कॉन्ग्रेसी समर्थक एवं खुद को कॉन्ग्रेस के सोशल मीडिया का संयोजक बताने वाले हसन लसकर नाम के शख्स ने तृणमूल सांसद नुसरत जहाँ को जल्द मारने की बात कही है। लसकर का कहना है कि नुसरत जहां को जल्द मारना होगा, वरना पूरा मुस्लिम समुदाय खतरे में आ जाएगा।
नुसरत के लिए सरेआम ये जहर लसकर ने ट्वीट के जरिए उगला है। लसकर ने अपने ट्वीट में नुसरत को मारने की बात ऐसी तस्वीर पर प्रतिक्रिया देते हुए कही है, जिसमें एक ओर वे संसद में माँग में सिंदूर और गले में मंगलसूत्र पहनकर खड़ी हैं और दूसरी ओर बुर्के में एक औरत खड़ी है।
ट्वीट में बताया जा रहा है कि नुसरत ने दूसरी तस्वीर में होने की बजाय पहली तस्वीर में होना इसलिए चुना क्योंकि ऐसा होना उन्हें आजादी देता है। जिसे देखते हुए ही लसकर ने खुलेआम कहा कि नुसरत को मार दिया जाना चाहिए। वरना पूरा मुस्लिम समुदाय खतरे में आ जाएगा।
हैरानी की बात तब हुई जब लसकर के फेसबुक अकॉउंट को खँगाला गया, जिसका लिंक उसके ट्विटर अकॉउंट पर ही दिया गया है। इस अकॉउंट से मालूम हुआ (फेसबुक पर लिखे अनुसार) कि लसकर ऑल इंडिया कॉन्ग्रेस कमिटी के सोशल मीडिया का संयोजक है। और इसके पेज पर शेयर किए पोस्ट भी यही दिखाते हैं कि यह शख्स कॉन्ग्रेस समर्थक है। पेज पर अधिकतर कॉन्ग्रेस एवं राहुल गाँधी से संबंधित पोस्ट हैं और ऐसे मीम्स हैं जो भाजपा और नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ बनाए गए।
वहीं, लसकर का ट्विटर अकॉउंट देखने पर भी मालूम हुआ कि उसके अधिकतर ट्वीट नफरत से भरे हुए हैं। जिसमें कश्मीर संबधित पोस्ट हैं। जिनमें से एक में लिखा गया है कि कश्मीर कभी हिंदुओं का नहीं हो सकता, बल्कि कश्मीर में हिंदुओं का शमशान होगा।
वहीं, एक दूसरे पोस्ट में हसन लिखता है कि अगली पीढ़ी में वे बाबरी मस्जिद का बदला लेगा।
गौरतलब है कि लसकर जैसे नफरत फैलाने वाले लोग नुसरत को पहले भी ट्रोल कर चुके हैं। उन्हें निखिल जैन से शादी करने से लेकर हिंदू त्यौहारों में शिरकत करने तक में इस्लाम को शर्मसार करने वाला बताया जा चुका है।
इतना ही नहीं, दुर्गा पूजा में उन्हें पूजा करते देखकर मजहबी गुरू ये तक कह चुके हैं कि अगर उन्हें पूजा पाठ करना है तो वो इस्लाम को छोड़कर अपना धर्म परिवर्तन कर लें क्योंकि इस्लाम में ये सब हराम है।
अब फिलहाल इस मामले में ऑपइंडिया असम प्रदेश कॉन्ग्रेस कमिटी और हसन लसकर से संपर्क साधने की कोशिश कर रहा है, ताकि ज्ञात हो सके कि क्या वाकई में नुसरत के लिए अपशब्द बोलने वाला शख्स एपीसीसी में आधिकारिक रूप से पद पर कार्यरत है या नहीं? अभी तक हमें इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है लेकिन जैसे ही इसके बारे में पता चलेगा हम अपनी रिपोर्ट को उसी अनुसार अपडेट करेंगे।