Monday, December 23, 2024
Homeदेश-समाज'हिन्दुओं की सम्पत्ति को नुकसान पहुँचाना था भीड़ का मकसद': दिल्ली की कोर्ट में...

‘हिन्दुओं की सम्पत्ति को नुकसान पहुँचाना था भीड़ का मकसद’: दिल्ली की कोर्ट में शमीम और कफील पर आरोप तय, स्कूल में लगा दी थी आग

25 फरवरी 2020 को शाम 4 बजे लगभग 150 से 200 हमलावरों की भीड़ ने बृजपुरी स्थित अरुण मॉडर्न पब्लिक सेकेंडरी स्कूल में जबरन घुसने का प्रयास किया था। इस दौरान स्कूल कैम्पस में तोड़फोड़ करते हुए आगजनी की गई। वाहनों से लेकर कंप्यूटर लैब तक को जला दिया गया था।

दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार (24 जनवरी 2023) को फरवरी 2020 में हुए हिन्दू विरोधी दंगों में शामिल बताए जा रहे 2 आरोपितों के खिलाफ आरोप तय कर दिए। इन आरोपितों के नाम शमीम अहमद और मोहम्मद कफील फैज़ान हैं। दोनों पर दंगों के दौरान दिल्ली के बृजपुरी स्थित एक स्कूल पर हमले और आगजनी का आरोप है। कोर्ट में तय हुए आरोपों में एक आरोप यह भी है कि दोनों हमलावरों का मकसद जानबूझकर हिन्दू की सम्पत्ति को नुकसान पहुँचाना था।

रिपोर्ट के मुताबिक, शमीम और कफील पर आरोप तय करते हुए कोर्ट ने कहा कि उन्होंने अपने साथ 5 से ज्यादा अज्ञात लोगों की गैर-कानूनी भीड़ एक खास मकसद के लिए जुटाई थी। कोर्ट के अनुसार, इस भीड़ ने अरुण मॉडर्न पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल में तोड़फोड़ और आगजनी इसलिए की, क्योंकि वो एक हिन्दू का स्कूल था। आरोप पत्र में इस बात का भी जिक्र है कि हमलावरों का मकसद हिन्दुओं की सम्पत्तियों को अधिक से अधिक नुकसान पहुँचाने का था।

इस मामले की सुनवाई कड़कड़डूमा कोर्ट के ACJ 3 पुलत्स्य प्रमाचला की अदालत में हुई। अदालत में तय हुए आरोप में इस बात का भी जिक्र है कि हमलावर भीड़ तमाम तरह के हथियारों से लैस थी। दंगे पर आमादा इस भीड़ ने स्कूल के कम्प्यूटर लैब, लाईब्रेरी, दस्तावेज, जेनरेटर से लेकर कैंपस में खड़े वाहनों तक को जला दिया। घटना में पुलिस के रोल पर कोर्ट ने माना कि उस समय पुलिस लॉ एंड ऑर्डर को बनाए रखने में व्यस्त थी इस वजह से फ़ौरन एक्शन नहीं ले पाई थी।

हालाँकि, बचाव पक्ष ने पुलिस के गवाह, पीड़ितों और पुलिस की FIR में भिन्नता और FIR में देरी जैसे तर्क दिए, जिसका अभियोजन पक्ष ने विरोध किया। कोर्ट ने अभियोजन पक्ष की बातों पर सहमति जताई और आरोप करने पर सहमति दी। ऑपइंडिया के पास आदेश की कॉपी मौजूद है।

क्या था पूरा मामला

25 फरवरी 2020 को शाम 4 बजे लगभग 150 से 200 हमलावरों की भीड़ ने बृजपुरी स्थित अरुण मॉडर्न पब्लिक सेकेंडरी स्कूल में जबरन घुसने का प्रयास किया था। इस दौरान स्कूल कैम्पस में तोड़फोड़ करते हुए आगजनी की गई। इस हमले की सूचना थाना दयालपुर को एक फोन कॉल से दी गई। आरोप है कि जब तक पुलिस मौके पर पहुँची तब तक स्कूल को तहस-नहस कर दिया गया था और वहाँ मौजूद वाहनों को आग लगा दी गई थी। घटना के अगले दिन 26 फरवरी को स्कूल की प्रिंसिपल ज्योति रानी ने पुलिस में हमले की लिखित शिकायत दी थी।

शिकायत में हमले से लगभग सवा करोड़ रुपए का नुकसान होना बताया गया। जब यह केस दर्ज हुआ तब पुलिस को इस घटना से संबंधित कुछ अन्य शिकायतें भी मिलीं। 2 हिन्दुओं और 1 मुस्लिम ने अपने दोपहिया वाहन दंगाइयों द्वारा जलाए जाने की शिकायत पुलिस में दी। ये वो वाहन थे, जो हमले के दौरान स्कूल के आस-पास खड़े थे और हिंसा की चपेट में आ गए थे।

जाँच के दौरान हिंसा के समय उसी इलाके में ड्यूटी कर रहे पुलिस अधिकारी ने हिंसा में शामिल शमीम, कफील और फैज़ान की पहचान की। इन तीनों की पहचान का सत्यापन अन्य गवाहों के बयान से भी किया गया। इसमें तीसरा आरोपी फैजान फरार है और वह घोषित अपराधी है। पुलिस ने तीनों आरोपितों से संबंधित चार्जशीट 13 जून 2020 को ही दाखिल कर दी थी। तीनों आरोपितों पर भारतीय दंड संहिता। (IPC) की धारा 147, 148, 427, 435, 188 व 436 की धारा 149 के तहत केस दर्ज हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -