Sunday, November 17, 2024
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‘आज पुलिस वालों से पुराना हिसाब चुकाना है’ – अलीगढ़ में पुलिस पर हमले के पीछे की कहानी, हाजी सलीम की साजिश

भुजपुरा क्षेत्र में रहने वाले हाजी सलीम ने पहले तो पुलिसकर्मियों की कम संख्या को देखकर भीड़ को इकट्ठा किया और फिर यह कहते हुए पुलिसकर्मियों पर भीड़ को हमला करने के लिए उकसा दिया कि आज मौका है पुलिस से पुराना हिसाब किताब चुकता करने का। यह हिसाब-किताब CAA-NRC के समय हुए...

हर दिन की तरह अलीगढ़ पुलिस शहर के भुजपुरा इलाके में गश्त कर रही थी। हर दिन की तरह ही समय पूरा होने पर पुलिसकर्मी दुकानदारों से दुकानें बंद करने की अपील कर रहे थे। हर दिन की तरह ही पुलिसकर्मी इलाके के लोगों को लॉकडाउन के नियमों को बता रहे थे, लेकिन हर दिन की तरह बुधवार को भुजपुरा के दुकानदारों ने न तो दुकाने बंद कीं, न ही लॉकडाउन के नियमों का पालन किया और न ही हर दिन की तरह पुलिस की अपील को स्वीकार किया।

इन सब के पीछे एक कारण प्रमुख माना जा रहा है। माना जा रहा है कि हाजी सलीम नाम के व्यक्ति ने लोगों को पुलिस से बदला लेने के लिए उकसाया था। कैसा बदला? वही जो पुलिस ने इन लोगों के साथ CAA-NRC विरोध के दौरान सख्ती बरती थी, उसी का बदला पुलिस वालों से लेना है।

अलीगढ़ में बुधवार को लॉकडाउन के दौरान दुकानों को बंद कराने गई पुलिस पर हुए हमले में पुलिस को एक अहम जानकारी मिली है। वह ये कि भुजपुरा क्षेत्र में रहने वाले हाजी सलीम ने पहले तो पुलिसकर्मियों की कम संख्या को देखकर भीड़ को इकट्ठा किया और फिर यह कहते हुए पुलिसकर्मियों पर भीड़ को हमला करने के लिए उकसा दिया कि आज मौका है पुलिस से पुराना हिसाब किताब चुकता करने का।

अमर उजाला में प्रकाशित खबर की कटिंग

अमर उजाला की खबर के मुताबिक लॉकडाउन का पालन कराते घूम रहे पुलिसकर्मियों पर बुधवार को भुजपुरा में हुए हमले के दौरान उठी एक आवाज कुछ और ही इशारा कर रही है, क्योंकि कुछ लोग पथराव के दौरान इस तरह से चीखकर लोगों को उकसा रहे थे कि आज पुलिस वालों से हिसाब चुकाना है। अब सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर वो कौन सा हिसाब था?

वहीं आशंका जताई जा रही है कि इससे पहले इलाके से बड़ी संख्या में लोगों ने सीएए-एनआरसी के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। जिस पर पुलिस ने इन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की थी। वहीं पुलिस पर हमले के संबंध में दर्ज मुकदमे में एक नामजद हाजी सलीम पर इस आरोप का स्पष्ट उल्लेख किया गया है।

अब इसे लेकर पुलिस जाँच में जुट गई है कि पुलिस पर किया गया हमला कहीं सीएए-एनआरसी का विरोध करवाने वालों के खिलाफ की गई कार्रवाई का बदला तो नहीं। पुलिस इस बात की भी जाँच कर रही है कि इनमें से कितने ऐसे लोग हैं, जिन पर सीएए-एनआरसी के विरोध के दौरान कार्रवाई की गई थी।

वहीं भुजपुरा में पुलिसकर्मियों पर हुए हमले के मामले में चौकी प्रभारी मोनू कुमार आर्य की ओर से 33 नामजद व 22 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। इंस्पेक्टर के अनुसार पुलिस पर हमला-पथराव मामले में पुलिस ने आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें हाजी सलीम, अलीम, इक्तियार अली, शारिक, आसिफ, फुरकान, शरीफ, रफीक को गिरफ्तार किया गया है। सभी से पुलिस अभी पूछताछ में जुटी हुई है। वहीं इलाके में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए फिलहाल पुलिस बल के साथ आरएएफ के जवानों को भी तैनात किया गया है।

आपको बता दें कि अलीगढ़ के भुजपुरा क्षेत्र में मौजूद सब्जी मंडी में बुधवार को लॉकडाउन के दौरान समय अवधि पूरी होने पर पुलिस की एक छोटी टीम दुकानें बंद कराने पहुँची थी। इसी बीच अचानक से दुकानदारों ने भीड़ के साथ मिलकर पुलिस टीम पर ईंट-पत्थरों से हमला कर दिया। इसमें एक पुलिसकर्मी घायल हुआ था और लेपर्ड बाइक में तोड़फोड़ की गई थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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