बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट को एशियन गेम्स में डायरेक्ट एंट्री का पहलवान साक्षी मलिक ने भी विरोध किया है। उन्होंने कहा कि वे बिना ट्रायल के मौके देने के पक्ष में नहीं हैं। उन्हें भी बजरंग और विनेश की तरह ऑफर दिया गया था। लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया।
भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के धरना-प्रदर्शन का बजरंग और विनेश की तरह ही साक्षी मलिक भी प्रमुख चेहरा थीं। बिना ट्रायल मौके देने का ठीकरा साक्षी ने सरकार पर फोड़ा है। कहा है कि इससे पहलवानों की एकता तोड़ी जा रही है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “सरकार ने एशियन गेम्स में सीधे नाम भेजकर पहलवानों की एकता को तोड़ने का काम किया है। मैं न कभी बिना ट्रायल खेलने गई हूँ और न ही इसका समर्थन करती हूँ। सरकार की इस मंशा से विचलित हूँ। हमने ट्रायल्स की डेट आगे बढ़वाने की बात कही थी, लेकिन सरकार ने हमारी झोली में यह बदनामी डाल दी है।”
सरकार ने एशियन गेम्स में सीधे नाम भेजकर पहलवानों की एकता को तोड़ने का काम किया है. मैं न कभी बिना ट्रायल खेलने गई हूँ और न ही इसका समर्थन करती हूँ. सरकार की इस मंशा से विचलित हूँ. हमने ट्रायल्स की डेट आगे बढ़वाने की बात कही थी लेकिन सरकार ने हमारी झोली में यह बदनामी डाल दी है.
— Sakshee Malikkh (@SakshiMalik) July 20, 2023
वहीं न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा, “मैं कुश्ती के भले के लिए ही प्रदर्शन में थी। मैं इस तरह बिना ट्रायल नाम भेजने के विरोध में हूँ, क्योंकि मैं नहीं चाहती कि किसी का हक छीना जाए। कुश्ती में हमारी आपस में लड़ाई कराने जैसी यह जो नीति बनी है, मैं उसके खिलाफ हूँ।” उन्होंने यह भी कहा है, “मुझे 3-4 दिन पहले सरकार की तरफ से फोन आया था कि हम बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को एशियन गेम्स के लिए भेज रहे हैं। आप भी मेल कर दो, आपको भी भेज देंगे। मैंने साफ मना कर दिया। मैं कभी भी बिना ट्रायल के किसी टूर्नामेंट में न ही गई हूँ और न जाना चाहती हूँ।”
उल्लेखनीय है कि एशियन गेम्स के लिए बजरंग और विनेश को डायरेक्ट एंट्री देने का कई पहलवान विरोध कर चुके हैं। यह मामला कोर्ट में भी चला गया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले को लेकर WFI से जवाब माँगा है। मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी। एशियन गेम्स 23 सितंबर से चीन से हानझोउ में होने वाला है। दिल्ली हाई कोर्ट में महिला पहलवान अंतिम पंघाल और पहलवान सुजीत कलकल ने याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि एक पारदर्शी प्रक्रिया के तहत सभी खिलाड़ियों का ट्रायल हो और किसी को डायरेक्ट एंट्री न मिले। साथ ही ट्रायल की वीडियोग्राफ़ी करने का भी निवेदन किया गया है।
वहीं ओलंपिक मेडलिस्ट पहलवान रहे योगेश्वर दत्त ने भी इसका विरोध किया है। कहा है कि कुश्ती की बहुत बदनामी हो रही है। उन्होंने कहा, “पूरा देश कन्फ्यूज है कि ये हो क्या रहा है। चीफ कोच से मैंने बात कि उन्होंने कहा कि उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है। कमिटी में कुछ लोग हैं, जिन्होंने ये फैसला लिया है। चीफ कोच की सहमति के बिना फैसले नहीं लिए जा सकते। कोई कैम्प लगा कर फिटनेस टेस्ट भी नहीं लिया गया। कई पहलवान दुःख में हैं, वो ट्रायल के लिए गुहार लगा रहे हैं। कमिटी ने कोई निष्पक्षता नहीं बरती है। अगर बिना ट्रायल भेजना है तो पूरी टीम भेजिए – ऐसा क्यों नहीं हुआ, इसका जवाब देना पड़ेगा।”