Tuesday, November 19, 2024
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Article 370 पर JNU में बगावत: भीड़ ने सेना को दी गालियाँ, खुद को हिंदुस्तानी मानने से किया इनकार

लाल सलाम का नारा बुलंद करने वाले इन लोगों ने विरोध के दौरान खुद को हिंदुस्तानी बताने से भी इनकार किया। हालाँकि वे आधी रात के अँधेरे में मीडिया के कैमरे से बचते नजर आए।

जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले, अलग संविधान और अपना अलग कानून बनाने जैसी छूट देने वाले अनुच्छेद-370 का ‘पॉवर’ कल खत्म कर दिया गया। मोदी सरकार के इस फैसले ने कई विरोधियों के दिल पर चोट की। कुछ को हमने सदन में कपड़े फाड़ते देखा, तो कुछ को सोशल मीडिया पर बयानबाजी करते। लेकिन अब खबर है कि भारत सरकार के इस फैसले के ख़िलाफ़ दिल्ली स्थित जेएनयू में भी बगावती सुर उठते दिखाई दिए हैं।

दरअसल, खबरों की मानें तो सोमवार (अगस्त 5, 2019) की रात जेएनयू में सरकार के फैसले के ख़िलाफ़ ‘आजादी-आजादी’ के नारों की गूँज सुनाई दी। जानकारी के अनुसार कुछ लोगों ने अँधेरे में यहाँ जमकर नारेबाजी की और अनुच्छेद 370 को वापस लेने की माँग की। इस दौरान आपत्तिजनक भाषा के प्रयोग के साथ इन लोगों ने सेना को लेकर भी काफ़ी अपशब्द बोले।

आजतक में प्रकाशित खबर के अनुसार लाल सलाम का नारा बुलंद करने वाले इन लोगों ने इस दौरान खुद को हिंदुस्तानी बताने से भी परहेज किया। साथ ही वे आधी रात के अँधेरे में मीडिया के कैमरे से बचते नजर आए।

गौरतलब है कि एक ओर जहाँ दिल्ली स्थित जेएनयू में हमें सरकार के फैसले के ख़िलाफ़ ऐसी गतिविधियों की खबर सुनने को मिल रही हैं, वहीं जम्मू विश्वविद्यालय में सोमवार को छात्र 370 खत्म होने का जश्न मनाते दिखे। केंद्र सरकार के इस फैसले से हर राज्य में खुशी का माहौल है, जिसमें तेलंगाना भी शामिल है। लोग अपने घरों के बाहर पटाखे फोड़कर अपनी खुशी का इज़हार करते कल नजर आए।

बता दें कि इससे पहले भी जेएनयू ऐसे ही कारणों के कारण 3 साल पहले भी सुर्खियों को हिस्सा बना था। जब 9 फरवरी 2016 को वहाँ जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार समेत अन्य छात्र नेताओं ने संसद हमले के दोषी अफजल गुरू को फांसी पर लटकाए जाने के विरोध में कार्यक्रम आयोजित किया था। इस दौरान एबीवीपी (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) ने आरोप लगाया था कि यहाँ ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ और आतंकी ‘अफजल तेरे कातिल जिंदा हैं’, जैसे नारे लगे। जिसके बाद इस मामले पर बाकायदा कार्रवाई हुई। अभी फिलहाल इस मामले में दिल्ली की एक कोर्ट में सुनवाई चल रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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