उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित घर का नाम है एंटीलिया। इस घर के बाहर 25 फरवरी 2021 को विस्फोटक लदी एक स्कॉर्पियो मिली। इसने सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े कर दिए। शुरुआत में जैश उल हिंद ने इसकी जिम्मेदारी ली। अब मुंबई क्राइम ब्रांच में रहा सचिन वजे इसका सूत्रधार बनकर उभरा है।
आइएस इस मामले में अब तक के घटनाक्रम पर नजर डालते हैं;
25 फरवरी: मुकेश अंबानी के घर से कुछ दूरी पर खड़ी सिल्वर कलर की स्कॉर्पियो कार से 20 जिलेटिन छड़ें बरामद हुई। लावारिस गाड़ी में विस्फोटक मिलने की खबर मिलते ही मुंबई पुलिस के बम निरोधक दस्ता, डॉग स्क्वायड ने पड़ताल शुरू की। उसी रात ATS को पता चला कि गाड़ी मनसुख हिरेन की है जो 18 फरवरी को चोरी हो गई थी।
26 फरवरी: हिरेन को पूछताछ के लिए एपीआई सचिन वाजे दक्षिण मुंबई में पुलिस कमिश्नर के ऑफिस लेकर आया।
27-28 फरवरी: वाजे ने दोबारा हिरेन का बयान दर्ज किया।
28 मार्च: आतंकी संगठन ‘जैश उल हिंद’ ने इस घटना की जिम्मेदारी लेते हुए धमकी भरा संदेश दिया है। संगठन ने टेलीग्राम एप के जरिए इस घटना की जिम्मेदारी ली।
1 मार्च: क्राइम ब्रांच को पता चला कि हिरेन और वाजे एक-दूसरे को पहले से जानते हैं। इसके बाद केस असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस (ACP) नितिन अल्कानुर को ट्रांसफर कर दिया गया।
3 मार्च: मनसुख हिरेन ने पुलिस द्वारा प्रताड़ित किए जाने की शिकायत की।
5 मार्च: मनसुख हिरेन का शव मिला। शुरुआत में सुसाइड की बात कही। लेकिन समय बीतने के साथ ही उनकी मौत पर रहस्य गहराने लगे।
6 मार्च: देवेंद्र फडणवीस द्वारा वाजे की भूमिका को लेकर सवाल उठाए जाने के बाद केस एटीएस को सौंप दिया गया।
7 मार्च: एटीएस ने हत्या, सबूत नष्ट करने, अज्ञात लोगों के खिलाफ साजिश का मामला दर्ज किया।
8 मार्च: एमएचए के आदेशों के बाद, एनआईए ने एटीएस से मामले को टेकओवर किया।
9 मार्च: देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में हिरेन की पत्नी विमला का बयान पढ़ा।
11 मार्च: एक निजी साइबर फर्म ने बताया कि जैश ने जो संदेश भेजा था उसका टेलीग्राम चैनल दिल्ली के तिहाड़ जेल या इसके आसपास क्रिएट किया गया था। जेल में इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी के बैरक से मोबाइल बरामद किया गया।
12 मार्च: वाजे का तबादला मुंबई पुलिस के नागरिक सुविधा केंद्र में कर दिया गया।
12 मार्च: हिरेन की हत्या के मामले में प्रथम दृष्टया सबूत के आधार पर ठाणे की अदालत द्वारा वाजे को अंतरिम जमानत से इनकार कर दिया गया।
13 मार्च: वाजे को रात 11.50 बजे एनआईए कार्यालय लाया गया और पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया।
14 मार्च: वाजे को 25 मार्च तक एनआईए की हिरासत में भेज दिया गया।
15 मार्च: सचिन वाजे को सस्पेंड कर दिया गया।