बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद जमां खान ने धर्म परिवर्तन को लेकर बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि उनके पूर्वज हिंदू राजपूत थे। लेकिन बाद में उन्होंने इस्लाम धर्म कबूल कर लिया था। उनके मुताबिक, आज भी उनके पूर्वज के कई राजपूत वंशज हैं जिनसे उनका पारिवारिक रिश्ता है।
बता दें कि अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमां खान का यह बयान पत्रकारों से बात करते हुए आया। उनसे देश भर में हो रहे धर्मांतरण के बवाल को लेकर सवाल किया गया था। जमां खान ने अपनी बात कहते हुए खानदान के इतिहास के बारे में बताया।
उन्होंने कहा कि उनके पूर्वज दो भाई थे जिनका नाम जयराम सिंह और भगवान सिंह था। एक लड़ाई जीतकर वह दोनों कैमूर के इलाके में बस गए। बाद में भगवान सिंह मुसलमान बन गए। मंत्री जमा खां ने बताया कि वे भगवान सिंह के खानदान से आते हैं। जबकि जयराम सिंह के वंश के लोग अब भी हिन्दू हैं। दोनों परिवारों में आज भी आना-जाना है और पारिवारिक रिश्ते बरकरार हैं।
खान आज की स्थिति पर जवाब देते हुए कहते हैं, “किसी का भी जबरदस्ती धर्म परिवर्तन नहीं कराया जा सकता। कोई मेरे सिर पर पिस्टल लगा देगा तो भी मैं अपना धर्म नहीं बदलूँगा। इसी तरह से कोई दूसरा आदमी भी अपना धर्म जबरदस्ती नहीं बदलेगा।” जमा खां ने कहा कि अगर कोई स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करता है तो ठीक है। लेकिन जबरदस्ती ऐसा नहीं होगा। राज्य सरकार ऐसा नहीं होने देगी।
वह कहते हैं,
“धर्म का मामला मोहब्बत से होता है। कोई जबरदस्ती नहीं कर सकता। धर्म परिवर्तन भाईचारा और प्रेम से होता है। मेरे पूर्वज हिंदू थे लेकिन लाख कोई पिस्टल थमा दे तो क्या हम धर्म परिवर्तन कर लेंगे। बिल्कुल नहीं करेंगे। जो जबरन ऐसा कर रहे हैं वे बचेंगे नहीं। बिहार में जो सरकार है, वह ऐसे लोगों को छोड़ेगी नहीं। कोई अपने मन से कर रहा है तो कोई बात नहीं लेकिन जो जबरन ऐसा करते पकड़े जाएँगे उन्हें सजा मिलेगी। जो पकड़े जा रहे हैं उन्हें सजा जरूर होगी।”
उल्लेखनीय है कि बिहार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमां खान कैमूर जिले के चैनपुर से बसपा की टिकट से चुनाव जीते थे। लेकिन जीत के बाद वो जेडीयू में शामिल हो गए। बाद में नीतीश सरकार ने उन्हें मंत्री बना दिया। वह कैमूर के ही नौघड़ा ग्राम निवासी हैं जहाँ उनके पिता एक बड़े किसान हैं।