Wednesday, November 27, 2024
Homeदेश-समाजकपूरथला गुरुद्वारे में लिंचिंग के शिकार युवक की गर्दन, सिर और छाती पर मिले...

कपूरथला गुरुद्वारे में लिंचिंग के शिकार युवक की गर्दन, सिर और छाती पर मिले तलवार के 30 घाव: अटॉप्सी रिपोर्ट से खुलासा

पोस्टमार्टम रिपोर्ट बताती है कि मृतक की गर्दन, सिर, छाती और शरीर के दाहिने कूल्हे पर गहरे घाव थे। ऐसी संभावना है कि गर्दन पर कट लगने के कारण उसका सांस फूल गई होगी।

पंजाब (Punjab) के कपूरथला गुरुद्वारे में एक विक्षिप्त व्यक्ति की लिंचिंग (kapurthla Mob lynching) के मामले में ऑटोप्सी रिपोर्ट (Atopsi report) आ गई है। इसमें खुलासा किया गया है कि मृतक के शरीर पर 30 गहरे घाव थे। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट इस बात का पता चलता है कि उसके शरीर पर नुकीले गहरे घाव थे, जो कि संभवत: तलवार के वार से हुए थे। इसकी पुष्टि करते हुए सीनियर मेडिकल ऑफिसर नरिंदर सिंह ने मीडिया को बताया कि स्थानीय सिविल अस्पताल के डॉक्टरों के पाँच सदस्यीय बोर्ड ने शव का परीक्षण किया था।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट बताती है कि मृतक की गर्दन, सिर, छाती और शरीर के दाहिने कूल्हे पर गहरे घाव थे। ऐसी संभावना है कि गर्दन पर कट लगने के कारण उसका सांस फूल गई होगी। पाँच सदस्यीय बोर्ड ने यह जानने के लिए कि कहीं उसने कोई नशीला पदार्थ तो नहीं लिया था, उसके ब्लड की केमिकल टेस्टिंग भी की थी। डॉक्टरों ने उसके डीएनए परीक्षण के लिए उसके बाल, दाँत और खून के नमूने लिए।

अस्पताल में मौजूद रहे शहर के DSP सुरिंदर ने बताया कि हमने मृतक की पहचान करने की कोशिश की थी, लेकिन 72 घंटे बीतने के बाद भी किसी ने भी शव के लिए दावा नहीं किया। चूँकि, शव के लिए किसी ने दावा नहीं किया तो पुलिस उसे लेकर श्मशान घाट गई और अंतिम संस्कार के लिए शव को नगर निगम के हवाले कर दिया।

वहीं आईजी ढिल्लन के मुताबिक, गुरुद्वारा के प्रबंधक अमरजीत सिंह के बयान पर धारा 295A के तहत मृतक के ही खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

जबकि अटॉप्सी रिपोर्ट आने के बाद भी व्यक्ति की हत्या के मामले में पुलिस ने अभी तक आरोपितों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं की है।

खालिस्तान समर्थक है गुरुद्वारे का सेवादार (Khalistan)

खास बात ये है कि ऑपइंडिया ने 22 दिसंबर 2021 को ही बताया था कि जिस कपूरथला गुरुद्वारे के सेवादार अमरजीत सिंह की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज किया है। वो खुद भी एक खालिस्तानी समर्थक रहा है। वो बार-बार पाकिस्तान जाता रहा है। इसके बाद वो ‘CAT’ में शामिल हो गया। ये खालिस्तानी चरमपंथी थे, जो बाद में पुलिस के मुखबिर बन गए थे। इसके अलावा जिस विक्षिप्त की मॉब लिंचिंग की गई, वो भूखा था और खाने की उम्मीद में गुरुद्वारा गया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘आप चुनाव जीते तो EVM सही, आप हारे तो हुई छेड़छाड़’: सुप्रीम कोर्ट ने सिस्टम बदलने से किया इनकार, अब बैलेट पेपर के लिए...

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस पीबी वराले की बेंच ने याचिका को सुनवाई के योग्य ही नहीं पाया।
- विज्ञापन -