उत्तर प्रदेश के बरेली में 14 साल की दलित हिन्दू लड़की को मुस्लिम युवक द्वारा प्रेमजाल में फँसाने, बलात्कार करने और उसका अश्लील वीडियो बनाकर नाबालिग को ब्लैकमेल करने का मामला सामने आया है। इस संदर्भ में पीड़िता ने ख़ालिद नाम के शख़्स के ख़िलाफ़ बरेली के बारादरी थाना क्षेत्र में मामला दर्ज करवाया है। एसपी सिटी अभिनंदन सिंह के मुताबिक़ ख़ालिद के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा-376, 363, 323, पॉक्सो और SC/ST एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है और इसकी जाँच शुरू कर दी गई है। फ़िलहाल, आरोपित फ़रार है।
पीड़िता ने बताया कि वो ब्यूटी पार्लर में नौकरी करती है और रोज ऑटो से आती-जाती है। इस दौरान उसकी मुलाक़ात ऑटो चालक से हुई, जिसने उसे अपना नाम अमन बताया। पीड़िता के मुताबिक, अमन ने ख़ुद को हिन्दू बताया और वो उसके साथ कई बार मंदिर भी गया। ख़ुद को हिन्दू बताने के लिए उसने अपने हाथ में कलावा बाँधा हुआ था और कड़ा भी पहन रखा था। ख़ालिद ने नाबालिग को अपने प्रेमजाल में फँसाकर उससे दोस्ती बढ़ाई। इसके बाद उसके साथ दुष्कर्म किया और उसका अश्लील वीडियो भी बनाया।
पीड़िता ने बताया कि एक दिन अचानक पता चला कि वो हिन्दू नहीं है बल्कि मुस्लिम है और उसका नाम अमन नहीं बल्कि ख़ालिद है। इसके बाद पीड़िता ने उससे मिलना-जुलना बंद कर दिया। ऐसा होने पर ख़ालिद ने उसे डराया-धमकाया और पीटा भी। साथ ही अश्लील वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी भी दी।
पीड़िता की माँ का कहना है कि उसकी बेटी को ख़ालिद ने ख़ुद को हिन्दू बताकर फँसा लिया और फिर उसके साथ दुष्कर्म किया। दुष्कर्म का अश्लील वीडियो बनाने की बात भी उन्होंने कही। पीड़िता की माँ आरोपित के ख़िलाफ़ ठोस कार्रवाई चाहती हैं, जिससे उसे कड़ी सज़ा मिल सके।
ख़बर के अनुसार, पीड़िता ने बताया कि 4 अगस्त को आरोपित की शादी होने वाली है, इसलिए वो चाहती है कि ख़ालिद को जल्द पकड़कर उसे सज़ा दी जाए जिससे वो और किसी लड़की की ज़िंदगी बर्बाद न कर सके।
घटना की सूचना जब हिन्दू संगठन को मिली तो वो ही पीड़िता को बारादरी थाने लेकर गए। वहाँ पहले तो FIR लिखने में हिन्दू संगठन के नेताओं और पुलिस में कहासुनी हो गई, लेकिन बाद में FIR दर्ज की गई। हिन्दू संगठन के नेताओं का कहना है कि मुस्लिम लड़के हाथों में कलावा बाँधे कॉलेज के आसपास घूमते हैं और हिन्दू लड़कियों को अपने प्रेमजाल में फँसाकर लव जिहाद करते हैं। बरेली में ऐसे कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। इसलिए पुलिस को इस तरह के मामलों को गंभीरता से लेना चाहिए और दोषियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।