Tuesday, March 19, 2024
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मुंबई पुलिस अफसर के संपर्क में था ‘एंटीलिया’ के बाहर मिले विस्फोटक लदे कार का मालिक: फडणवीस का दावा

“जिस व्यक्ति ने अंबानी के घर के बाहर पाई गई कार की गुमशुदगी दर्ज कराई थी, उसने एक नंबर पर कुछ कॉल किए थे और उस नंबर से भी कई फोन कॉल आए थे। जब जाँच की गई तो पता चला कि यह नंबर मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाजे के नाम पर है। फडणवीस ने कहा कि दोनों के बीच पहली बातचीत 8 जून को हुई थी।"

हाल ही में, बिजनेसमैन मुकेश अंबानी के घर (एंटीलिया) के बाहर एक संदिग्ध कार बरामद हुई थी। वहीं, आज कार के मालिक मनसुख हिरेन के आत्महत्या का दावा किया जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, कार मालिक मनसुख ने कलावा ब्रिज से कूदकर जान दी है। ठाणे के डीसीपी ने बताया कि मनसुख हिरेन जिनकी कार मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली थी, उसने आत्महत्या कर ली। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की पुलिस छान बीन कर रही है।

वहीं अपने नेचर से ही संदिग्ध लग रहे इस मामले पर भाजपा नेता व पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि मैंने मनसुख हिरेन को संरक्षण देने के लिए सदन में सवाल उठाया था, क्योंकि वह इस पूरे मामले की मुख्य कड़ी थे। उन्होंने कहा कि अभी हमें उनके आत्महत्या के बारे में पता चला है। यह इस मामले को और भी ज्यादा संदिग्ध बनाता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस आतंकी साजिश को देखते हुए हम मामले की जाँच एनआईए को सौंपने की माँग करते हैं।

आज महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने महाराष्ट्र विधानसभा में बोलते हुए एंटीलिया के बाहर विस्फोटक रखे जाने से जुड़े मामले में कई सनसनीखेज दावे किए। विधानसभा में बोलते हुए, फडणवीस ने आरोप लगाया कि स्कॉर्पियो कार के मालिक, जिनकी गाड़ी का इस्तेमाल जिलेटिन की छड़ें लगाने के लिए किया गया था और उसी कार से मुंबई में मुकेश अंबानी के आवास के बाहर एक धमकी पत्र मिलने का दावा भी किया गया था। वह एक ऐसे मोबाइल फोन नंबर के संपर्क में थे जो मुंबई पुलिस के एक अधिकारी के नाम पर पंजीकृत है और वह अधिकारी कोई और नहीं बल्कि मुंबई के ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ सचिन वाजे हैं।

कार के मालिक का नाम मनसुख हिरेन था, जिसने यह आरोप लगाया था कि उसकी कार मुलुंड-ऐरोली लिंक रोड से चुराई गई थी। हिरेन ने लापता कार के बारे में पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई थी। आज उसी हिरेन को मुंबई में एक नाले में मृत पाया गया। जिससे यह पूरा मामला और भी संदिग्ध नजर आ रहा है।

“जिस व्यक्ति ने अंबानी के घर के बाहर पाई गई कार की गुमशुदगी दर्ज कराई थी, उसने एक नंबर पर कुछ कॉल किए थे और उस नंबर से भी कई फोन कॉल आए थे। जब जाँच की गई तो पता चला कि यह नंबर मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाजे के नाम पर है। फडणवीस ने कहा कि दोनों के बीच पहली बातचीत 8 जून को हुई थी। रिकॉर्ड्स देखने पर पता चलता है कि एक और कॉल 24 जुलाई को की गई थी। पिछले कई महीनों में दोनों के बीच इस तरह के कई और कॉल हुए हैं।

इससे पहले, फडणवीस ने यह भी दावा किया कि एक नहीं बल्कि दो कारें थीं- एक स्कॉर्पियो और एक इनोवा और दावा किया कि दोनों कारें ठाणे से आई थीं और उसी रास्ते से चलकर लोकेशन तक पहुँची थीं। उन्होंने कहा कि मुकेश अंबानी के आवास के पास विस्फोटकों के साथ एक स्कॉर्पियो खड़ी थी, जबकि इनोवा इसे छोड़कर आगे बढ़ गई थी। फडणवीस ने मुकेश अंबानी के खिलाफ हमले के पीछे साजिश रचने का आरोप लगाया है। उनका साफ़ कहना है कि यह संयोग नहीं हो सकता है कि कार ठाणे से चुराई गई थी, जिस रास्ते पर वे चल कर यहाँ आए वह भी ठाणे से होकर गुजरता है और मामले की जाँच कर रहे आईओ भी ठाणे में रहते हैं।

इस रहस्य को समझते हुए, फड़नवीस ने आगे कहा, “सचिन वाजे वो पहले पुलिस अधिकारी थे जो घटनास्थल पर सबसे पहले पहुँचे थे और फिर उन्हें ही जाँच अधिकारी (IO) के रूप में नियुक्त किया गया। तीन दिन पहले, उन्हें अचानक IO के रूप में हटा दिया गया था और मैं यह समझने में असफल हूँ कि आखिर उन्हें क्यों हटाया गया था।” फडणवीस ने कुछ गंभीर संकेत करते हुए पूछा कि स्थानीय पुलिस से पहले सचिन वाजे कैसे मौके पर पहुँच गए।

संदेह के घेरे में आई कार मनसुख हिरेन के नाम से दर्ज थी, जिन्होंने पुलिस को बताया था कि उनकी कार 16 फरवरी को मुलुंड-ऐरोली लिंक रोड पर ख़राब होने बाद चोरी हो गई थी। हिरेन ने कहा था कि जब उनकी कार रास्ते में ख़राब हो गई थी, तो उन्होंने सड़क के किनारे कार पार्क करने का फैसला किया था और अपने गंतव्य तक पहुँचने के लिए एक कैब ले ली थी। उन्होंने पुलिस को बताया कि जब वह अगले दिन वह कार लाने के लिए लौटे, तो वह वहाँ नहीं थी। जिसके बाद उन्होंने पुलिस कार गायब हो जाने की शिकायत भी दर्ज कराई थी।

16 फरवरी की घटना के बारे में बोलते हुए, फडणवीस ने कहा, “स्कॉर्पियो कार के मालिक ने गाड़ी ख़राब होने के बाद दक्षिण मुंबई में क्रॉफोर्ड मार्केट तक पहुँचने के लिए एक ओला कैब ली थी जहाँ वह एक व्यक्ति से मिले थे। इस मामले को सुलझाने के लिए उस व्यक्ति की पहचान महत्वपूर्ण है। चूँकि उन्होंने एक OLA लिया, इसलिए यह पता लगाया जा सकता है कि उनका ड्राइवर कौन था और उससे पूछताछ की जा सकती है कि क्या उसने उस व्यक्ति को देखा है जिससे हिरेन मिले थे।”

मामले में संयोगों की एक शृंखला का हवाला देते हुए, पूरी क्रोनोलॉजी समझाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री फड़नवीस ने मामले की एनआईए जाँच की माँग की है।

गौरतलब है कि उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर से जिलेटिन और धमकी भरे खत वाली जो स्कार्पियो कार मिली थी उस कार के मालिक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। उनके आत्महत्या का दावा स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन का शव मुंब्रा रेती बंदर रोड के पास खाड़ी से मिलने के बाद किया जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, शव को सवेरे 10 बजकर 25 मिनट पर बाहर निकाला गया है। कहा जा रहा है कि परिवार ने शुक्रवार दोपहर ही लापता की शिकायत नौपाडा पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई थी। ऐसे में मामला संदिग्ध नजर आ रहा है।

दूसरी तरफ एंटीलिया के पास संदिग्ध कार से विस्फोटक और धमकी भरा ख़त मिलने के मामले में मुंबई पुलिस को रोज नए सबूत मिल रहे हैं। पुलिस ने अंबानी के घर एंटीलिया के आस-पास मौजूद सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला है जिसमें सामने आया है कि ये कार 24 फरवरी की रात करीब एक बजे वहाँ खड़ी की गई थी। कार इससे पहले रात 12:30 बजे हाजी अली जंक्शन पहुँची थी और वहाँ करीब 10 मिनट तक रुकी भी रही थी। मीडिया रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि संदिग्ध एंटीलिया की बीते एक महीने से रेकी कर रहे थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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