Friday, May 17, 2024
Homeदेश-समाजबुरी तरह पीटते थे, साफ़ करवाते थे शौचालय... 93 बच्चों को बस में भर...

बुरी तरह पीटते थे, साफ़ करवाते थे शौचालय… 93 बच्चों को बस में भर कर ले जा रहे 5 मौलवी धराए, अनाथ बता कर उठाते थे फंडिंग, देवबंद के मदरसों में डालने की थी साजिश

पुलिस ने जाँच की तो पता चला कि दोनों मदरसे रजिस्टर्ड भी नहीं थे। साथ ही बस में सवार मौलवी बच्चों के माता-पिता से पैसे लेने के बावजूद उन्हें अनाथ बता कर बाहर से भी फंडिंग करवाते थे।

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में शुक्रवार (26 अप्रैल, 2024) को मानव तस्करी की आशंका के चलते एक बस की तलाशी ली गई थी। तब इस बस में 93 नाबालिग बच्चे मौजूद मिले जिनकी उम्र 6 से 14 साल के बीच थी। इसी बस में 5 मौलवी भी पकड़े गए थे। सभी बच्चे बिहार के अररिया जिले के रहने वाले बताए जा रहे हैं। इन्हें पढ़ाने के नाम पर सहारनपुर जिले के एक मदरसे में ले जाया जा रहा था। ये मदरसे रजिस्टर्ड भी नहीं थे। मौलवियों पर बच्चों को यतीम बता कर बाहर से फंड लेने आरोप लगा है। बच्चों ने बताया कि उनके साथ अमानवीयता की जा रही थी। इस मामले में प्रशासन जाँच कर रहा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुक्रवार को अयोध्या के देवकाली के पास पुलिस ने एक डबल डेकर बस रोकी। बस में लगभग 100 लोग सवार थे। इसमें 93 नाबालिग बच्चे थे जो बेहद थके और परेशान लग रहे थे। बस बिहार के अररिया से आ रही थी। पुलिस से हुई शुरुआती पूछताछ में बस में सवार 5 मौलवियों ने बताया कि वो सहारनपुर जा रहे हैं। यहाँ के देवबंद इलाके में मौजूद 2 मदरसों का जिक्र किया गया जिनके नाम मदारूल उलूम रफीकिया और दारे अरकम हैं। सभी बच्चों का एडमिशन इसी मदरसे में होना था।

पुलिस ने जाँच की तो पता चला कि दोनों मदरसे रजिस्टर्ड भी नहीं थे। साथ ही बस में सवार मौलवी बच्चों के माता-पिता से पैसे लेने के बावजूद उन्हें अनाथ बता कर बाहर से भी फंडिंग करवाते थे। पुलिस ने बच्चों को लखनऊ के राजकीय बाल गृह पहुँचा दिया और उनके अभिभावकों को भी सूचित कर दिया। रविवार (28 अप्रैल, 2024) को यहाँ राज्य बाल संरक्षण आयोग की टीम पहुँची। इन्होंने बच्चों का हालचाल लिया तो उन्होंने मदरसे में होने वाली अपनी प्रताड़ना को खुल कर बताया। बरामद हुए 95 बच्चों में कई रिश्ते में भाई हैं तो कुछ अन्य एक दूसरे के बारे में जानते तक नहीं हैं।

बच्चों ने कहा कि मदरसे में उनकी बेरहमी से पिटाई की जाती थी। उनसे शौचालय साफ करवाए थे और किसी को बताने पर बुरे अंजाम की धमकी दी जाती थी। बीमार होने पर भी बच्चों के घर से पैसे आने पर ही उनको दवा दी जाती थी। कई बच्चे सहारनपुर के मदरसे में पहले भी रह चुके हैं। यहाँ रात को गेट बंद हो जाते थे। गेट खोलने के लिए कहने पर बच्चों को गेट पर तैनात गार्डों द्वारा बेरहमी से पीटा जाता था। सबसे अधिक प्रताड़ना देने वालों में बच्चों ने मास्टर शहजाद और जबर का नाम लिया।

पाँचों मौलवियों को फ़िलहाल गिरफ्तार कर लिया गया है। उनसे पूछताछ और अन्य कानूनी कार्रवाई की जा रही है। इन बच्चों के अभिभावकों से यहाँ तक लिखवा लिया गया था कि उनकी संतानों के साथ किसी अनहोनी के जिम्मेदार मौलवी नहीं होंगे। सोमवार (29 अगस्त) तक बच्चों के माता-पिता को लखनऊ बुलवाया गया है।राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. शुचिता चतुर्वेदी के मुताबिक उनसे बात करते हुए बच्चे फफक कर रोने लगे।

उन्होंने अपने सपने के तौर पर डॉक्टर बनना बताया। इस दौरान बच्चों ने यह भी कहा कि मदरसे में पढ़ कर उनका ये सपना नहीं पूरा हो सकता है। डॉ सुचिता का कहना है कि वो आ रहे अभिभावकों से यह लिखित तौर पर लेंगी कि दुबारा इन बच्चों का एडमिशन मदरसे में नहीं करवाया जाएगा।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

स्वाति मालीवाल ने दर्ज कराई FIR: मुख्यमंत्री आवास में अरविंद केजरीवाल के सामने ही उनके PA बिभव कुमार ने मुँह, पेट और छाती पर...

आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने बीते दिनों मुख्यमंत्री आवास में अपने साथ हुई बदसलूकी और कथित मारपीट के मामले में आखिरकार लिखित शिकायत दे दी है।

‘भ्रष्टाचारियों से जब्त जमीनों को नीलाम करके गरीबों को लौटा रहे हैं’: PM मोदी बोले- ‘कॉन्ग्रेस के लिए लोकतंत्र का मतलब उनकी सत्ता है’

पीएम मोदी ने कहा कि कॉन्ग्रेस ये स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं कि दस साल पहले 2014 में देश ने कोई दूसरी सरकार चुनी है, कोई दूसरा प्रधानमंत्री है जिसे देश ने बनाया है, वो मन से स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -