मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में एक और चीता की मौत हो गई है। अब नर चीते उदय की मौत हो गई है। इससे पहले मादा चिटा शासा की मौत हो गई थी। उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘प्रोजेक्ट चीता’ को झटके के रूप में दुष्प्रचारित किया गया था, लेकिन बाद में सामने आया था कि वो अफ्रीका से लाए जाने से पहले से ही बीमार थी। अब चीता उदय की मौत हो गई है। इसे भी दक्षिण अफ्रीका से ही लाया गया था और यहाँ छोड़ा गया था।
इस घटना के संबंध में जंगल के चीफ कंजर्वेटर जेएस चौहान ने बयान जारी किया है। उन्होंने जानकारी दी कि रविवार (23 अप्रैल, 2023) को चीते की दैनिक निगरानी हेतु दाल द्वारा सुबह लगभग 9 बजे नर चीता उदय को सिर झुकाए हुए और सुस्त अवस्था में बैठा हुआ पाया। जब वो छींटे के नजदीक पहुँचे तो उन्होंने पाया कि वो गर्दन झुका कर लड़खड़ाता हुआ चल रहा है। प्रोटोकॉल के दौरान सुबह-शाम चीतों की निगरानी की जाती है।
बताया गया है कि एक दिन पहले की निगरानी के दौरान चीता उदय स्वस्थ पाया गया था। जब उदय चीता की हालत नाजुक पाई गई, उसी समय जंगल में सक्रिय अन्य पशु चिकित्सकों को इसकी जानकारी दी गई। इसके बाद वन्यप्राणी चिकित्सक दल ने पहुँच कर बीमार चीते का निरीक्षण किया। ‘चीता कंजर्वेशन फंड’ द्वारा चीते की खराब स्थिति को देखते हुए तत्काल उपचार हेतु ट्रंकुलाइज करने की ज़रूरत महसूस की गई।
Madhya Pradesh | Another Cheetah, Uday, who was brought from South Africa, has died during treatment after falling ill at Kuno National Park. Reason for death is yet to be ascertained: MP Chief Conservator of Forest JS Chauhan pic.twitter.com/2IHPMCji2L
— ANI (@ANI) April 23, 2023
इसके बाद इसकी सूचना ‘मुख्य वन्य संरक्षक (सिंह परियोजना)’ को फोन के जरिए दी गई। सुबह के 9:45 बे ये फोन कॉल किया गया था। वन प्रशासन के प्रेस नोट में बताया गया है कि ट्रंकुलाइज करने की अनुमति मिलने के बाद सुबह के 11 बजे चीते को बेहोश कर के उसका इलाज किया गया। फिर उसे आइसोलेशन वार्ड में डाला गया, ताकि आगे का इलाज हो सके और लगातार निगरानी की जा सके। लेकिन, शाम के 4 बजे उसकी मौत हो गई। मौत के कारणों को लेकर अभी जाँच चल रही है।