हरियाणा के नूहं इलाके में सोमवार (31 जुलाई 2023) को जलाभिषेक यात्रा निकाल रहे हिन्दुओं पर हमला किया गया था। इस हमले में 2 होमगार्ड सहित मिठाई विक्रेता शक्ति सैनी की हत्या हो गई है। इसके अलावा, अभिषेक राजपूत नाम के बजरंग दल कार्यकर्ता गोली मार दी गई। उसके बाद उनका गला काटकर सिर को पत्थरों से कूच दिया गया। यह सब ISIS और तालिबान के स्टाइल में किया गया।
ऑपइंडिया ने मेवात के हथीन इलाके में रहने वाले भारत भूषण से बात की। उन्होंने बताया कि घटना के दिन 31 जुलाई को अभिषेक पानीपत से नल्हड मंदिर में जल चढ़ाने आए थे। इस दौरान वह मुस्लिमों भीड़ के हमले की चपेट में आ गए। भारत भूषण के मुताबिक, दंगाइयों ने अभिषेक को पहले गोली मारी और बाद में उनका गला रेत दिया। उन्होंने कहा कि अभिषेक के परिजन लाश लेने नूहं आए हुए हैं।
ऑपइंडिया ने अभिषेक हत्याकांड की और ज्यादा जानकारी लेने के लिए पानीपत के जिला संयोजक बॉबी को कॉल किया। बॉबी ने हमें बताया कि वो और अभिषेक सहित लगभग 100 लोग एक बस और कुछ गाड़ियों से नूह के नल्हड मंदिर गए थे। इस दौरान मंदिर में पूजा करके निकलने के कुछ ही देर बाद उन पर लगभग 250 मुस्लिमों की भीड़ ने अचानक हमला कर दिया।
बॉबी का दावा है कि उनके काफिले के साथ हरियाणा पुलिस का एक DSP कुछ सिपाहियों के साथ चल रहा था, जो सिर्फ एकाध हवाई फायर कर के अपनी इतिश्री कर लिया। खुद को घटना का चश्मदीद बताते हुए बॉबी ने आगे बताया कि हिन्दू संगठनों ने पुलिस वालों की रक्षा की और उनके साथ खड़े रहे।
इस दौरान मुस्लिमों की भीड़ महिलाओं की तरफ आगे बढ़ी तो हिन्दू संगठनों ने पहले उन्हें सुरक्षित करने का निर्णय लिया। महिलाओं को वापस मंदिर की तरफ भेजा जाने लगा तो मुस्लिमों की तरफ से फायरिंग शुरू हो गई। फायरिंग में पानीपत के नूरवाला क्षेत्र के निवासी अभिषेक राजपूत के कमर में गोली लगी और वो वहीं गिर पड़े। बॉबी के अनुसार, अभिषेक के साथ चल रहे व्यक्ति ने उन्हें उठाने की कोशिश की पर वो अचेत हो गए थे।
बॉबी ने यह भी दावा किया कि महिलाओं को कुछ लोग लेकर सुरक्षित जगहों पर भागे तो मुस्लिमों की भीड़ बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के पास तक पहुँच गई। बकौल बॉबी, बुरी तरह से घायल होने के चलते अभिषेक राजपूत अपना बचाव नहीं कर सके। आरोप है कि भीड़ में शामिल हमलावरों ने पहले तालिबानी अंदाज़ में अभिषेक का गला काटा और बाद में पत्थरों से उनके सिर को कूँच डाला। अभिषेक की मौके पर ही मौत हो गई।
बॉबी ने बताया कि अभिषेक बजरंग दल के प्रखंड संयोजक थे और वह पानीपत के एक गरीब परिवार से आते थे। घर का गुजारा करने के लिए वो कार मैकेनिक का काम करते थे। अभिषेक का एक भाई और है, जो किसी फैक्ट्री में काम करता है। मृतक के पिता भी मेहनत-मजदूरी कर के बच्चों को पाले पोसे थे।
बताते चलें कि नूहं हिंसा को लेकर यह बात सामने आई है कि इसकी तैयारी 6 महीने से की जा रही थी। हमले के दौरान मंदिर परिसर में घिरे लोगों पर एके-47 से फायरिंग की गई थी। 14 साल के छोटे-छोटे बच्चे गोली चला रहे थे।