उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के महराजगंज कस्बे के हिंसा प्रभावित इलाकों में बुलडोजर कार्रवाई हो सकती है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार प्रशासन ने अवैध निर्माणों पर लाल निशान लगाए हैं। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार दुर्गा विसर्जन जुलूस पर हमला सुनियोजित था।
इसके अनुसार मुख्य आरोपित अब्दुल हमीद और उसके साथियों ने दहशत फैलाने की पूरी तैयारी कर रखी थी। हमीद की छत पर पत्थर, ईंटें और काँच की बोतलें जमा की गईं थी। 13 अक्टूबर 2024 को इसी हिंसा के दौरान रामगोपाल मिश्रा की हत्या कर दी गई थी।
प्रशासन की सख्त कार्रवाई: अवैध अतिक्रमण पर बुलडोजर चलाने की तैयारी
बहराइच हिंसा के बाद योगी सरकार की ओर से बड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। बहराइच के महराजगंज कस्बे में अवैध अतिक्रमण पर बुलडोजर चलाने की योजना बनाई गई है। गुरुवार को राजस्व और लोक निर्माण विभाग की टीम ने अतिक्रमण चिह्नित कर लिया है। माना जा रहा है कि मुख्य आरोपितों समेत 30-40 मकान ध्वस्तीकरण की जद में आ सकते हैं।
महराजगंज कस्बे के कई दुकानदारों ने सड़क किनारे अतिक्रमण कर रखा है, जिससे रास्ते संकरे हो गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इसी अतिक्रमण के कारण शोभायात्रा के दौरान भीड़ और टकराव की स्थिति उत्पन्न हुई थी। माना जा रहा है कि इस अव्यवस्था के कारण ही बवाल भड़का, जिसमें रामगोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
ग्रामीणों की शिकायत पर कुछ समय पहले ही महसी के विभिन्न कस्बों में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया गया था। अब प्रतिमा विसर्जन यात्रा के दौरान हुई हिंसा के बाद यह अभियान फिर से शुरू होने की संभावना है।
बहराइच हिंसा की तैयारी पहले से, छत पर मिले ईंट-पत्थर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने इस हत्याकांड के मुख्य आरोपितों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू की। इस दौरान दो मुख्य आरोपितों—मोहम्मद सरफराज और मोहम्मद तालिब—के साथ पुलिस की मुठभेड़ भी हुई। यह मुठभेड़ बहराइच के नानपारा बायपास पर हुई, जहाँ पुलिस ने आरोपितों को घेर लिया था। पुलिस की जवाबी फायरिंग में दोनों आरोपित घायल हो गए। इन आरोपितों को नेपाल भागने की फिराक में पकड़ा गया।
हत्याकांड में इस्तेमाल हथियार बरामद
इस हत्याकांड में उपयोग किए गए हथियारों की भी बरामदगी हुई है। पुलिस के मुताबिक, हत्या के बाद भी आरोपितों के इरादे खतरनाक थे। उन्होंने अपने पास एक अवैध असलहा छिपा रखा था ताकि जरूरत पड़ने पर फिर से दहशत फैलाई जा सके। इसका प्रमाण उन्होंने पुलिस टीम पर फायरिंग करके दे दिया।
घायल आरोपितों को इलाज के लिए पहले नानपारा सीएचसी ले जाया गया, फिर गंभीर हालत देखते हुए उन्हें मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। मेडिकल कॉलेज परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया, जहाँ चारों तरफ भारी संख्या में पुलिस और पीएसी बल तैनात किए गए हैं।
#WATCH | Bahraich, Uttar Pradesh: Security deployed outside District Hospital where two accused of the Bahraich violence are undergoing treatment.
— ANI (@ANI) October 18, 2024
The accused, Md Talim and Md Sarfaraz were injured in an encounter with the police yesterday, while they were trying to flee to… pic.twitter.com/uAX92Qe60l
मुठभेड़ के बाद एक वीडियो सामने आया जिसमें एक पुलिसकर्मी आरोपियों से कहता है कि पुलिस पर हमला करना गलत था। इस पर एक आरोपी कहता है, “अब गलती नहीं करेंगे, हम लोग फायर करके भागना चाह रहे थे।” पुलिसकर्मी ने जवाब दिया, “पहले अपराध किया और फिर दूसरा अपराध कर रहे हो।” आरोपितों ने अपनी गलती स्वीकार की, लेकिन यह स्पष्ट था कि उनके इरादे बेहद खतरनाक थे।
आरोपी खुद कह रहा है, "सर हम पुलिस पर फायर करके भागना चाह रहे थे अब ऐसी गलती नहीं करेंगे"#Bahraich #Encounter pic.twitter.com/n2C72j1VeF
— अर्पित आलोक मिश्र (@arpitalokmishra) October 17, 2024
पुलिस ने आरोपितों के ठिकानों पर छापा मारा और पाँच लोगों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपितों के नाम मोहम्मद फहीन, मोहम्मद तालिब, मोहम्मद सरफराज, मोहम्मद हमीद और मोहम्मद अफजल हैं। पुलिस ने इनके खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई करने की योजना बनाई है। इसके अलावा, जो लोग इन आरोपियों को संरक्षण दे रहे थे, उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि बहराइच में हिंसा की घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर उन्हें न्याय का आश्वासन दिया था। उन्होंने कहा था कि हिंसा के जिम्मेदार आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।