मोदी सरकार की नीतियों की वजह से डिजिटल लेनदेन में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2018-19 में यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी UPI के ज़रिए डिजिटल पेमेंट ने डेबिट कार्ड से हुए लेनदेन को पीछे छोड़ दिया है।
ख़बर के अनुसार, 5.35 बिलियन का UPI लेन-देन, डेबिट कार्ड लेन-देन की तुलना में लगभग 1.2 गुना अधिक था, यानी डेबिट कार्ड का लेन-देन 4.41 बिलियन था। यह डेटा इस बात को स्पष्ट करता है कि UPI के यूज़र्स ने लेन-देन के इस माध्यम को हाथों-हाथ लिया है, जबकि इस तरह के ऐप को लॉन्च हुए केवल तीन साल हुए हैं।
2017-18 में, UPI के ज़रिए केवल 915.2 मिलियन लेन-देन हुआ, जबकि डेबिट कार्ड का लेन-देन 3.34 बिलियन था। दिलचस्प बात यह है कि इसी अवधि में एटीएम की संख्या 222,247 से घटकर 221,703 हो गई।
इसका मतलब यह साफ़ है कि अब उपभोक्ताओं को नकद भुगतान की बजाए ऑनलाइन भुगतान की ओर अग्रसर किया जा सकता है। केंद्रीय बैंक दिसंबर से अपने राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) प्रणाली को 24×7 उपलब्ध कराने की योजना बना रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बैंकिंग सिस्टम में डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।