इस्लामी जानकार अपनी किताबों से मुस्लिमों द्वारा तमाम मुद्दों पर पूछे जाने वाले कई सवालों के जवाब देते हैं। उन्ही में से एक सवाल नाबालिग लड़की के साथ यौन संबंध बनाने को लेकर है। इसके जवाब में इस्लामी जानकार बाल विवाह के साथ बालिग और नाबालिग के बीच शारीरिक संबंध बनाने की इजाजत देते हैं। उनके मुताबिक 9 साल से कम उम्र की लड़की से यौन संबंध बनाना मना है।
ईरान के संस्थापक अयातुल्लाह खुमैनी के मुताबिक, “एक पुरुष अपनी शारीरिक इच्छाओं की संतुष्टि किसी नाबालिग लड़की से पा सकता है। हालाँकि उसे लिंग प्रवेश नहीं कराना चाहिए। इस्लामी कानून के तहत एक नवजात शिशु के साथ वासनापूर्ण स्पर्श जायज है। अगर पुरुष लिंग प्रवेश कराता है और उस से लड़की को कोई नुकसान पहुँचता है तो उसे लड़की के पूरे जीवन भर का ख़र्च उठाना होगा।” इन बातों का उल्लेख अल-वसीलाह, खंड 2, पृष्ठ 221-222 में भी है।
अयातुल्लाह खुमैनी आगे कहते हैं, “लड़की के 9 साल के होने से पहले सेक्स नहीं करना चाहिए। भले ही वह स्थाई या अस्थाई निकाह ही क्यों न हो। इसके अलावा अन्य तमाम हरकतें की जा सकती हैं जिसमें कामुक टच, गले लगाना और पैरों के बीच में प्राइवेट पार्ट रगड़ना शामिल है। यहाँ तक कि ये सब किसी दूध पीती बच्ची के साथ भी जायज है।”
क्या है थाइंग (Thighing)
सेक्स न होने की दशा में पुरुष द्वारा अपना प्राइवेट पार्ट जाँघों के बीच रगड़ने की दशा को थाइंग कहते हैं। इस काम के लिए उम्र या पीरियड्स की कोई बाध्यता नहीं होगी। सेक्स के इस विकल्प में पुरुष के गुप्तांग को पार्टनर की जाँघों के बीच में कामुकता से रगड़ा जाता है। इसे जाँघ सेक्स या इंटरफेमरॉल सेक्स भी कहा जाता है।
सुन्नी समुदाय के कानूनी सूत्रों में भी इस प्रकार के सेक्स का जिक्र आता है। फतवों की एक प्रसिद्ध और मान्य वेबसाइट Islamweb.net पर इस से मिलता-जुलता एक फ़तवा देखा जा सकता है।
उस फतवे में सवाल किया गया कि नाबालिगो से थाइंग का क्या नियम है ? जिस पर जवाब आया, “अगर यह सवाल किसी नाबालिग बीवी से थाइंग का है तो पुरुषों के लिए इसकी इजाजत है। लेकिन अगर थाइंग किसी उस लड़की से हो जो बीवी न हो तो ये हराम है। भले ही ये नाबालिग से हो या वयस्क से अथवा पुरुष से हो या स्त्री से।”