मध्य प्रदेश के कटनी में भारत के स्वर्ण युग कहे जाने वाले ‘गुप्त साम्राज्य’ से जुड़े अतीत की खोज हुई है। माना जा रहा है कि कटनी में मिली ये साइट भारत के सबसे पुराने मंदिरों में से एक की हो सकती है। कटनी के नचने गाँव की इस साइट की खुदाई एएसआई कर रही है। यहाँ पहले से ही गुप्त कालीन पार्वती मंदिर का पता चल चुका है, तो इसके साथ ही सटी एक साइट को छठीं-सातवीं शताब्दी के दौरान आबाद रहे कलचुरी क्षत्रिय राजवंश द्वारा निर्मित चौमुखी मंदिर मिला है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मध्य प्रदेश के कटनी जिले में स्थित नचने गाँव की इस साइट पर 4 मार्च से खुदाई शुरू की गई है। ये खुदाई 2 टीलों की हो रही है, ये टीले गुप्त कालीन पार्वती मंदिर और दूसरे को कलचुरी राजवंश द्वार बनवाया गया चौमुखी मंदिर से महज 30 मीटर की दूरी पर हैं। एएसआई द्वारा उत्खनित ये साइट विश्व प्रसिद्ध खजुराहो मंदिरों से 100 किमी से भी कम दूरी पर स्थित हैं।
एएसआई के जबलपुर सर्कल के अधीक्षण पुरातत्वविद् शिव कांत बाजपेयी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि इस खुदाई का उद्देश्य भारत के सबसे पुराने मंदिर की खोज करनी है। इस पूरी प्रक्रिया में तीन से चार माह लगने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि ये मंदिर भारत में ज्ञात अब तक का सबसे पुराना मंदिर हो सकता है। मध्य प्रदेश में गुप्त कालीन कई मंदिर पहले ही मिल चुके हैं, जिसमें नचने पार्वती मंदिर, तिगवा का विष्णु मंदिर और भुमरा का शिव मंदिर शामिल हैं। इस खुदाई का उद्देश्य गुप्त काल से भी पहले के मंदिर की खोज करनी है।
नचने साइट की खोज जिन 8 टीलों को केंद्र में रखकर की जा रही है, उसको शुरुआत में साल 1883-84 में प्रसिद्ध ब्रिटिश सैन्य इंजीनियर अलेक्जेंडर कनिंघम ने खोजा था। उन्होंने पार्वती मंदिर की खोज की थी। इस साइट के पास ही साल 1919 में भारतीय पुरातत्वविद् आरडी बनर्जी ने भी इसका जिक्र किया है।