दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज़ से लौटे एक जमाती के कारण पुणे के 40 डॉक्टरों पर कोरोना का खतरा व्याप्त हो गया है। खबर है कि इस जमाती के परिजनों ने सर्जरी के दौरान इसके मरकज़ जाने की बात डॉक्टरों से छिपाई और इलाज के बाद मालूम हुआ कि उसने दिल्ली में हुए कार्यक्रम में शिरकत की थी।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, 31 मार्च को अस्पताल में एक एक्सीडेंट का केस आया जिसे इंटरनल ब्लीडिंग हो रही थी। डॉक्टरों ने इमरजेंसी में उसका इलाज किया। मगर, 2 दिन बाद उसे तेज बुखार आना शुरू हो गया। उसके शरीर का तापमान अचानक बढ़ने लगा। जब डॉक्टरों ने उसकी हालत देखकर माँ से पूछताछ की तो उन्होंने स्वीकारा कि उनका बेटा तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने गया था।
अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मरीज के परिजनों ने पहले उसकी ट्रैवल हिस्ट्री से इंकार किया था। इसलिए डॉक्टरों की एक टीम जिसमें नर्स भी थी। उन्होंने इमरजेंसी में उसकी सर्जरी की। लेकिन मरीज को दो दिन बाद बुखार आ गया। अस्पताल के स्टॉफ ने इसके संबंध में उसकी माँ से जानकारी ली। माँ ने ज्यादा जोर देने पर बताया कि उनका बेटा मरकज़ से लौटा था। इसके बाद शुक्रवार को मरीज का सैंपल टेस्ट के लिए भेजा गया और रिपोर्ट आने पर मालूम हुआ कि मरीज कोरोना पॉजिटिव है।
अब जैसै ही ये सूचना आई मरीज को फौरन पिंपरी स्थित वाईसीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं 40 सर्जन और डॉक्टरों को उसके कॉन्टेक्ट में आने के कारण अस्पताल के अलग-अलग कमरों में क्वारंटाइन किया गया। साथ ही उनका सैंपल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में भेजा गया। अब रिपोर्ट आने के बाद स्थिति साफ होगी।
बता दें 40 डॉक्टरों के अलावा अस्पताल के 30 अन्य कर्मचारी भी क्वारंटाइन किए गए हैं। इनमें नर्स, अभिभावक और सफाई कर्मचारी शामिल हैं। इनके सैंपल भी टेस्ट के लिए भेजे गए हैं।
गौरतलब है कि तबलीगी जमातियों के कारण पूरे देश में कोरोना संक्रमितों की तादाद में अकस्मात वृद्धि देखने को मिली है। इन जमातियों ने देश के हर राज्य में पहुँचकर न सिर्फ इसे फैलाया है बल्कि सारे मामले का खुलासा होने के बाद खुद को छिपाए रखने का गुनाह भी किया है। इस समय इन लोगों के कारण करीब 1000 मामलों की पुष्टि हुई है जो कोरोना संक्रमित हैं और जिन्होंने या तो जमात द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की या उनके संपर्क में आए।
40 डॉक्टरों के लिए खतरा बना एक तबलीगी जमाती: सर्जरी के दौरान छिपाई मरकज़ जाने की बात, अब निकला कोरोना पॉजिटिव
अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मरीज के परिजनों ने पहले उसकी ट्रैवल हिस्ट्री से इंकार किया था। इसलिए डॉक्टरों की एक टीम जिसमें नर्स भी थी। उन्होंने इमरजेंसी में उसकी सर्जरी की। लेकिन मरीज को दो दिन बाद बुखार आ गया। अस्पताल के स्टॉफ ने इसके संबंध में उसकी माँ से जानकारी ली। माँ ने ज्यादा जोर देने पर बताया कि उनका बेटा मरकज़ से लौटा था।
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