दिल्ली नगर निगम की 250 सीटों के लिए वोटों की गिनती जारी है। एग्जिट पोल के उलट रूझानों में बीजेपी और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। कभी बीजेपी तो कभी आप आगे दिख रही है। लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था प्रतिकूल वैश्विक हालातों में भी बेहतरीन प्रदर्शन कर रही है। विश्व बैंक (World Bank) ने भी इसे माना है।
विश्व बैंक ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए भारत के जीडीपी (GDP) ग्रोथ अनुमान को बढ़ाकर 6.9 फीसदी कर दिया है। कुछ दिन पहले यह अनुमान 6.5 फीसदी था।
विश्व बैंक का यह भी कहना है कि भारत सरकार 6.4 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे (Fiscal Deficit) के लक्ष्य को हासिल करने की ओर है। विश्व बैंक के वरिष्ठ अर्थशास्त्री ध्रुव शर्मा (Dhruv Sharma) ने मंगलवार (6 दिसंबर 2022) को कहा है कि भारत 10 साल पहले की तुलना में अब अधिक मजबूत है। पिछले 10 सालों में उठाए गए सभी कदम भारत को वैश्विक विपरीत दिशा में नेविगेट करने में मदद कर रहे हैं।
भारत 10 साल पहले की तुलना में अब अधिक मजबूत है। पिछले 10 वर्षों में उठाए गए सभी कदम भारत को वैश्विक विपरीत दिशा में नेविगेट करने में मदद कर रहे हैं: ध्रुव शर्मा, वरिष्ठ अर्थशास्त्री, वर्ल्ड बैंक pic.twitter.com/qQ6oDVdPr9
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 6, 2022
वहीं भारत में विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर अगस्टे तानो कोउमे ने कहा कि भारत बहुत महत्वाकांक्षी है। सरकार ने अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए कई काम किए हैं और अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाने के लिए बहुत प्रयास कर रही है। हालाँकि, प्रतिकूल वैश्विक विकास जारी रहने के कारण निरंतर सतर्कता की आवश्यकता है।
भारत बहुत महत्वाकांक्षी है, सरकार ने अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए कई काम किए हैं और अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाने के लिए बहुत प्रयास कर रही है: अगस्टे तानो कुआमे, वर्ल्ड बैंक pic.twitter.com/n1bve06e3q
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 6, 2022
इससे पहले अक्टूबर में विश्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के वृद्धि दर अनुमान को 7.5 प्रतिशत से घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया था। विश्व बैंक ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है और दूसरी तिमाही के जीडीपी के आँकड़े उम्मीद से बेहतर रहे हैं। इस वजह से पूरे वित्त वर्ष के लिए वृद्धि दर के अनुमान को बढ़ाया जा रहा है।
विश्व बैंक ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था न केवल अपने उभरते बाजार समकक्षों की तुलना में वैश्विक विपरीत परिस्थितियों को सँभालने के लिए बेहतर स्थिति में है, बल्कि यह पिछले संकटों की तुलना में तेजी से कोविड-19 महामारी के झटकों से भी उबरी है। वैश्विक उथल-पुथल के बीच पहली बार किसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसी ने भारत का विकास दर अनुमान बढ़ाया है। उल्लेखनीय है कि 2021-22 में वृद्धि दर 8.7 प्रतिशत रही थी। हालाँकि, 2022-23 की दूसरी तिमाही में यह 6.3 प्रतिशत और पहली तिमाही में 13.5 फीसदी रही थी।