सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या-राम जन्मभूमि मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को आगामी 19 जुलाई तक जवाब देने के लिए कहा है कि मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश के रिटायर होने पर क्या-क्या नियम और क़ानून हैं। कोर्ट ने यूपी सरकार को पूछा है कि CBI जज एसके यादव जब तक फ़ैसला नहीं दे देते, तब तक उन्हें रिटायर न करने के लिए क्या प्रावधान है?
Ram Janmabhoomi-Babri Masjid matter: SC asked UP govt to apprise it by 19 July as to what are the rules®ulations when a judge hearing the entire case retires. Judges were informed that trial court judge was to retire on Sept 30 & he sought more time to complete the trial. pic.twitter.com/PUiaz3Pezr
— ANI (@ANI) July 15, 2019
दरअसल, इस मामले की सुनवाई कर रहे CBI जज एसके यादव ने मई में सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखकर सूचित किया था कि वो 30 सितंबर को रिटायर हो रहे हैं। उन्होंने इस केस की सुनवाई पूरी करने के लिए छ: महीने का और समय माँगा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह आवश्यक है कि CBI जज एसके यादव इस मामले की सुनवाई पूरी कर फ़ैसला सुनाएँ। कोर्ट ने यहाँ तक कहा कि हम अनुच्छेद-142 के तहत आदेश जारी करेंगे कि उन्हें 30 सितंबर तक रिटायर न किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल 2017 को मामले की रोजाना सुनवाई कर उसे दो साल के अंदर पूरा करने का आदेश दिया था। इस मामले में वरिष्ठ बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी आरोपित हैं। इसके अलावा, रामजन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता पैनल के चेयरमैन जस्टिस इब्राहिम कलीफुल्ला से गुरुवार (18 जुलाई) तक स्टेटस रिपोर्ट माँगी है।
बता दें कि कोर्ट ने बातचीत के ज़रिए हल निकलने के लिए रिटायर्ड जज एफएमआई कलीफुल्ला की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय मध्यस्थता पैनल गठित किया गया था। सुप्रीम कोर्ट अब 25 जुलाई से इस मामले पर रोज़ाना सुनवाई पर विचार कर रहा है।