पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद से ही हिंसा का जो दौर शुरू हुआ, वो अब भी शायद ही थमा है। इसी तरह की एक पीड़ित हैं कोलकाता की एक 60 वर्षीय महिला। वो महीने भर से भी अधिक समय से एक गेस्ट हाउस की पहली मंजिल पर एक कमरे में रह रही हैं, अकेले। मात्र एक बार बस वो मजिस्ट्रेट को बयान देने के लिए निकली थीं। हिंसा के दौरान उनका बलात्कार हुआ था।
अपने साथ हुई क्रूरता को याद कर के वो पूर्वी मेदिनीपुर स्थित अपने घर जाने से भी डरती हैं, जो 130 किलोमीटर दूर है। ‘इंडियन एक्सप्रेस’ ने पीड़िता द्वारा सुप्रीम कोर्ट में डाली गई अपनी याचिका और पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत के हवाले से अपनी एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में जानकारी दी है कि 4-5 मई, 2021 की रात उनके साथ रेप हुआ था। आरोप है कि तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के गुंडे उनके घर में घुस गए थे।
पीड़िता का कहना है कि TMC के उन्हीं गुंडों में से एक ने उनके साथ बलात्कार किया, जबकि उनका 5 साल का पोता पास ही खड़े होकर सब कुछ देख रहा था। इतना ही नहीं, उन गुंडों ने उन्हें एक प्रकार का ज़हर खाने को भी मजबूर कर दिया था, जिसके बाद उन्हें एक महीने से भी अधिक समय अस्पताल में गुजारना पड़ा था। परिवार को अब भी धमकी मिल रही है कि वो रेप केस वापस ले लें, वरना ठीक नहीं होगा।
परिजनों का कहना है कि वो अपनी डेढ़ बीघा जमीन पर खेती करने के लिए जाने से भी डरते हैं, घर से बाहर तक नहीं निकलते। उनका कहना है कि सभी आरोपित TMC कार्यकर्ता हैं, जिनमें से 3 के साथ उनका जमीन का झगड़ा भी चल रहा है। पीड़िता का परिवार भाजपा समर्थक रहा है। भाजपा नेताओं ने भी इस मामले को उठाया है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की जाँच टीम पहले ही कह चुकी है कि बनर्जी की सरकार ने हिंसा होने दिया।
जबकि पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी का कहना है कि पीड़िता का दिमाग ठीक नहीं है और उन्हें जानबूझ कर भाजपा ने छिपा कर रखा है, ताकि आरोप लगाए जा सकें। परिजनों का कहना है कि घटना के 12 दिन बाद पीड़िता का मेडिकल टेस्ट हुआ था, जब वो ज़हर खिलाए जाने के कारण अस्पताल में इलाजरत थीं। इसके बाद भाजपा की मदद दे जून के दूसरे सप्ताह में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली।
भाजपा सांसद स्वप्न दासगुप्ता और पश्चिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने भी इस मामले में न्याय की माँग की थी। इस मामले में मुहम्मद उस्मान और सुब्रत कुमार नाम के आरोपितों को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने महिला को स्थानीय कोर्ट ले जाकर बयान दर्ज करवाया। गौतम दास और सुकांता दास नामक आरोपित अब भी फरार हैं। पीड़िता के दामाद का कहना है कि राज्य में अन्य जगहों की तरह यहाँ भी TMC की जीत के बाद पार्टी के गुंडे देशी बम व हथियार लेकर आ धमके थे।
उन्होंने आरोप लगाया कि उन गुंडों में से मुहम्मद उस्मान ने खटिये से बाँध कर उनकी सास का रेप किया। परिवार चुनाव परिणाम आने के बाद गुंडों के डर से घर छोड़ चला गया था, लेकिन जब लौटा तो उसके बाद गुंडे फिर आ गए और तब ये घटना हुई। 5 साल का बच्चा गुंडों से बेचने के लिए बिस्तर के नीचे छिपा हुआ था। अगस्त 2016 में पीड़िता के पति का देहांत हो गया था। परिवार का कहना है कि अधिकतर आरोपित उनके संबधी ही हैं।
‘History replete with gruesome instances where rape employed as strategy to terrorise enemy civilian population, demoralize enemy troops. But never have such cruel crimes been committed against woman citizen for her participation in a democratic process’- Rape survivor’s SC plea
— Padmaja joshi (@PadmajaJoshi) June 14, 2021
पीड़िता को कुछ पड़ोसियों ने बेहोश पाया था, जिसके बाद सुबह के 5 बजे उन्हें अस्पताल ले जाया गया। प्राइमरी हेल्थ केयर ने हाथ खड़े कर दिए तो उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाद में भाजपा की मदद से एक प्राइवेट नर्सिंग होम और फिर कोलकाता में उनका इलाज हुआ। दामाद का आरोप है कि पुलिस FIR तक दर्ज करने से हिचक रही थी और मेडिकल टेस्ट में सहयोग नहीं किया गया।
कोलकाता के अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट कहती है कि महिला के प्राइवेट पार्ट्स में चोटें थीं और घुटना भी जख्मी हो गया था। आरोप वाले सेक्शन में लिखा है कि महिला का यौन शोषण हुआ और मुँह के माध्यम से उन्हें जबरन Organophosphates (केमिकल स्ट्रक्चर ‘O=P(OR)3‘) नामक ज़हर दिया गया। पीड़िता का कहना है कि वो अपने घर जाना चाहती हैं, लेकिन आशंका है कि उन पर फिर हमला होगा।
उनके कमरे की व्यवस्था भाजपा ने ही की है। पीड़िता ने कहा कि वो भाजपा की आभारी हैं, लेकिन भला कब तक इस तरह घर-परिवार से दूर रह सकती हैं। उन्होंने बताया कि 2016 के विधानसभा चुनाव के दौरान भी उनके व उनके पति को पीटा गया था। उनके पति कई दिनों तक घर से दूर रहे थे। पुलिस का कहना है कि उसकी वजह से मेडिकल टेस्ट में देरी नहीं हुई क्योंकि पीड़िता अस्पताल में थीं और डिस्चार्ज होकर अपने ओरिजिनल पते पर नहीं आईं।
पुलिस का कहना है कि पीड़िता नंदीग्राम चली गई थीं, जहाँ से बुला कर बयान दर्ज किया गया। पुलिस ने उन तीनों अस्पतालों से मेडिकल सैम्पल्स इकट्ठे किए, जहाँ महिला का इलाज हुआ था। पीड़िता का दामाद मजदूरी का काम करते हैं। उन्होंने बताया कि सुरक्षा की गुहार के बावजूद पुलिस शांत है। स्थानीय TMC नेता पार्थ प्रतीम ये मानते हैं कि सभी आरोपित उनकी पार्टी के हैं, लेकिन साथ ही कहते हैं कि आरोपितों में से एक की उम्र 70 साल है। उन्होंने पूछा कि इस उम्र का व्यक्ति यौन शोषण कैसे कर सकता है?