पटना, राँची और दिल्ली के बाद महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के नेवासा नगर स्थित एक मस्जिद से 10 विदेशियों को पुलिस ने हिरासत में लिया। इस खबर की जानकारी मराठी समाचार पोर्टल देशदूत में प्रकाशित हुई। देशदूत के मुताबिक इन दसों लोगों को पुलिस ने पकड़ लिया है और मस्जिद के ट्रस्टियों पर महाराष्ट्र आपदा प्रबंधन कानून के तहत मामला दर्ज किया है।
पुलिस कॉन्स्टेबल प्रताप सिंह भगवान ने इस संबंध में एफआईआऱ दर्ज की है। उन्होंने बताया कि 30 मार्च को नेवासा में पट्रोलिंग के दौरान रणजीत देर को एक खबरी से मालूम हुआ कि नेवासा के मरकूस मस्जिद में कुछ विदेशी ठहरे हैं। पुलिस ने जब इस सूचना के आधार पर पड़ताल की तो खबर सच्ची निकली।
10 foreign Mullahs discovered in a Mosque of Newasa town in Ahmednagar district, Maharashtra https://t.co/OBzCDYUtTT
— iMac_too (@iMac_too) March 31, 2020
पूछताछ में पता चला कि इनमें से 5 नागरिक पूर्वी अफ्रीका के डिजबूती (जिबूती) शहर के हैं। जबकि एक बेनिन, 3 डेकॉर्ट और एक घाना का है। पुलिस ने मस्जिद के ट्रस्टी जुम्माखान नवाबखान पठान और सलीम बाबूलाल पठान को कोरोना फैलाने के आरोप में और आदेशों का उल्लंघन करने के आरोप में कई धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया है।
गौरतलब है कि इससे पहले बिहार की राजधानी पटना से भी 12 विदेशियों को छिपाने का मामला सामने आया था। उस दौरान पड़ताल पर मालूम हुआ था कि पकड़े गए सभी लोग तजाकिस्तान के हैं और भारत में धर्म प्रचार करने आए थे। मगर, बिन कोरोना की जाँच करे सबसे छिपकर घूम रहे थे।
इसके बाद झारखंड की राजधानी राँची के स्थित मस्जिद से भी 11 विदेशी मौलवियों को पुलिस प्रशासन ने हिरासत में लिया था। ये भी जाँच में मजहब प्रचारक के तौर पर ही सामने आए थे। इनमें से 3 मौलवी चीन से थे जबकि 4-4 किर्गिस्तान और कजाकिस्तान से थे।
इसी तरह दिल्ली में भी कल निजामुद्दीन के पास मरकज भवन में कई विदेशियों के मिलने की सूचना सामने आई। जहाँ मलेशिया, इंडोनेशिया, सऊदी अरब और किर्गिस्तान समेत कई देशों के करीब 2500 से अधिक लोगों ने 1 से 15 मार्च तक तब्लीग-ए-जमात में हिस्सा लिया और बाद में उनमें से कई यहीं रुके रहे। चिंताजनक बात ये है कि इनमें से 24 की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई है।