Saturday, October 12, 2024
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ट्रम्प ने किया ISIS के ख़त्म होने का दावा लेकिन कहाँ गया ₹173 करोड़ का इनामी आतंकी बगदादी?

आईएस से जुड़े कई आतंकी भारत में भी पकड़े गए थे। एनआईए ने आईएस से जुड़े एक मॉड्यूल का पर्दाफाश किया था। इसमें इंजीनियर से लेकर मौलवी तक शामिल थे। अब आईएस के ख़ात्मे के ऐलान के बाद अधिकारियों ने राहत की साँस ली होगी।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक नक्शा दिखा कर मीडिया को यह तो बता दिया कि खूँखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) का ख़ात्मा हो चुका है लेकिन इसका मुखिया बगदादी कहाँ है, यह अब भी एक चर्चा का विषय है। बता दें कि बगदादी पर 173 करोड़ रुपए का इनाम है। ड्रम्प के घोषणानुसार, सीरिया के सभी क्षेत्रों को आईएस के चंगुल से मुक्त करा लिया गया है। अधिकारियों ने भी ट्रम्प के दावे की पुष्टि करते हुए बताया कि अब कुछ ही ऐसे इलाक़े हैं, जहाँ छिटपुट लड़ाके बचे हुए हैं। इसी के साथ ख़लीफ़ा शासन के अंत की भी घोषणा की गई। असल में सीरिया के कुछ भाग में आईएस के कब्ज़े के कारण उसे दुनियाभर में आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए एक ठिकाना मिल गया था। आख़िरकार लाखों बम के प्रयोग और कई नागरिकों की मृत्यु के बाद आईएस का सफाया हुआ।

इसके अलावा कुर्द नेतृत्व वाले सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज (SDF) के प्रवक्ता मुस्तफा बाली ने ट्वीट कर कहा कि ‘बागुज मुक्त हो गया है और इसी के साथ आईएस के खिलाफ सैन्य जीत हासिल कर ली गई है।’ बागुज में आईएस के कब्ज़े वाले क्षेत्र को मुक्त कराने के साथ ही आतंकवादियों के कथित ख़लीफ़ा का भी अंत हो गया है। आईएस ने इलाके में अपने कब्ज़े के दौरान बड़े पैमाने पर नरसंहार मचाया और इनका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर भी फैलाया। आईएस के वीडियो अक्सर सोशल मीडिया पर वायरल होते थे और इससे आतंकियों को लोगों के भीतर डर बैठाने में कामयाबी मिल जाती थी।

वर्ष 2014 में इराक के सिंजार क्षेत्र में आतंक मचाने के दौरान बगदादी के आतंकी संगठन ने यजीदी धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय की हजारों महिलाओं और लड़कियों को बंधक बनाया और उनका यौन शोषण किया। इनमें से कई आज तक लापता हैं। आईएस का अब सीरिया या इराक में किसी भी क्षेत्र पर कब्ज़ा नहीं है, लेकिन वह अब भी इन दोनों देशों में आतंकवादी हमले कर रहा है। बता दें कि आईएस से जुड़े कई आतंकी भारत में भी पकड़े गए थे। एनआईए ने आईएस से जुड़े एक मॉड्यूल का पर्दाफाश किया था। इसमें इंजीनियर से लेकर मौलवी तक शामिल थे। अब आईएस के ख़ात्मे के ऐलान के बाद अधिकारियों ने राहत की साँस ली होगी।

आईएस सरगना बगदादी इराक के समारा की एक मस्जिद में मौलवी था। बगदादी को विद्रोह भड़काने के आरोप में दक्षिण इराक के बक्का कैंप में चार वर्षों तक जेल में रखा गया था। जेल में बगदादी कथित इस्लामिक राज्य की स्थापना करने का मन बना चुका था। उसके मन में इसके लिए ख़तरनाक और खुराफाती योजना तभी तैयार होने लगी थी जब 2010 में बगदादी रिहा हुआ और आईएसआईएस का मुखिया बना। बगदादी का इराक, सीरिया, साइप्रस, जॉर्डन, लेबनान, फिलिस्तीन, पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान पर कब्ज़ा कर ‘द इस्लामिक स्टेट ऑफ खोरासान’ बनाने का सपना था। बगदादी 2014 में पहली बार जनता के सामने आया था।

रूस के रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया था कि यह हमला आईएस के गढ़ रक्का के पास किया गया था और वहाँ आईएस नेता अबू बकर अल बगदादी भी मौजूद था। सेना कई तरीकों से यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि वो मारा गया है या नहीं। लेकिन, रूसी सेना इस मामले में बगदादी के मारे जाने की कोई पुख्ता सबूत नहीं दे पाई। अब देखना यह है कि अधिकारियों के इन दावों में कितनी सच्चाई है। जब तक बगदादी की कोई ख़बर नहीं मिलती, तब तक आईएसआईएस को लेकर डर बना रहेगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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