Monday, December 23, 2024
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‘शराब घोटाले के मुख्य सरगना हैं अरविंद केजरीवाल’: ED ने कोर्ट में बताई शराब घोटाले की एक-एक डिटेल, CM के पड़ोस में मंत्री को अलॉट घर में रहता था दलाल

ED ने बताया कि गोवा में 45 करोड़ रुपए हवाला के जरिए ट्रांसफर किए गए थे। बयानों के अलावा CDRS के जरिए भी ये साबित होता है। बताया गया कि गोवा में एक AAP उम्मीदवार को कैश दिए गए, ये कैश इसी घूस की रकम का था।

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री व AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाले का मुख्य सरगना बताया है। गिरफ़्तारी के 1 दिन बाद अरविंद केजरीवाल को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में शुक्रवार (22 मार्च, 2024) को पेश किया गया, जहाँ जज कावेरी रावत ने इस मामले पर सुनवाई की। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) SV राजू ने ED का पक्ष रखा। इस दौरान अदालत कक्ष खचाखच भरा रहा। जज को भी कहना पड़ा कि हमारे पास सीमित जगह है।

बाहर पुलिस ने ASG को ही अंदर घुसने से रोक दिया था, जिस कारण उनके पहुँचने में विलंब हुआ। उन्होंने बताया कि गिरफ़्तारी के संबंध में अरविंद केजरीवाल के परिजनों को सूचित करते हुए उन्हें रिमांड की कॉपी भी उपलब्ध करा दी गई है और गिरफ़्तारी का आधार भी बता दिया गया है। ED ने अरविंद केजरीवाल की 10 दिनों की रिमांड की माँग करते हुए कहा कि शराब नीति के लिए एक विशेषज्ञों की समिति बनाई गई थी, लेकिन वो फर्जी थी।

उन्होंने स्पष्ट किया कि शराब नीति कुछ इस तरह बनाई गई थी कि घूस ली जा सके और फिर घूस देने वाले मुनाफा कमा सकें। ASG ने स्पष्ट कहा कि अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता हैं। वो इस नीति के निर्माण में सीधे तौर पर हिस्सेदार थे, अपराध की प्रक्रिया में शामिल थे और गोवा में चुनाव प्रचार अभियान में भी सक्रिय थे। SV राजू ने ध्यान दिलाया कि वो अपनी पार्टी के मुखिया हैं। इस दौरान वो पूरी तरह तत्कालीन डिप्टी CM मनीष सिसोदिया के संपर्क में थे।

ED की तरफ से अदालत को बताया गया कि विजय नायर जो कि AAP का कम्युनिकेशंस इंचार्ज भी था वो अरविंद केजरीवाल के पड़ोस में ही रह रहा था। वो जिस घर में रह रहा था, उसे दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को अलॉट किया गया था। लेकिन, कैलाश गहलोत अपने नजफगढ़ वाले घर में रहते हैं। शराब माफियाओं की ‘साउथ लॉबी’ और AAP के बीच विजय नायर ही दलाल था। ED के अनुसार, विभिन्न बयानों से ये सत्यापित होता है कि अरविंद केजरीवाल ने फेवर देने के बदले ‘साउथ लॉबी’ से घूस माँगे।

इस दौरान ‘ऑरबिंदो अरमा’ के शरत रेड्डी के बयान का भी जिक्र किया गया। शरत रेड्डी गिरफ्तार किया जा चुका है और इस केस में अप्रूवर बन चुका है। घूस के बदले ‘साउथ लॉबी’ को दिल्ली के शराब कारोबार का नियंत्रण मिला। एक नया खुलासा हुआ है कि ये सिर्फ 100 करोड़ रुपए घूस लेने का नहीं, सब मिला कर 600 करोड़ रुपए का मामला है। घूस देने वालों को जो मुनाफा हुआ, ये सब मिला कर इस रकम तक पहुँचा गया है। सभी वेंडरों ने एक हद तक कैश दिए।

ED ने बताया कि गोवा में 45 करोड़ रुपए हवाला के जरिए ट्रांसफर किए गए थे। बयानों के अलावा CDRS के जरिए भी ये साबित होता है। बताया गया कि गोवा में एक AAP उम्मीदवार को कैश दिए गए, ये कैश इसी घूस की रकम का था। गोवा पैसे भेजना के लिए 4 माध्यमों का इस्तेमाल किया गया। ASG ने कहा कि न सिर्फ व्यक्तिगत रूप से, बल्कि कई स्तर पर अरविंद केजरीवाल इसमें शामिल हैं क्योंकि आम आदमी पार्टी के मामलों को भी वही देखते हैं। वो पार्टी के संयोजक हैं, सभी गतिविधियों के पीछे उनका ही दिमाग होता है।

ED ने ASG के माध्यम से बताया कि कैसे 10 बार अरविंद केजरीवाल ने जानबूझकर ED के समन को धता बताया, तलाशी के दौरान उन्होंने सही तथ्य नहीं बताए और जाँच में उन्होंने सहयोग नहीं किया। ED का कहना है कि उनसे पूछताछ कर के आगे की सूचनाएँ इकट्ठी करनी है। अभी अरविंद केजरीवाल के वकील कॉन्ग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ये पहली बार है जब एक सिटिंग मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया गया है। उनकी पार्टी के 4 बड़े नेता जेल में हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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