जामिया से राजघाट CAA विरोध मार्च में देशी तमंचे से फायरिंग करने वाले नाबालिग रामभक्त गुलशन (बदला हुआ नाम) को कोर्ट में पेश किया गया, जहाँ से नाबालिक को 14 दिन की हिरासत में भेज दिया गया है। इस दौरान छात्र की माँग को पूरा करते हुए जज ने उसे अपनी परीक्षाओं की तैयारी के लिए पुस्तकें उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
गुरुवार (30 जनवरी, 2020) को जामिया में सीएए के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच एक नाबालिग छात्र ने अचानक से गोली चलाकर सभी को चौंका दिया था। मीडिया कर्मियों और पुलिस कर्मियों के बीच देशी तमंचे से निकली गोली वहाँ मौजूद शादाब नाम के जामिया के एक छात्र के हाथ में लगी थी, जिसमें वह मामूली रूप से घायल हो गया था। इस दौरान पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए नाबालिग को पुलिस ने शुक्रवार को जुवेनाइल जस्टिस कोर्ट में पेश किया, जहाँ से नाबालिग को 14 दिन की प्रोटेक्टिव कस्टडी में भेज दिया गया है।
Delhi: The Jamia shooter has been sent to 14-day protective custody by a local Court.
— ANI (@ANI) January 31, 2020
पेशी के दौरान आरोपित नाबालिग ने कहा कि वो ग्यारहवीं का छात्र है इसलिए परीक्षाओं की तैयारियों के लिए उसे पुस्तकें चाहिए। मजिस्ट्रेट ने उसकी माँग को मंजूरी देते हुए उसे किताबें मुहैया करवाने के लिए आदेश दिया। जज ने नाबालिग छात्र से ट्यूशन पढ़ने के लिए भी पूछा था, जिसका नाबालिग छात्र ने कोई जवाब नही दिया। नाबालिग छात्र की सेवा कुटीर में कॉउंसललिंग भी की जाएगी।
Crime Branch of Delhi Police has applied to carry out an ossification test of the Jamia shooter to ascertain his age. https://t.co/VKY7AuBYcI
— ANI (@ANI) January 31, 2020
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अभी तक की पुलिस पूछताछ में पता चला है कि आरोपित नाबालिग ने 3 हजार रुपए में कैराना के एक शख्स से देसी तमंचा खरीदा था। उसने यह भी बताया कि वो जनवरी 2018 में मारे गए चंदन गुप्ता और पिछले वर्ष लखनऊ में हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या से बहुत ज़्यादा आहत था। साथ ही वो कश्मीरी पंडितों के उत्पीड़न की सोशल मीडिया पोस्ट भी पढ़ता था, उससे भी वो आहत था और इन्हीं सब से परेशान होकर नाबालिक ने शाहीन बाग जैसे धरने को समाप्त करने के लिए कानून को हाथ में लिया।