त्रिपुरा राज्य सरकार ने 20 सरकारी स्कूलों को संचालन के लिए इस्कॉन के हाथों सौंपने का फैसला किया है। इनमें से 13 स्कूल बंद पड़े हुए हैं जिनमें एक भी बच्चा नहीं पढ़ता। प्राप्त समाचार के अनुसार शिक्षा मंत्री रतनलाल नाथ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, “मंत्रिपरिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 13 बंद पड़े स्कूलों और 7 अन्य स्कूलों को इस्कॉन को सौंप दिया जाएगा।” इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) संस्था इन स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने को तैयार है।
त्रिपुरा में फ़िलहाल 4,389 सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल हैं। नाथ ने कहा कि राज्य सरकार के अधीन आने वाले 147 स्कूलों ऐसे हैं जिनमें अधिकतम 10 बच्चे पढ़ते हैं। बाकी 13 बंद पड़े हैं क्योंकि उनमें एक भी बच्चा नहीं पढ़ता। बंद पड़े स्कूलों और 7 अन्य स्कूलों का संचालन इस्कॉन संस्था को सौंपा जाएगा। इस्कॉन का इंडियन ट्राइबल केयर ट्रस्ट नामक विभाग है जो त्रिपुरा के जनजातीय क्षेत्रों में स्थित इन स्कूलों को चलाने की जिम्मेदारी लेगा।
मंत्री ने कहा कि लेफ्ट को हराकर जब भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन सरकार सत्ता में आई थी तभी शिक्षा में सुधार का निर्णय लिया गया था। आरंभ में इस्कॉन ने 53 स्कूलों का चयन किया था। लेकिन राज्य सरकार ने पाँच साल के लिए 20 स्कूल देने का निर्णय लिया जिसमें से 7 पश्चिमी त्रिपुरा ज़िले में हैं, एक गोमती ज़िले में है, 2 खोवाई ज़िले में है, तीन सेपाहीजाला ज़िले में और 7 दक्षिण त्रिपुरा ज़िले में है।
त्रिपुरा राज्य सरकार और इंडियन ट्राइबल केयर ट्रस्ट जल्दी ही मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टैंग पर हस्ताक्षर करेंगे। इस्कॉन को स्कूलों का संचालन कुछ शर्तों और नियमों पर दिया जाएगा। इस्कॉन को यह सुनिश्चित करना होगा कि जिन स्कूलों का संचालन उन्होंने अपने हाथ में लिया है उनमें पढ़ने वाले बच्चों की संख्या कम से कम 30 तक पहुँचे। इसके अतिरिक्त स्कूलों को सीबीएसई या आईसीएसई से मान्यता प्राप्त करना और शिक्षा का अधिकार कानून (RTE) के प्रावधानों को मानना अनिवार्य होगा।
राज्य सरकार पुस्तकें, यूनिफार्म और मिड डे मील मुफ्त में उपलब्ध करवाएगी और स्कूलों का स्वामित्व राज्य सरकार के पास ही रहेगा। केवल संचालन का दायित्व इस्कॉन को दिया जाएगा।