Saturday, July 27, 2024
Homeदेश-समाजअब ओलंपिक और नेशनल ट्रायल रुकवाने दिल्ली हाई कोर्ट पहुँचा 'पहलवान गैंग', कहा- भारतीय...

अब ओलंपिक और नेशनल ट्रायल रुकवाने दिल्ली हाई कोर्ट पहुँचा ‘पहलवान गैंग’, कहा- भारतीय कुश्ती संघ नहीं जारी कर सकता सर्कुलर

भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के खिलाफ खड़े होने वाले पहलवान बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और सत्यवर्त कादियान ने एक बार फिर कोर्ट का रूख किया है। इन पहलवानों ने WFI द्वारा पहलवानों को एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर और विश्व ओलंपिक क्वालीफायर के चयन ट्रायल में भाग लेने के लिए बुलाने का विरोध किया है। उन्होंने इसके खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दी है।

भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के खिलाफ खड़े होने वाले पहलवान बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और सत्यव्रत कादियान ने एक बार फिर कोर्ट का रूख किया है। इन पहलवानों ने WFI द्वारा पहलवानों को एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर और विश्व ओलंपिक क्वालीफायर के चयन ट्रायल में भाग लेने के लिए बुलाने का विरोध किया है। उन्होंने इसके खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दी है।

पहलवानों द्वारा दायर याचिका पर अगले सप्ताह उच्च न्यायालय में सुनवाई होने की संभावना है। ये वही पहलवान हैं, जो भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष एवं भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। बृजभूषण शरण सिंह के कार्यकाल खत्म होने के बाद संजय सिंह कुश्ती संघ के प्रमुख बने हैं और भाजपा सासंद के करीबी माने जाते हैं।

पहलवानों ने अपनी याचिका में कहा है कि WFI को खेल मंत्रालय द्वारा निलंबित कर दिया गया है। इसलिए उसके पास पहलवानों को ट्रायल के लिए बुलाने की कोई शक्ति नहीं है। याचिका में तर्क दिया गया है कि WFI के मामलों के प्रबंधन के लिए भारतीय ओलंपिक संघ (IOC) द्वारा एक तदर्थ समिति का गठन किया गया था। इसके बाद भी WFI ने चयन परीक्षणों के लिए नोटिस जारी किया है।

याचिका में आगे कहा गया है, “जब तक प्रतिवादी नंबर 2 (WFI) को इस तरह के आयोजनों को आयोजित करने या ऐसे किसी भी परिपत्र को जारी करने से रोका नहीं जाता है, तब तक वह कुश्ती खिलाड़ियों को गुमराह करना, हेरफेर करना, प्रभावित करना, धमकाना, अनुचित एवं अनावश्यक प्रतिकूलताएँ पैदा करना जारी रखेगा।”

याचिका में कहा गया है कि तदर्थ समिति ने ट्रायल की तारीखें भी जारी की हैं और वे WFI द्वारा जारी की गई तारीखों से मेल खाती हैं। इससे दो समानांतर राष्ट्रीय चैंपियनशिप के परिणामस्वरूप प्रतिस्पर्धा करने वाले एथलीटों के बीच भ्रम और असमानता पैदा होगी। साथ ही याचिकाकर्ताओं की पात्रता प्रामाणिकता से WFI जानबूझकर छेड़छाड़ कर सकता है।

याचिकाकर्ता पहलवानों ने यह भी तर्क दिया है कि भारतीय कुश्ती महासंघ द्वारा उन्हें और अन्य पहलवानों को जानबूझकर परेशान किया गया है, क्योंकि उन्होंने महासंघ में अवैधताओं और बृज भूषण शरण सिंह एवं अन्य पदाधिकारियों के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों पर मुखर और आलोचनात्मक रूख अपनाया था। उन्होंने कोर्ट से 10-11 मार्च को होने जा रहे ट्रायल पर रोक लगाने की माँग की है।

इन पहलवानों ने WFI के ट्रायल का भी बहिष्कार किया है। पहलवानों ने कहा कि जब तक सरकार इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करती और उचित समाधान नहीं निकालती, तब तक प्रदर्शनकारी पहलवान भारतीय कुश्ती महासंघ द्वारा घोषित राष्ट्रीय ट्रायल में हिस्सा नहीं लेंगे। उन्होंने कहा, “हम ट्रायल में तभी शामिल होंगे जब तदर्थ पैनल या सरकार इसे आयोजित करेगी।” 

पिछले दो महीने से रुस में प्रशिक्षण ले रहे बजरंग पूनिया ने कहा कि वह ट्रायल का हिस्सा नहीं होंगे। उन्होंने कहा, “अगर मैं ट्रायल में भाग नहीं लेता तो मैं अपने प्रशिक्षण पर 30 लाख रुपए खर्च नहीं करता, लेकिन निलंबित WFI ट्रायल कैसे आयोजित कर रहा है? मुझे समझ में नहीं आ रहा कि सरकार की मजबूरी क्या है?” WFI ने यह सर्कुलर 26 फरवरी को जारी किया था।

बता दें कि विश्व कुश्ती की सर्वोच्च संस्था युनाइटेड व‌र्ल्ड रेसलिंग (UWW) ने भारत पर लगाया गया अस्थायी निलंबन इस साल फरवरी के मध्य में हटा लिया था। प्रतिबंध हटाने का मतलब है कि भारतीय पहलवान अब विश्व संस्था की अगली प्रतियोगिता में देश के ध्वज तले खेल पाएँगे। दरअसल, समय पर चुनाव नहीं करा पाने के कारण यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने पिछले साल 23 अगस्त को उसे निलंबित कर दिया था। हालाँकि, बाद में चुनाव हुए और इसमें संजय सिंह विजयी हुए।

 

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘ममता बनर्जी का ड्रामा स्क्रिप्टेड’: कॉन्ग्रेस नेता अधीर रंजन ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र, कहा – ‘दिल्ली में संत, लेकिन बंगाल में शैतान’

अधीर ने यह भी कहा कि चुनाव हो या न हो, बंगाल में जिस तरह की अराजकता का सामना करना पड़ रहा है, वो अभूतपूर्व है।

जैसा राजदीप सरदेसाई ने कहा, वैसा ममता बनर्जी ने किया… बीवी बनी सांसद तो ‘पत्रकारिता’ की आड़ में TMC के लिए बना रहे रणनीति?...

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कुछ ऐसा किया है, जिसकी भविष्यवाणी TMC सांसद सागरिका घोष के शौहर राजदीप सरदेसाई ने पहले ही कर दी थी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -