सब्जी वालों की दुकान से भगवा झंडे उतरवाने से लेकर हिन्दू आस्था के प्रतीकों को अपमानित करने का काम कोरोना वायरस के बीच देशव्यापी बंद के दौरान भी खूब हुआ है। महाराष्ट्र के पालघर में साधुओं की मॉब लिंचिंग ने मानो उन सभी राज्यों में हिंदुओं के खिलाफ मोर्चा खोलने का मौका दे दिया जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से केंद्र की दक्षिणपंथी सरकार के विरोध में रहते हैं।
झारखंड में सब्जी वालों की दुकानों से हटाया भगवा झंडा
एक ओर जहाँ देश की अधिकतर जनता कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अपने घरों में बन्द है, वहीं दूसरी ओर लिबरल गिरोह और बौद्धिक दैन्य वामपंथी-उदारवादी वर्ग घर बैठे अपने इस्लामिक एजेंडे को हवा-पानी देता रहा। सोशल मीडिया पर झारखंड में फल बेचने वाले दुकानदारों की तस्वीरों पर झारखंड पुलिस को टैग करते हुए ‘शिकायत‘ दर्ज की गईं।
हालाँकि, पुलिस ने भी यह पूछने के बजाए कि दुकान पर हिन्दू संगठन के नाम से किसी की धार्मिक भावनाएँ कैसे आहत हो सकती हैं? सीधे यह सूचना दी कि दुकानों से ऐसे बैनर हटवा दिए गए हैं।
हालाँकि इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर मुस्लिमों की दुकान और हलाल जैसे विषयों पर भी आपत्ति जताई गई लेकिन दुर्भाग्य यह है कि ऐसे विषय कुछ दिन की चर्चा के बाद अगली किसी घटना के दोहराए जाने तक फिर शान्त हो जाते हैं और यह रोष मात्र सोशल मीडिया तक ही सीमित हो जाता है।
पालघर में साधुओं पर हमला और अर्नब पर आरोप
महाराष्ट्र के पालघर में साधुओं की हत्या के बाद देशभर में इस तरह की घटनाएँ बढ़ती गईं जिनमें हिंदुओं को किसी न किसी तरह से निशाना बनाया जा रहा है। पालघर मॉब लिंचिंग पर कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गॉंधी की चुप्पी को लेकर तीखे सवाल पूछने पर रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्नब गोस्वामी पर हमला किया गया।
हिन्दू देवताओं का अपमान
इंस्टाग्राम पर हिन्दू देवी-देवताओं को गालियाँ देने वाले कुछ एकाउंट भी हाल ही में सामने आए हैं। ऐसा नहीं है कि यह पहली बार है, लेकिन यह देखा गया है कि कोरोना वायरस के बीच मुस्लिम समुदाय और तबलीगी जमात के उपद्रव के बाद उन्हें ज्यादा निशाना बनाया जा रहा है।
फ़ेक एकाउंट की मदद से भी हिंदुओं के प्रतीकों को अपमानित कर हिंदुओं की आस्था को आहत करने का प्रयास किया गया।
दुकान पर भगवा झंडा लगाने पर मुस्लिमों ने किया प्रताड़ित
बिहार के बेगूसराय के एक सब्जी विक्रेता ने जब अपने ठेले पर भगवा झंडा लगाया तो उसके अपने ही मोहल्ले के दूसरे समुदाय के लोगों ने उसे प्रताड़ित किया और भगवा झंडा लगाने पर आपत्ति जताई। दलित सब्जी विक्रेता ने बताया कि जब वो दो लोग ठेले पर भगवा झंडा लगा कर जा रहे थे तो कुछ लोगों ने उन्हें रोका और पूछा कि तुम ये झंडा लगा कर क्या साबित करना चाहते हो? इस आपत्ति के बाद उसने साहस दिखाते हुए फिर अपनी दुकान पर भगवा झंडे लगा दिए।
हरियाणा में महंत पर जानलेवा हमला और धमकी
कल बुधवार (अप्रैल 29, 2020) को हरियाणा के मेवात जिले कि एक घटना सामने आई, जहाँ दुकान पर दवा लेने गए महंत रामदास महाराज को मुस्लिमों ने घेर लिया और उन पर धार्मिक कटाक्ष किए। यही नहीं उनसे कहा गया कि साधु-संत सिर्फ गुंडागर्दी करते हैं और इस वजह से इन्हें जिंदा जला दिया जाना चाहिए। इस सबका विरोध करने पर मुस्लिमों की भीड़ उनके पीछे हमला करने दौड़ी और महंत ने किसी तरह वहाँ से भागकर अपनी जान बचाई।
क्यों बढ़ रहे हैं भगवा पर हमले?
इसमें कोई संदेह नहीं है कि भगवा और हिंदुओं को निशाना बनाए जाने के पीछे कोरोना वायरस की महामारी के दौरान मुस्लिम समुदाय द्वारा डॉक्टर्स और पुलिस के साथ कि गई तमाम बदसलूकी और तबलीगी जमात के कारनामों ने कट्टरपंथियों को आत्मविश्लेषण करने के बजाए हिंदुओं पर हमला करने के लिए उकसाया है।
इस काम मे ऐसे राज्यों ने भी इन घटनाओं को भुनाने का प्रयास किया है, जिनकी पहली पहचान हिन्दू-विरोध और मुस्लिम तुष्टिकरण है।