यूपी पुलिस के एक मामले को लेकर मीडिया में एक कन्फ्यूजन सा हो गया है। इससे एक IPS अधिकारी की बेवजह बदनामी हो रही है। दरअसल, यूपी पुलिस के एक अधिकारी का वीडियो कॉल पर घूस माँगते हुए पुराना वीडियो वायरल हुआ। इस वीडियो में दिख रहे व्यक्ति 2018 बैच के IPS अधिकारी अनिरुद्ध सिंह निकले। वीडियो में वो 10-20 लाख रुपए के घूस की डील करते हुए दिखे थे। तब वो वाराणसी पुलिस आयुक्तालय में सहायक पुलिस आयुक्त के रूप में तैनात थे।
मीडिया ने ये खबर तो चलाई, लेकिन तस्वीर गलत लगा दी। जिनकी तस्वीर लगाई, उनका भी नाम अनिरुद्ध सिंह है। यूपी के धाकड़ पुलिस अधिकारी, जो फ़िलहाल चंदौली में बतौर डीएसपी तैनात हैं। कई फिल्मों में भी रोल अदा कर चुके हैं। ‘न्यूज़ 24’ जैसे मुख्यधारा के बड़े मीडिया संस्थान ने भी चंदौली वाले अनिरुद्ध सिंह की तस्वीर लगा दी, जिनका इस प्रकरण से कोई लेनादेना नहीं। स्पष्ट है, मानहानि होने से उन्हें भी गुस्सा आ गया।
उन्होंने ‘न्यूज़ 24’ को उसकी गलती का एहसास कराते हुए लिखा, “वाह री पत्रकारिता! ये इतनी जल्दी में हैं, इसका आलम यह है कि सारे भारत के अनिरुद्ध नाम के व्यक्ति का तात्पर्य लगता है कि मुझसे ही है। फोटो मेरी और समाचार किसी दूसरे का, ग़ज़ब की मानहानि की भी पराकाष्ठा है।” इसके बाद ‘News 24’ ने माफ़ी माँगते हुए इसे मानवीय भूल बताया। हालाँकि, अनिरुद्ध सिंह का कहना था कि इससे गूगल सर्च में उसकी छवि दागदार हो जाएगी उसकी भरपाई कैसे संभव है?
अनिरुद्ध जी, इस भूल के लिए हमें खेद है. इस पोस्ट को डिलीट कर दिया गया है. इस मानवीय गलती के लिए हम क्षमाप्रार्थी हैं 🙏🏻
— News24 (@news24tvchannel) March 13, 2023
मीडिया संस्थान को ये ट्वीट डिलीट भी करनी पड़ी। वहीं जिन अनिरुद्ध सिंह पर आरोप लगा है, वो उस वक्त चेतगंज थाने में तैनात थे। तब एक नामी स्कूल के एक कर्मचारी द्वारा छात्रा के बलात्कार का मामला सामने आया था। स्कूल प्रबंधन के कुछ लोगों के नाम भी FIR में डाले गए थे। इसी को हटाने के लिए मोलभाव हो रहा था। अनिरुद्ध सिंह की पत्नी आरती भी IPS हैं। उन पर भी माकन मालिक को किराया न देने का मामला चल रहा है। अनिरुद्ध सिंह जहाँ फ़िलहाल मेरठ के एडिशनल एसपी हैं, पत्नी आरती वाराणसी की एडिशनल एसपी हैं।
मिनिमम 20 (यानि 20 लाख) करिए.. कैसे भेजना है, तरीका बताता हूं!! ये हैं आईपीएस अनिरुद्ध कुमार.. 2018 बैच के हैं.. वीडियो कॉल पर किसी से मोलभाव कर रहे हैं.. चर्चा है रिश्वत मांग रहे हैं.. हे राम.. भ्रष्टाचार के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस का इन पर न रत्ती भर असर दिख रहा न कारवाई का खौफ.. pic.twitter.com/ljkZDduAPx
— Vivek K. Tripathi (@meevkt) March 12, 2023
मार्च 2021 में आरती सिंह वाराणसी की पहली महिला एडिशनल डिप्टी कमिश्नर के पद पर तैनाती दी गई थी। दोनों की शादी 2015 में हुई थी। 2016 में दोनों पति-पत्नी ने IPS की परीक्षा दी थी। आरती को 2016 में कामयाबी मिली, वहीं अनिरुद्ध सिंह ने 2017 में वर्दी पहनी। जहाँ आरती को सिविल सर्विस की परीक्षा में 118वीं, वहीं अनिरुद्ध को 146वीं रैंक हासिल हुई थी। आरती की पढ़ाई-लिखाई सोनभद्र और फिर जबलपुर से हुई थी।
वहीं चंदौली वाले अनिरुद्ध सिंह, जिनका इस प्रकरण से कोई लेना-देना नहीं, वो इससे पहले दिसंबर 2021 में तब चर्चा में आए थे जब समाजवादी पार्टी के नेताओं ने उनके साथ हाथापाई की थी। जालौन जिले के रहने वाले अनिरुद्ध सिंह के बारे में बता दें कि वो 2001 में पुलिस की नौकरी जॉइन कर वाराणसी में सब इंस्पेक्टर बने थे। बदायूँ जिले में इनके कामों की चर्चा पूरे उत्तर प्रदेश में होती रही है। वो अपने लुक्स के कारण चर्चा में रहते हैं। फिल्मों में भी काम करते रहे हैं।
मांगने से अहंकार खत्म होता है,जबकि क्षमा करने से संस्कार बनते हैं।जिसके पास क्षमा का गुण है,वे हमेशा प्रसन्नचित रहते हैं,शत्रु भी नहीं होते हैं।मनुष्य के जीवन में क्षमा का बहुत बड़ा महत्व है।अगर कोई इंसान गलती की माफी मांग ले तो सामने वाले का गुस्सा काफी हद तक दूर हो जाता है।
— Anirudha Singh (@cop_anirudha) March 13, 2023
🙏 pic.twitter.com/kLuPEAiE5E
इस प्रकरण के बाद DSP अनिरुद्ध सिंह ने अपनी तस्वीर के साथ ट्वीट करते हुए लिखा, “माँगने से अहंकार खत्म होता है, जबकि क्षमा करने से संस्कार बनते हैं। जिसके पास क्षमा का गुण है, वे हमेशा प्रसन्नचित रहते हैं, उनके शत्रु भी नहीं होते हैं। मनुष्य के जीवन में क्षमा का बहुत बड़ा महत्व है।अगर कोई इंसान गलती की माफी माँग ले तो सामने वाले का गुस्सा काफी हद तक दूर हो जाता है।” इसे भी इसी प्रकरण से जोड़ कर देखा जा रहा है।
वैसे, ‘न्यूज़ 24’ अकेला संस्थान नहीं है जिसने इस तरह की हरकत की हो। इससे पहले ‘TV9 भारतवर्ष’ भी ऐसा कर चुका है। उसने एक खबर में डीएसपी अनिरुद्ध सिंह की तस्वीर लगाते हुए उनके खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट जारी होने की खबर चलाई थी। साथ ही लिखा था कि जफराबाद में एक हत्याकांड में वो विवेचक थे। उनके वेतन रोके जाने की खबर भी चलाई थी। इस पर ध्यान दिलाए जाने पर अनिरुद्ध सिंह ने बताया कि टीआरपी के चक्कर में इन्होने फेक न्यूज़ चिपकाया था, माफ़ी न माँगने की स्थिति में इन्हें भी मानहानि का नोटिस जाता।
ऑप इंडिया ने इस मामले में डिप्टी एसपी अनिरुद्ध सिंह से बात की।। उन्होंने कहा, “मीडियाकर्मी भाइयों से निवेदन है कि वो कोई भी चीज खूब जाँच-पड़ताल के बाद ही डालें। आज कल इंटरनेट का जमाना है और कुछ समय बाद कोई सर्च करेगा तो मेरी तस्वीर आएगी। ऐसी भ्रामक चीजों से अच्छे लोगों के व्यक्तिगत नुकसान हो जाते हैं।”