तेलंगाना के वारंगल जिले में पिछले हफ्ते कुएँ से निकली 9 लाशों की गुत्थी को पुलिस ने अब सुलझा लिया है। ताजा जानकारी के अनुसार, पुलिस ने इस मामले के संबंध में 26 वर्षीय संजय यादव को गिरफ्तार किया है।
संजय पर आरोप है कि उसने अपनी प्रेमिका की हत्या को छिपाने के लिए इन 9 लोगों को जान से मारा। इनमें से 6 एक ही परिवार के थे।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पुलिस कमिश्नर डॉ रवींद्र ने बताया, “21 और 22 मई को शव कुएँ से बरामद किए गए थे। जाँच में यह सामने आया है कि आरोपित संजय ने राफिका (कातिल की प्रेमिका) की हत्या को छिपाने के लिए इन सभी की हत्या कर दी। “
पुलिस आयुक्त ने आगे बताया कि संजय यादव की मकसूद नामक शख्स और उसकी भाभी राफिका से जान-पहचान थी। धीरे-धीरे वह राफिका के काफी करीब आ गया था और वह राफिका के तीन बच्चों समेत उनके साथ रहने लगा था।
इस दौरान यादव ने राफिका की 15 वर्षीय बेटी के साथ दुर्व्यवहार करने की कोशिश की। राफिका को यह पसंद नहीं आया और उसने उसके खिलाफ शिकायत दर्ज करने की धमकी दी।
राफिका का रवैया देखकर संजय यादव ने उसकी बेटी को पाने के लिए राफिका को मारने की योजना बनाई और इसी क्रम में उससे शादी का वादा किया।
इसके बाद, संजय अपने परिवार से बात करने का झूठा बहाना बनाकर राफिका को लेकर 7 मार्च को बंगाल के लिए निकल गया। वहाँ उसने पहले रास्ते में फूड पैकेट में नींद की गोलियाँ मिलाईं, उसे बेहोश किया और फिर बाद में उसका गला दबाकर उसे ट्रेन से बाहर फेंक दिया।
पुलिस के मुताबिक, इसके बाद संजय वापस वारंगल आ गया। मगर मकसूद की पत्नी निशा ने उससे राफिका के बारे में पूछताछ करनी बंद नहीं की। जब निशा को ज्यादा शक हुआ तो निशा ने उसके ख़िलाफ़ पुलिस शिकायत दर्ज करवाने की धमकी दी। जिसे सुनने के बाद संजय के सिर पर सिलसिलेवार हत्याओं का भूत सवार हुआ और सबसे पहले उसने 16 मई से 20 मई तक मकसूद के घर जाने का फैसला किया, जोकि एक बोरे की फैक्ट्री में रहते थे।
यादव ने यहाँ मकसूद के घर आने से पहले नींद की दवाई खरीदी और मकसूद के बड़े बेटे के जन्मदिवस पर उसे पूरे घर के खाने में मिला दिया। इसके बाद उसने मकसूद के करीबी दोस्त शकील के खाने में भी ये दवाइयाँ मिलाई और फिर फैक्ट्री की पहली मंजिल पर गया, वहाँ भी दो मजदूरों के खाने में नींद की दवाई मिलाई।
दरअसल, उसे संदेह था कि यदि इनमें से कोई भी जग गया, तो वो पकड़ा जाएगा। इसलिए, उसने इन सबको एक साथ नींद की दवा देकर हमेशा के लिए मौत की नींद सुला दिया।
पुलिस के अनुसार, संजय ने केवल रफीका की हत्या को छिपाने के लिए उन नौ लोगों को नींद की दवाई दी। इसके बाद वो रात के करीब 12:30 बजे जगा, सभी लोगों को खुद बोरे में भरा और खींचता हुए कुएँ के पास ले गया। यहाँ उसने एक-एक करके सिलसिलेवार ढंग से 9 लोगों को मौत के घाट उतारा।
पुलिस की मानें तो, इस पूरी गुत्थी को सुलझाने में उनकी पूरी 6 टीमें जाँच में जुटी हुई थी। अब संजय के ख़िलाफ़ सबूत इकट्ठा हो चुके हैं और पुलिस ने उसे अपनी हिरासत में भी ले लिया है।
पुलिस का कहना है कि वे आरोपित के खिलाफ़ अधिक से अधिक सबूत इकट्ठा करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि उसे उसके अपराध के लिए बड़ी सजा दिलवा सकें।
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते ये 9 शव वारंगल जिले के गीसुकोंडा मंडल के गोर्रेकुंटा गॉंव में कोल्डस्टोरेज के पीछे बने कुएँ में मिले थे। सभी मृतक प्रवासी मजदूर थे। जो बंगाल और बिहार के रहने वाले थे और कोल्डस्टोरेज में काम करते थे।
यह घटना उस वक्त उजागर हुई जब जूट मिल के मालिक एस भास्कर गुरुवार को गोदाम पहुँचे। उन्होंने देखा कि एक परिवार के सभी सदस्य लापता हैं। उनके मोबाइल नंबर भी स्विच ऑफ थे। लिहाजा उन्होंने तुरंत पुलिस को फोन किया। इसके बाद शाम के वक्त खोजबीन के दौरान इन लोगों की लाश कुएँ से मिली।