बारागाँव तहसील के 964 लोगों की देखभाल के लिए समर्पित कर दिया है। मतिल्दा इन लोगों के लिए कोरोना वॉरियर हैं। मतिल्दा का कहना है कि उन्हें अपने काम पर गर्व है क्योंकि इससे वह लोगों की जान बचा पाती हैं। 

ग्रामीणों को वैक्‍सीन के लिए राजी करना बड़ी चुनौती थी

मतिल्दा कहती हैं कि कोरोना काल में हालात बिगड़ने के कारण जिम्‍मेदारी बढ़ गई थी। रोजाना कोरोना के लक्षण वाले 50 से 60 मरीजों की जाँच के लिए उनके घर जाती थीं, लेकिन इससे बड़ी चुनौती थी लोगों को वैक्‍सीन लगाने के लिए तैयार करना। गाँव में जब वैक्‍सीन लगाने की शुरुआत हुई तो गाँव वालों को इसे लगवाने के लिए बमुश्‍क‍िल राजी किया। धीरे-धीरे लोगों को इसके लिए जागरुक किया। मतिल्‍दा कहती हैं कि उनके लिए गाँव वालों की सेवा से बढ़कर कुछ भी नहीं।

कभी लोग उड़ाते थे मजाक

मतिल्‍दा कहती हैं, “शुरुआती सफर संघर्ष भरा रहा है क्‍योंक‍ि बीमार होने पर यहाँ के लोग अस्‍पताल नहीं जाते थे। जब मैं उनसे अस्‍पताल से इलाज कराने के लिए कहती थी तो वो मेरा मजाक उड़ाते थे। जैसे-जैसे समय बीता, लोगों को मेरी बात समझ आई। अब गाँव वाले अपनी सेहत के लिए जागरुक हो गए हैं। हर छोटी-छोटी बीमारी का इलाज कराने अस्‍पताल पहुँचते हैं।”

मतिल्‍दा को गाँव में इसलिए भी अध‍िक संघर्ष करना पड़ा क्‍योंकि उस दौर में लोग इलाज के लिए अस्‍पताल जाने की बजाय काले जादू का सहारा लेते थे। लोगों की यह सोच बदलना मतिल्‍दा के लिए काफी चुनौती भरा रहा है। मतिल्‍दा के प्रयास से ही गाँव में काले जादू जैसे सामाजिक अभिशाप को जड़ से खत्‍म किया जा सका। गाँव में यह बड़ा बदलाव लाने और लोगों को सेहतमंद रहने के इनके योगदान के कारण ही फोर्ब्‍स ने इन्‍हें दुन‍ि‍या की शक्‍त‍िशाली महिलाओं की लिस्‍ट में शामिल किया। बता दें कि हाल ही में फोर्ब्स इंडिया ने भारत की महिला शक्ति 2021 की सूची जारी की है। इस सूची में उन महिलाओं को शामिल किया गया है, जो अपने दम पर सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ी हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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