Thursday, May 15, 2025
Homeदेश-समाज'अमृत महोत्सव' का PM मोदी ने किया आगाज: J&K ने याद किए अपने दो...

‘अमृत महोत्सव’ का PM मोदी ने किया आगाज: J&K ने याद किए अपने दो ऐसे शूरवीर जिनके कारण बचा कश्मीर

इस महोत्सव के दौरान देशभर में कई कार्यक्रमों का आयोजन होगा। पीएम मोदी ने कहा कि इस महोत्सव के 5 स्तंभों पर जोर दिया गया है। इनमें फ्रीडम-स्ट्रगल-एक्शन-अचीवमेंट और रिजॉल्व जैसे स्तंभ शामिल हैं। पीएम मोदी बोले कि इतिहास साक्षी है किसी राष्ट्र का गौरव तभी जागृत रहता है, जब वो अपने इतिहास की परंपराओं से प्रेरणा लेता है।

देश की आजादी के 75 सालों को मनाने के लिए 75 हफ्ते पहले यानी आज (मार्च 12, 2021) से अमृत महोत्सव का आगाज हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अहमदाबाद में ऐलान किया कि आज स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव का पहला दिन है। इसे 15 अगस्त 2022 से 75 हफ्ते पहले शुरू किया गया है और ये 15 अगस्त 2023 तक चलता रहेगा।

इस महोत्सव के दौरान देशभर में कई कार्यक्रमों का आयोजन होगा। पीएम मोदी ने कहा कि इस महोत्सव के 5 स्तंभों पर जोर दिया गया है। इनमें फ्रीडम-स्ट्रगल-एक्शन-अचीवमेंट और रिजॉल्व जैसे स्तंभ शामिल हैं। पीएम मोदी बोले कि इतिहास साक्षी है किसी राष्ट्र का गौरव तभी जागृत रहता है, जब वो अपने इतिहास की परंपराओं से प्रेरणा लेता है।

देश के बाकी राज्यों की तरह जम्मू कश्मीर भी इस जश्न का हिस्सा है। यहाँ महोत्सव की शुरुआत बिग्रेडियर राजेंद्र सिंह के गाँव बगूना और कश्मीर में मकबूल शेरवानी के जन्मस्थल बारामुला से हुई। प्रदेश में इस कार्यक्रम को यहाँ से शुरू करने का मकसद न सिर्फ़ पुरानी यादों को ताजा करना है बल्कि उन शूरवीरों के बारे में सबको बताना है जिन्होंने कश्मीर को बचाने के लिए सीने पर गोली खाई।

दैनिक जागरण में प्रकाशित राहुल शर्मा की स्पेशल रिपोर्ट के अनुसार कश्मीर के रक्षक कहलाने वाले ब्रिगेडियर राजेंद्र सिंह जम्वाल ने 27 अक्टूबर 1947 को कबाइलियों का तीन दिन मुकाबला करते हुए वीरगति प्राप्त की थी। वहीं 19 साल के शेरवानी ने 75 साल पहले श्रीनगर की ओर कूच कर रहे कबायलियों को गुमराह कर तब तक बारामूला में रोके रखा था, जब तक 27 अक्टूबर 1947 को भारतीय सेना श्रीनगर न पहुँच गई। बाद में पता चला कि 14 गोलियाँ खाकर वह वीरगति को प्राप्त हो गए। 

अगर शेरवानी अपनी जान को दाव पर लगाकर कबायलियों को गुमराह नहीं करते तो शायद वह भारतीय सेना के वहाँ पहुँचने से पूर्व ही एयरपोर्ट पर कब्जा कर लेते। उसके बाद की कल्पना हम और आप कर भी नहीं सकते।

शेरवानी ने उस महासंकट के समय न केवल कबायलियों को भारतीय सेना के पहुँचने से पहले वहाँ सेना होने का एहसास करवा दिया था बल्कि जब पकड़े गए थे तब भी जान के बदले कोई भी जानकारी देने से साफ मना कर दिया था। इस कारण कबायलियों ने उनके शरीर में कील लगाकर उन्हें टाँगा था। फिर नवंबर के पहले हफ्ते उन्हें गोलियाँ मार कर खत्म कर दिया गया था। जब 8 नवंबर को बारामूला भारतीय सेना ने वापस लिया तो वहाँ शेरवानी का पार्थिव शरीर भी टंगा मिला था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

भारत की विजय पर विदेशी मीडिया की मुहर, NYT-वाशिंगटन पोस्ट ने माना- पाकिस्तान को घर में घुसकर मारा, 6 एयरबेस तबाह: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की...

'ऑपरेशन सिंदूर' में भारत हमेशा से ही पाकिस्तान पर हावी रहा। भारतीय सेना ने भोलारी एयरबेस, नूर खान एयरबेस, रहीम यार खान एयरफील्ड, सरगोधा एयरबेस, पसरूर और सियालकोट स्थित एयरबेस के रडार स्थलों समेत कई मुख्य जगहों पर हमला किया था।

नकली देशभक्त बनना बंद कर… आमिर खान की ‘सितारे जमीन पर’ का ट्रेलर आते ही उठी बहिष्कार की माँग: नेटिजन्स बोले- देशविरोधी, पहलगाम से...

पीएम मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन के बाद आमिर खान के प्रोडक्शन हाउस ने इंस्टाग्राम पर ऑपरेशन सिंदूर के लिए पोस्ट किया। X यूजर्स ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे 'नकली देशभक्ति' और फिल्म प्रचार का हथकंडा बताया।
- विज्ञापन -