Friday, November 8, 2024
Homeदेश-समाजहजारों की भीड़ इकट्ठा कर महापंचायत करने पहुँचे टिकैत, अम्बाला पुलिस ने धारा 144...

हजारों की भीड़ इकट्ठा कर महापंचायत करने पहुँचे टिकैत, अम्बाला पुलिस ने धारा 144 के उल्लंघन पर दर्ज की FIR

राकेश टिकैत धारा 144 का उल्लंघन करके महापंचायत करने जा रहे थे। लेकिन प्रशासन ने कोविड नियमों का उल्लंघन होता देख उन पर एक्शन ले लिया। अंबाला पुलिस ने राकेश टिकैत के ख़िलाफ़ धारा 144 के उल्लंघन करने और महामारी फैलाने के आरोप में धारा 269 और 270 के तहत मुकदमा दर्ज किया।

कोरोना वायरस की बढ़ती रफ्तार के कारण पूरे देश कि गति धीमी पड़ी हुई है। लेकिन राकेश टिकैत एक ऐसा नाम हैं जो एक राज्य से दूसरे राज्य में लगातार आने-जाने में लगे हुए हैं। आज (मई 2, 2021) भी वह अंबाला के धुराली गाँव में किसान मजदूर महापंचायत को संबोधित करने पहुँचे, जिसके लिए वहाँ हजारों की भीड़ जुटाई गई।

जानकारी के मुताबिक, राकेश टिकैत धारा 144 का उल्लंघन करके महापंचायत करने जा रहे थे। लेकिन प्रशासन ने कोविड नियमों का उल्लंघन होता देख उन पर एक्शन ले लिया। पंजाब केसरी की रिपोर्ट के अनुसार, अंबाला पुलिस ने राकेश टिकैत के ख़िलाफ़ धारा 144 के उल्लंघन करने और महामारी फैलाने के आरोप में धारा 269 और 270 के तहत मुकदमा दर्ज किया।

बता दें कि राकेश टिकैत ने इससे पहले 29 अप्रैल को प्रेम नगर में एक किसान महापंचायत की थी। टिकैत ने लोगों को संक्रमण की गंभीरता बताना तो दूर इस दौरान उन्हें भड़काने का काम किया। टिकैत ने कहा, “Covid-19 के बढ़ते संक्रमण के बीच सरकार किसानों की आवाज को दबाना चाहती है। हम सरकार से बात करने को तैयार हैं। गुजरात में किसान सबसे ज्यादा प्रभावित हैं लेकिन अगर किसानों का मुद्दा नहीं सुलझा तो भाजपा सरकार गुजरात मॉडल को पूरे देश में लागू कर देगी।“

एक अन्य किसान नेता गुरनाम सिंह चारुनी ने राकेश टिकैत की भाषा दोहराते हुए कहा था कि अगर सरकार पूरे देश में भी धारा 144 लगा देगी तब भी वह किसान आंदोलन चलाते रहेंगे। इसके अलावा अभी हाल में इन नेताओं की जिद के चलते 30 अप्रैल को किसान आंदोलन में शामिल होने आई बंगाल की युवती ने दम तोड़ दिया था। वह 27 अप्रैल से टिकरी बॉर्डर के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती थी।

उल्लेखनीय है कि कोविड स्थिति के मद्देनजर किसान आंदोलन समाप्त करने की अपील कई बार किसान नेताओं से की जा चुकी है। लेकिन टिकैत हर बार सामने आकर इसे वापस लेने से मना कर देते हैं। कुछ दिन पहले उन्होंने कहा था कि कुछ किसान खेतों में कटाई के काम और पंचायत चुनाव के चलते अपने गाँव चले गए थे, लेकिन अब वह उन किसानों को भी वापस लाएँगे और आंदोलन बढ़ाया जाएगा।

उन्होंने प्रशासन को चुनौती देते हुए ये भी कहा था कि अगर कोई भी कोशिश हुई तो किसान उसका जवाब देंगे। उनका कहना था कि वह कोरोना नियमों का पालन करते हुए बॉर्डर पर डटे रहेंगे, लेकिन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने तक सड़कों से नहीं हटेंगे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

रवीश जी मुरझा नहीं गया है मिडिल क्लास, पर आपका जो सूजा है उसका दर्द खूब पहचानता है मिडिल क्लास: अब आपके कूथने से...

रवीश कुमार के हिसाब से देश में हो रही हर समस्या के लिए हिंदू इसलिए जिम्मेदार है क्योंकि वो खुद को हिंदू मानता है।

अब ‘डिग्री’ वाले मौलवी नहीं होंगे पैदा, पर बच्चों को आधुनिक शिक्षा से दूर रखना कितना जायज: क्या मदरसा एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के...

अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उच्च शिक्षा से संबंधित फाजिल और कामिल पर मदरसा अधिनियम के प्रावधान असंवैधानिक हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -