अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने चंद्रयान-2 मिशन के लैंडर विक्रम पर एक नई जानकारी दी है। नासा ने 26 सितंबर को 3 तस्वीरें जारी करते हुए बताया है कि भारत के चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर ने चाँद पर हार्ड लैंडिंग की थी। नासा ने बताया कि इसकी और अधिक तस्वीरें अब अक्टूबर में ली जाएँगी।
बता दें कि ये हाई रेजॉलूशन तस्वीरें नासा के लूनर रेकॉन्सेंस ऑर्बिटर (Lunar Reconnaissance Orbiter) कैमरा के जरिए खींची गई हैं। नासा की ओर से जारी बयान के मुताबिक, “चंद्रमा की सतह पर विक्रम की हार्ड लैंडिंग हुई, यह स्पष्ट है। मगर लैंडर के बारे में अभी कुछ पता नहीं चल पाया है। तस्वीरें शाम के अंधेरे में ली गईं हैं। बाकी तस्वीरें अक्टूबर में बेहतर प्रकाश की स्थिति में ली जाएँगी।”
Our @LRO_NASA mission imaged the targeted landing site of India’s Chandrayaan-2 lander, Vikram. The images were taken at dusk, and the team was not able to locate the lander. More images will be taken in October during a flyby in favorable lighting. More: https://t.co/1bMVGRKslp pic.twitter.com/kqTp3GkwuM
— NASA (@NASA) September 26, 2019
नासा ने कहा कि लैंडर विक्रम को 6 सितंबर को शाम के 4:24 बजे चाँद की सतह पर लैंड करना था। चाँद पर सॉफ्ट लैंडिंग का यह भारत का पहला प्रयास था। अमेरिकी स्पेस एजेंसी के अनुसार, लूनर रेकॉन्सेंस ऑर्बिटर, लैंडिग साइट के ऊपर से 17 सितंबर को क्रॉस किया। इस दौरान एलआरओसी ने कई सारी हाई रेजॉल्यूशन तस्वीरें ली हैं। मगर शाम का समय होने के कारण वहाँ पर अधिकतर क्षेत्र धुँधला था। विक्रम लैंडर भी इसी धुँधले क्षेत्र में छिपा हो सकता है।
नासा की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि एलआरओ एक बार फिर लैंडिंग साइट के पास पहुँचने का प्रयास करेगा। अक्टूबर में जब प्रकाश की स्थिति अनुकूल होगी तो एक और कोशिश की जाएगी।
गौरतलब है कि ‘चंद्रयान-2’ के लैंडर ‘विक्रम’ का 7 सितंबर को चाँद की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ के प्रयास के दौरान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया था। विक्रम 2 सितंबर को आर्बिटर से अलग हो गया था। विक्रम ने ‘रफ ब्रेकिंग’ और ‘फाइन ब्रेकिंग’ चरणों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया था, लेकिन ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ से पहले इसका संपर्क धरती पर मौजूद स्टेशन से टूट गया था। नासा के ताजा बयान से पता चलता है कि चंद्रमा के जिस अनछुए सतह पर भारत के महत्वाकांक्षी प्रॉजेक्ट चंद्रयान-2 की सॉफ्ट लैंडिंग होनी थी, तकनीकी गलती की वजह से वहाँ लैंडर विक्रम की हार्ड लैंडिंग हुई।