Saturday, May 17, 2025
Homeविविध विषयअन्यअगले 3 महीनों में कर्ज चुकाना चाहती है ZEE: निवेशकों को MD पुनीत गोयनका...

अगले 3 महीनों में कर्ज चुकाना चाहती है ZEE: निवेशकों को MD पुनीत गोयनका ने दिलाया भरोसा

जनवरी 2019 में शेयर और दूसरे सिक्योरिटीज के बदले ज़ी एंटरटेनमेंट पर 13,500 करोड़ रुपए का कर्ज था। अब यह कर्ज घटकर 7,000 करोड़ रुपए हो गया है। VTB कैपिटल के पास शेयर गिरवी रखने की खबरों का भी कंपनी ने खंडन किया है।

जी अगले तीन महीने के भीतर अपना पूरा कर्ज चुकाना चाहती है। कंपनी के एमडी पुनीत गोयनका ने ET Now के साथ बातचीत में कहा कि कंपनी का लक्ष्य अगले तीन महीनों में बकाया राशि का भुगतान करना है। निवेशकों को भरोसा दिलाते हुए उन्होंने कहा कि कर्ज देने वालों की ओर दी गई छह महीने की मियाद से पहले ही कंपनी ने अपनी कुछ संपत्तियों को बेच कर कर्ज चुकाने का फैसला किया है।

बता दें कि जनवरी 2019 में शेयर और दूसरे सिक्योरिटीज के बदले ज़ी एंटरटेनमेंट पर 13,500 करोड़ रुपए का कर्ज था। अब यह कर्ज घटकर 7,000 करोड़ रुपए हो गया है। ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) के प्रमोटर Essel Group ने अपने निवेशकों को सूचित किया है कि सितंबर 2017 में फर्मों के बीच संरचित ऋण व्यवस्था में ZEEL के शेयर रूस के VTB कैपिटल पीएलसी को नहीं दिया गया था।

ऐसी खबरें सामने आई थी कि Essel Media ने VTB Capital के पास अपनी 10.71 फीसदी हिस्सेदारी गिरवी रखी है। इसके बाद गुरुवार से ही जी एंटरटेनमेंट के शेयरों में गिरावट शुरू हो गई। दोनों कंपनियों के बीच यह लोन एग्रीमेंट 4 सितंबर 2017 को हुआ था।

पुनीत गोयनका ने कंपनी का रुख स्पष्ट करते हुए कहा, “VTB की देनदारी हमेशा कुल ऋण का हिस्सा रही है। जनवरी में कंपनी के कुल कर्ज 13,000 करोड़ रुपए में यह शामिल था। आज यह रकम लगभग 7,000 करोड़ रुपए है। VTB की देनदारी इसका भी हिस्सा है। VTB का कर्ज 2,000 करोड़ रुपए और डोमेस्टिक मार्केट का 5,000 करोड़ रुपए है। VTB को अगली किश्त लौटाने की दिशा में हम काम कर रहे हैं।”

गोयनका ने बताया कि घरेलू ऋण को चुकता करने के लिए कंपनी अपनी संपत्तियों को बेचने की दिशा में आगे बढ़ रही है। 205 मेगावाट के सोलर प्लांट की ब्रिकी से 1,300 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है। 80 मेगावाट पावर प्लांट सहित अन्य संपत्तियों की ब्रिकी को लेकर भी बातचीत चल रही है। इन संपत्तियों की ब्रिकी से कर्ज चुकाने के अलावा कंपनी के संचालन के लिए पर्याप्त रकम जुटने की उम्मीद है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

दिमाग में भर रहे कट्टरपंथ, तालीम दे रहे आतंकवाद की: समझें कैसे पंजाब-हरियाणा के युवाओं को निशाना बना रहा पाकिस्तान, ISI कर रहा ‘खालिस्तान...

पंजाब और हरियाणा में खालिस्तानी समर्थक तत्वों और पाकिस्तान की ISI की सक्रियता की जानकारी खुफिया एजेंसियों ने दी है।

240 पुस्तकें, 50 रिसर्च पेपर… स्वामी रामभद्राचार्य को ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ क्यों? जो 500 सालों में नहीं हुआ वो भी कर दिखाया: संत नहीं, पुरस्कृत...

स्वामी रामभद्राचार्य को 'ज्ञानपीठ पुरस्कार' क्यों? ये लेख उनके लिए नहीं है जो सवाल पूछ रहे, उन आम लोगों के लिए है जो उस गिरोह के भ्रमजाल का निशाना हैं। जिनका पढ़ने-लिखने से कोई वास्ता ही नहीं, वो क्या समझेगा कि 2 महीने की उम्र में अपने नेत्र खोने वाला शिशु कालांतर में 240 पुस्तकें और 50 शोधपत्र प्रकाशित कर देगा।
- विज्ञापन -