Note: पहले की सूचना के आधार पर मृत पत्रकार को ABP से संबंधित मान कर खबर लिखी गई थी। पत्रकार रमन कश्यप ABP से संबंधित नहीं हैं।
लखीमपुर खीरी हिंसा में पत्रकार रमन कश्यप की भी मौत हो गई है। आरोप है कि ‘किसान प्रदर्शनकारियों’ ने उन्हें पीट-पीट कर मार डाला। इसके बाद से लोग ‘भारतीय किसा यूनियन (BKU)’ के प्रवक्ता राकेश टिकैत से गुस्से में हैं, जिन पर मीडिया को धमकी देने के आरोप (हालाँकि उन्होंने बात गोल-गोल की थी, डायरेक्ट धमकी जैसा नहीं कहा था) लगे थे।
‘ABP News’ के संपादक पंकज झा ने ट्विटर के माध्यम से जानकारी दी, “लखीमपुर में रिपोर्टिंग कर रहे हमारे एक साथी रमन की मौत हो गई है। भगवान उनकी आत्मा को शांति दें।” रमन कश्यप निघासन क्षेत्र के रहने वाले थे और इस घटना की कवरेज के लिए पहुँचे थे। परिजनों ने पोस्टमॉर्टम हाउस में उनकी मौत की पुष्टि की। लोगों ने इस घटना की निंदा करते हुए ‘किसान उपद्रवियों’ के खिलाफ विरोध दर्ज कराया।
#लखीमपुर में रिपोर्टिंग कर रहे हमारे एक साथी रमन की मौत हो गई है.. भगवान उनकी आत्मा को शा्ंति दें
— पंकज झा (@pankajjha_) October 4, 2021
बता दें कि रायपुर में राकेश टिकैत ने मीडिया से बात करते हुए कहा था, “सरकार का अगला टारगेट मीडिया है, आपको बचना है तो साथ दे दो नहीं तो आप भी गए।” राकेश टिकैत के भाई नरेश टिकैत, ज़ी न्यूज़ द्वारा किए गए एक स्टिंग ऑपरेशन में अपनी दोहरी नीतियों के कारण पकड़े गए थे। इस घटना को ही मीडिया से उनके गुस्से का कारण बताया जा रहा था। लोगों ने कहा था कि टिकैत इस बयान को मीडिया को धमका कर अपने पक्ष में करना चाहते हैं।
जहाँ तक लखीमपुर खीरी में ताज़ा घटनाक्रम की बात है, ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ ने राष्ट्रपति को पत्र लिख कर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा को बर्खास्त करने की मॉंग की है। यूपी सरकार ने पंजाब सरकार को पत्र लिख कर किसी को फ़िलहाल लखीमपुर न आने देने को कहा है। अंबाला में भी किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया। सपा कार्यकर्ता सड़क पर लेट गए और अखिलेश यादव को रोके जाने का विरोध किया।
उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को एक कुश्ती कार्यक्रम के लिए वहाँ आना था, जिसके पहले ये घटनाएँ हुई हैं। गुस्साए किसानों ने 2 SUV गाड़ियों को फूँक दिया। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव एयर बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा का आरोप है कि उन्हें घर में नजरबंद कर दया गया है। प्रियंका गाँधी ने पुलिस के साथ झड़प की। इटावा में उनके काफिले को रोका गया। सीतापुर में भी उन्हें रोका गया। वो लगातार पुलिस को चकमा देने में लगी रहीं।