उत्तर प्रदेश के बहराइच से रामजन्मभूमि पूजन के दौरान सोशल मीडिया पर लोगों को बरगलाने और उन्माद फैलाने के आरोप में पुलिस ने शुक्रवार (7 अगस्त, 2020) को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) से जुड़े एक डॉक्टर सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार यह लोग अयोध्या राम मंदिर भूमिपूजन कार्यक्रम के दिन सोशल मीडिया पोस्ट जरिए समुदाय विशेष के लोगों में आक्रोश फैलाना चाह रहे थे। जिससे सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठे।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कुँवर ज्ञानंजय ने कहा कि उन्हें बुधवार को जानकारी मिली थी कि कुछ लोग डॉ.अलीम के क्लिनिक में बैठ कर समुदाय विशेष के लोगों को व्हाट्सएप और ट्वीट के जरिए ऐसे मैसेज कर रहे हैं, जो सांप्रदायिक एकता और राष्ट्रीय अखंडता के खिलाफ थे।
गौरतलब है कि अयोध्या में रामजन्म मंदिर भूमि पूजन के शुभारंभ कार्यक्रम को लेकर पहले से ही अलर्ट जारी कर दिया गया था। इसी के आधार पर पुलिस व खुफिया तंत्र सरहद के साथ ही सोशल मीडिया पर चौकस थे। बुधवार को ट्विटर पर भूमि पूजन को बाधित करने के लिए सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए उन्माद फैलाने की कोशिश शुरू की गई, तभी खुफिया एजेंसियाँ सतर्क हो गईं और जरवल में छापेमारी कर डॉ. अलीम अहमद की क्लीनिक से उन्हें दो अन्य लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने डॉ. अलीम और उसके क्लीनिक में मौजूद कमरुद्दीन और साहिबे आलम को गिरफ्तार किया था। 24 घंटे पूछताछ के बाद गुरुवार को पुलिस ने तीनों पर मुकदमा दर्ज कर जेल रवाना कर दिया।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि इनमें साहिबे आलम पीएफआई के पूर्व पदाधिकारी और एसडीपीआई के मीडिया प्रभारी के रूप में काम कर रहा था। डॉ. अलीम और कमरुद्दीन दोनों एसडीपीआई व्हाट्सएप ग्रुप के सदस्य थे। उन्होंने कहा, एसडीपीआई और पीएफआई संगठनों के गिरफ्तार तीन सदस्यों से उनके नेटवर्क खंगाले जा रहे है और विस्तृत जाँच की जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार, इनके तार सऊदी अरब, दिल्ली, लखनऊ समेत कई जगहों से जुड़े बताए गए हैं।
तीन सदस्यों के पकड़े जाने के बाद पीएफआइ व एसडीपीआइ के बहराइच में सक्रिय होने के सबूत ने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। इन लोगों ने अयोध्या में हो रहे भूमिपूजन के कार्यक्रम को बाधित करने के लिए सोशल मीडिया पर गलत मैसेज प्रसारित कर मुस्लिमों में आक्रोश पैदा करने की योजना बनाई थी। लेकिन समय रहते पुलिस अधिकारियों को इसकी जानकारी हो गई, जिससे इनका मंसूबा नाकाम हो गया।
गौरतलब है कि भारतीय खुफिया एजेंसी को 5 अगस्त को अयोध्या और जम्मू-कश्मीर में बड़े आतंकी हमलों की सूचना मिली थी। एजेंसी के अनुसार यह साजिश पाकिस्तान द्वारा रची गई थी। इसके लिए उसने अफगानिस्तान में 20 तालिबानी आतंकियों को प्रशिक्षण दिया है, ऐसी भी खबर थी। खुफिया एजेंसियों ने इस खतरे को लेकर पुलिस और आर्मी को पहले से आगाह कर दिया था।
बता दें खुफिया एजेंसी को पिछले कुछ हफ़्तो से आतंकी हमलों को लेकर सूचना मिल रही थी। कहा गया था कि आतंकी 15 अगस्त तक किसी भी बड़े हमले को अंजाम दे सकते हैं। सुरक्षा एजेंसियों द्वारा दी गई चेतावनी के बाद अयोध्या, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी।