केरल के एर्नाकुलम POCSO कोर्ट ने शनिवार (4 नवंबर,2023) को अलुवा में एक नाबालिग हिन्दू बच्ची के अपहरण और हत्या के मामले में प्रवासी मजदूर अशफाक आलम को दोषी ठहराया है। आरोपित सभी 16 आरोपों में दोषी पाया गया। कोर्ट में जज के सोमन ने कहा कि दोषी की सजा का ऐलान गुरुवार (9 नवंबर,2023) को किया जाएगा।
इस केस में ये फैसला वारदात के 100 दिनों बाद आया। गौरतलब है कि बिहार के रहने वाले आपराधिक पृष्ठभूमि वाले आलम ने बिहार के ही दंपत्ति की 5 साल की बच्ची का 28 जुलाई, 2023 को अपहरण कर लिया था। बच्ची की लाश 29 जुलाई 2023 को कूड़े के ढेर से एक बोरे के अंदर मिली थी। इसके बाद ही आलम को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
अशफाक आलम की सजा को लेकर खास सरकारी वकील मोहन राज ने कहा कि आरोपित पर लगाए गए सभी 16 आरोप कोर्ट में साबित हो गए हैं। इनमें से 5 आरोपों में उसे मौत की सजा दी जानी चाहिए।
अभियोगी पक्ष दोषी ठहराए गए अशफाक आलम के लिए अधिकतम सजा की माँग कर रहा है। वहीं मृतक बच्ची के अभिभावकों ने फैसला का स्वागत करते हुए आरोपित के मृत्यु दंड देने की माँग की है।
इस खौफनाक दिल को झकझोर कर रख देने वाली घटना के बाद पूरा केरल सकते में आ गया था। 28 जुलाई को हुई घटना से जुड़े केस में 35वें दिन आरोप पत्र जारी किया गया था। दो महीने बाद मुकदमा शुरू हुआ और अदालती कार्यवाही 26 दिन में पूरी हुई।
पुलिस के मुताबिक, नशे के आदी आरोपित अशफाक ने नाबालिग बच्ची को जूस की बोतल में नशीला पदार्थ मिलाकर पिला दिया था। इसके बाद उसके साथ बलात्कार किया। इस दौरान अशफाक ने बच्ची के बेहोश होने के बाद उसकी हत्या कर दी।
इस केस मामले में कुल 41 गवाहों से पूछताछ की गई। केवल हिंदी जानने वाले आरोपित अशफाक को मुकदमे के दौरान एक दुभाषिया मुहैया कराया गया था। वारदात की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तेजी से जाँच पूरी की और घटना के 30 दिनों के अंदर केस दर्ज कर डाला।