Wednesday, May 8, 2024
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₹1600 करोड़ के फ्रॉड में फँसे अशोका यूनिवर्सिटी के संस्थापक बंधु, जाली सर्टिफिकेट से बैंकों से लिया लोन: 12 जगहों पर CBI की छापेमारी

अशोका विश्वविद्यालय से जब से राजनीतिक विश्लेषक प्रताप भानु मेहता ने फैकल्टी मेंबर के तौर पर अपने पद से इस्तीफा दिया है, तभी से यूनिवर्सिटी विवादों में है। मेहता के इस्तीफे के बाद पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अरविंद सुब्रमण्यम ने भी 'अकादमिक स्वतंत्रता' की कमी का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था।

अशोका यूनिवर्सिटी (Ashoka University) के दो संस्थापक- प्रणव गुप्ता और विनीत गुप्ता करोड़ों रुपए के बैंक धोखाधड़ी (Bank fraud) के मामले में फँस गए हैं। केंद्रीय जाँच एजेंसी CBI ने दोनों पर 1,600 करोड़ रुपए से अधिक के बैंक फ्रॉड का आरोप लगाया है। इस मामले में CBI ने 31 दिसंबर 2021 को दिल्ली और NCR में 12 स्थानों पर छापेमारी की थी, जिसके बाद इसका खुलासा हुआ है। CBI ने उनकी दवा कंपनी पैराबोलिक के खिलाफ केस दर्ज किया है।

विनीत गुप्ता सोनीपत में अशोका विश्वविद्यालय के संस्थापक और ट्रस्टी हैं, जबकि प्रणव गुप्ता बोर्ड के सह-संस्थापक और ट्रस्टी हैं। इन दोनों ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया समेत दूसरे बैंकों से 1,626.74 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था और उसमें हेराफेरी की। सीबीआई ने उनकी चंडीगढ़ स्थित दवा कंपनी और उससे जुड़े गुप्ता बंधुओं और 10 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। दोनों भाईयों पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए बैंकों को ठने का आरोप है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुप्ता बंधुओं की दवा कंपनी पैराबोलिक ड्रग्स ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (Central Bank Of India), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State bank Of India), यूको बैंक (Uco bank), स्टेट बैंक ऑफ पटियाला (State bank of patiala), ICICI बैंक, IDBI बैंक, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (UBI), बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB), एक्जिम बैंक (Axim bank), केनरा बैंक (Canara Bank) और सिडबी बैंक से कर्ज लेने के लिए जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया।

छापेमारी के बाद सीबीआई की प्रेस विज्ञप्ति का स्क्रीनग्रैब

अशोका विश्वविद्यालय से जब से राजनीतिक विश्लेषक प्रताप भानु मेहता ने फैकल्टी मेंबर के तौर पर अपने पद से इस्तीफा दिया है, तभी से यूनिवर्सिटी विवादों में है। मेहता के इस्तीफे के बाद पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अरविंद सुब्रमण्यम ने भी ‘अकादमिक स्वतंत्रता’ की कमी का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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