अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो जाएँगे। इसी बीच रामलला के इस भव्य मंदिर में पुजारी बनने के लिए करीब 3 हजार उम्मीदवारों ने आवेदन किया था जिनमें से करीब 200 उम्मीदवारों को पुजारी पद के लिए इंटरव्यू में बुलाया गया है। बता दे कि इन चयनित हुए 200 उम्मीदवारों में से इंटरव्यू के द्वारा 20 उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा जिन्हें 6 महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी।
श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि ने सोमवार (21 नवंबर, 2023) को बताया कि तीन सदस्यीय पैनल इन 200 चयनित अभ्यर्थियों से अयोध्या स्थित विश्व हिन्दू परिषद के मुख्यालय कारसेवक पुरम में साक्षात्कार कर रहा है। उनके अनुसार पैनल में वृंदावन के प्रसिद्ध हिंदू उपदेशक जयकांत मिश्रा और अयोध्या के दो महंत मिथिलेश नंदिनी शरण और सत्यनारायण दास शामिल हैं।
कोषाध्यक्ष ने बताया कि उम्मीदवारों से इंटरव्यू के दौरान अभ्यर्थियों से संध्या वंदन क्या है, इसकी विधि क्या है और इस पूजा के मंत्र क्या हैं? भगवान राम की पूजा के लिए कौन-कौन से ‘मंत्र’ हैं और इसके लिए ‘कर्म कांड’ क्या हैं, इत्यादि सवाल पूछे जा रहे हैं?
जिनका चयन नहीं हुआ वे उम्मीदवार भी ले सकते हैं ट्रेनिंग
ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि ने बताया कि इंटरव्यू में शामिल 200 उम्मीदवारों में से 20 योग्य उम्मीदवारों को चुना जाएगा जिन्हें 6 महीने की ट्रेनिंग के बाद राम मंदिर के पुजारी के रूप में नियुक्त किया जाएगा। साथ ही उन्हें अलग-अलग विभिन्न पदों पर भी तैनात किया जाएगा।
गोविंद देव गिरि के मुताबिक, जिन्हें ट्रस्ट द्वारा चयनित नहीं किया गया है वे भी 6 महीने की ट्रेनिंग में भाग ले सकते हैं। ट्रेनिंग के पश्चात उन्हें प्रमाण पत्र भी दिए जाएँगे। हालाँकि, इन उम्मीदवारों को वर्तमान में नहीं तो उसके बाद भविष्य में रामलला के मंदिर में पुजारी बनने के लिए अवसर दिया जाएगा।
बता दें कि उम्मीदवारों को दिए जाने वाली ट्रेनिंग शीर्ष संतों के द्वारा तैयार धार्मिक पाठ्यक्रम पर आधारित होगी। इस दौरान उम्मीदवारों को फ्री में आवास और भोजन मिलेगा इसके साथ ही इन्हें 2,000 रुपए का भत्ता भी प्रदान किया जाएगा।
रामानंदीय संप्रदाय के अनुसार होगी रामलला की पूजा
गौरतलब है कि रामलला के मंदिर में पूजा की पद्धति मौजूदा पद्धति से बिल्कुल भिन्न होगी। यहाँ पूजा पद्धति रामानंदीय संप्रदाय के मुताबिक होगी। इसके लिए विशेष अर्चक होंगे।
बता दें कि अयोध्या की अन्य मंदिरों की तरह पंचोपचार विधि (सामान्य तरीके) से राम जन्मभूमि परिसर में स्थित अस्थाई मंदिर में अबतक पूजा होती थी जिसमें भगवान को नए वस्त्र धारण कराना, भोग लगाना, आरती और फिर सामान्य रूप से पूजन पद्धति शामिल है लेकिन रामलला के इस भव्य मंदिर में उनकी प्राण प्रतिष्ठा के बाद सबकुछ बदल जाएगा। मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामानंदीय परंपरा के मुताबिक यहाँ के मुख्य पुजारी, सहायक पुजारी और सेवादार रामलला की पूजा आराधना करेंगे।