आंध्र प्रदेश के जंगलों में शनिवार (27 जून, 2020) को घास चरने गई एक गाय ने क्रूड बम खा लिया। यह उसके मुँह में फट गया, जिससे वह गंभीर रूप से जख्मी हो गई। पुलिस ने मामले की जाँच शुरू कर दी है।
Andhra Pradesh: A cow sustained injuries after it bit a crude bomb in Panjani Mandal in Chittoor district yesterday. Sub-Inspector Lokesh Reddy said, “While grazing in a forest, the cow mistakenly bit a crude bomb which was kept for wild animals. A case has been registered.” pic.twitter.com/zwqvySYlJC
— ANI (@ANI) June 29, 2020
जानकारी के मुताबिक घटना आंध्र प्रदेश में चित्तूर जिले के पेड्डा पंजनी मंडल के कोगिलेरू गाँव की है। सब इंस्पेक्टर लोकेश रेड्डी ने बताया कि यह घटना उस वक्त हुई जब गाय जंगल में चरने गई थी। दरअसल बम जंगली जानवरों के लिए के लिए शिकारियों ने छिपा रखा था। इसे गाय ने चबा लिया और विस्फोटक उसके मुँह में ही फट गया।
लोकेश रेड्डी ने आगे कहा कि यह गाय ‘गोमाता पीठम’ नामक आश्रम की है। इस आश्रम में 70 गायों की देखभाल की जाती है। पुलिस ने बताया कि कुछ शिकारियों ने जंगली सूअरों को फंसाने के लिए जंगल में विस्फोटक लगाए थे।
इससे पहले हिमाचल प्रदेश में एक गाय को बम खिलाने की घटना सोशल मीडिया पर सामने आई थी, जिसमें गुरदयाल सिंह ने कहा था कि लोग गौरक्षा की बात कर रहे हैं, जबकी एक गर्भवती गाय को विस्फोटक खिला दिया गया।
गुरदयाल सिंह ने इस कृत्य के लिए नंदलाल नाम के व्यक्ति को जिम्मेदार बताया था। गुरदयाल का कहना था कि गाय के साथ ऐसी हरकत करने के बावजूद नंदलाल का कहना है कि उन्हें अब जो करना है करे लें और प्रधान से लेकर तमाम लोग उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकते।
उससे पहले 27 मई को केरल के मल्लपुरम से एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई। 15 वर्षीय गर्भवती हथिनी एक अमानवीय कृत्य का शिकार हो गई थी। उसे किसी उपद्रवी ने पटाखों से भरा अनानास खिलाया था, जिससे हथिनी के मुँह में विस्फोट हो गया और वह बुरी तरह जख्मी हो गई थी।
हथिनी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला था कि वह गर्भवती थी। उसका जबड़ा टूट गया था और मुँह में विस्फोट के कारण वह अनानास चबाने के बाद कुछ खा नहीं पा रही थी। इस विस्फोट से उसकी जीभ और मुँह पर गंभीर चोटें आईं। इसके बाद वह एक नदी में चली गई और तीन दिनों के बाद आखिर में उसने प्राण त्याग दिए थे।
इस घटना की सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर आलोचना हुई थी। इसके बाद लोगों ने शासन-प्रशासन से मामले की जाँच कराने और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की माँग की थी।