भारत ने कोरोना वायरस (COVID-19) के नए स्ट्रेन Sars-CoV-2 की पहचान कर के उसे आइसोलेट करने में सफलता पाई है। ये कोरोना वायरस का यूके वैरिएंट है, जो पहले वाले से कहीं ज्यादा खतरनाक है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने शनिवार (जनवरी 2, 2021) को जानकारी दी कि उसके लैब्स का देशव्यापी नेटवर्क नए किस्म के कोरोना वायरस को ट्रैक करने में तभी से लग गया था, जब इसके बारे में सूचना मिली थी।
ICMR ने बताया कि कोरोना वायरस के इस यूके वैरिएंट की उसके सारे बदलावों सहित पहचान कर ली गई है और उसे सफलतापूर्वक आइसोलेट कर दिया गया है। इसे पुणे के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संसथान (NIV) में आइसोलेट किया गया है। यूके से लौटे भारतीय मूल के लोगों के क्लिनिकल नमूनों को इकट्ठा कर के उसका अध्ययन किया गया और फिर ये सफलता मिली। इसे भारतीय वैज्ञानिकों की बड़ी सफलता माना जा रहा है।
अब तक दुनिया का कोई भी देश कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन Sars-CoV-2 की पहचान कर के उसे सफलतापूर्वक आइसोलेट नहीं कर सका है। इस हिसाब से भारत इस उपलब्धि को हासिल करने वाले पहला देश है। इस वायरस की पहचान के लिए भारतीय वैज्ञानिकों ने ‘Vero Cell Lines’ का प्रयोग किया। विष्णु विज्ञान (Virology) में वेरो सेल लाइंस का बड़ा महत्व होता है और वायरस की पहचान के लिए इसका ही इस्तेमाल किया जाता है।
उधर भारत में अब कोरोना वायरस संक्रमण के मामले लगातार कम हो रहे हैं और देश अब ‘हर्ड इम्युनिटी’ की तरफ भी बढ़ रहा है। भारत में अब तक स्ट्रेन के 25 संक्रमित मिले हैं और सभी को सिंगल रूम आइसोलेशन में रखा गया है। विशेषज्ञों का भी कहना है कि नए स्ट्रेन को लेकर दूसरे के रिसर्चों पर निर्भर रहने की जगह भारत खुद अध्ययन कर के अपने डेटाबेस की छानबीन कर रहा है, जो अच्छी बात है।
India successfully cultures the new viral strain on the horizon (UK-variant of SARS-CoV-2). #ICMRFIGHTSCOVID19 #IndiaFightsCOVID19 #CoronaUpdatesInIndia #COVID19 #Unite2FightCorona @MoHFW_INDIA @PIB_India @DrHVoffice @drharshvardhan @AshwiniKChoubey @icmr_niv pic.twitter.com/vaCMQMSHOJ
— ICMR (@ICMRDELHI) January 2, 2021
बताते चलें कि अब ‘कोविशील्ड’ के बाद देश को पहला स्वदेशी टीका ‘कोवैक्सीन’ भी मिल गया है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की कोविड-19 पर बनी विशेषज्ञों की समिति ने शनिवार को ही भारत बायोटेक द्वारा विकसित इस टीके को भी आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी। ‘कोवैक्सीन’ पहली ऐसी कोविड-19 वैक्सीन है, जिसे ICMR के सहयोग से देश में ही विकसित किया गया है। इसे भारत बायोटेक ने विकसित किया है। इस वैक्सीन को भारत बायोटेक व NIV पुणे ने मिलकर तैयार किया है।