बिहार के बांका जिले के बौंसी प्रखंड मुख्यालय में कार्यरत प्रधान लिपिक महमूद आलम को डाटा ऑपरेटर का कार्य कर रही महिला कर्मचारी के साथ दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। घटना शनिवार (फरवरी 8, 2020) की है। महिला कंप्यूटर ऑपरेटर ने बताया कि शुक्रवार (फरवरी 7, 2020) शाम को जब वह ऑफिस का काम खत्म करने के बाद निकलने वाली थी, तभी शराब के नशे में धुत्त प्रखंड के प्रधान लिपिक महमूद आलम ने उसे गलत नीयत से पीछे से पकड़ लिया और उसके साथ दुष्कर्म करने का प्रयास किया।
पीड़िता ने बताया कि वह किसी तरह से वहाँ से भागकर थाना पहुँची और इसकी जानकारी दी। पुलिस अधीक्षक अरविंद गुप्ता ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि इस सिलसिले में पीड़िता ने बौंसी थाने में प्रखंड कार्यालय के प्रधान लिपिक मोहम्मद आलम के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। सत्यापन में मामला सही पाए जाने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आलम को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
जानकारी के मुताबिक जब ट्रेनी आईएएस और थानाध्यक्ष राजेश कुमार यादव ने इस बाबत महमूद आलम से पूछा तो उसने सिरे से इनकार कर दिया और कहा कि वह पीड़िता के कमरे में ही नहीं गया था। हालाँकि उसका यह झूठ सीसीटीवी खँगालने के साथ ही उजागर हो गया। सीसीटीवी फुटेज में पाया गया कि घटना वाले दिन वह लगातार चार बार उसके कमरे में गया था। शाम में जब पीड़िता घटना के बाद उसे धक्का देकर तेजी से निकल रही थी, उस वक्त भी वह उसके पीछे ही था।
बता दें कि आरोपित महमूद आलम ने दो-दो निकाह किया है। उसकी पहली बीवी गाँव में रहती है, जबकि दूसरी बीवी नसीमा खातून उसके साथ रहती है। नसीमा खातून ने अपने पहले शौहर की मौत के बाद महमूद के साथ निकाह किया था। 3 साल पूर्व एक बेटा भी हुआ था, लेकिन 24 घंटे के बाद ही उसकी मौत हो गई थी। जबकि, पहली बीवी से उसका 13 साल का एक बेटा है, जिसका नाम मोहम्मद फैजान है।
दुष्कर्म के आरोप के अलावा महमूद आलम पर भ्रष्टाचार का भी आरोप है। महमूद की साल 2012 में उर्दू टाइपिस्ट के रूप में जॉइनिंग हुई थी। इसके एक साल बाद ही उसका प्रमोशन हो गया था। साल 2013 में इसे प्रधान लिपिक बना दिया गया था। इन 8 सालों यानी कि 2012 से लेकर 2020 के बीच महमूद पर कई बार भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं और महिला कर्मचारी के साथ दुष्कर्म के प्रयास का मामला सामने आया है। दबे स्वर में ब्लॉक के कर्मचारी के साथ ही स्थानीय लोगों का कहना है कि महमूद आलम ने प्रधानमंत्री आवास योजना की आड़ में भी कई लोगों से मोटी रकम वसूला है। मगर सबूत के अभाव में वह हर बार बच गया। हालाँकि इस बार दुष्कर्म के प्रयास के आरोप से नहीं बच सका।
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